मक्का मस्जिद, समझौता एक्सप्रेस समेत चार धमाकों में आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला हैं। यहां तक कि उनसे पूछताछ के लिए भी एनआईए कोई सबूत नहीं जुटा सकी जिसे कोर्ट में पेश किया जा सके। इससे इस मामले के अभियुक्त इंद्रेश के बेकसूर छूटने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।
यह संकेत एनआईए के एक जांच अधिकारी ने दिल्ली के एक अंग्रेजी अखबार को यह जानकारी दी। हालांकि एनआईए ने अब तक इसकी पुष्टि नहीं की है।
जांच एजेंसी समझौता एक्सप्रेस और मक्का मस्जिद समेत सात आतंकी वारदातों की गुत्थी सुलझाने में नाकाम रही। 2007 में हुए इन धमाकों की जांच का जिम्मा एनआईए को 2011 में सौंपा गया था। तीन साल में एक दर्जन से अधिक गिरफ्तारियों और छह चाजर्शीट दाखिल करने के बाद जांचकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे कि वे मामला सुलझाने के करीब भी नहीं पहुंच पाए हैं।
धमाकों में गिरफ्तार किए गए कुछ लोगों ने कथित तौर पर इंद्रेश कुमार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने 2005 में जयपुर और 2006 में गुजरात के डांग में दो मुलाकातों के दौरान ‘काम’ जारी रखने के लिए कहा था। इंद्रेश पर आरएसएस के पूर्व प्रचारक सुनील जोशी तक पैसे पहुंचाने का भी आरोप लगा था। सुनील जोशी छह बम धमाकों का मुख्य आरोपी था। जांचकर्ता के मुताबिक इंद्रेश के खिलाफ सिर्फ कुछ गवाहों और आरोपियों के बयान ही हैं। इन्हें कोर्ट में साबित करने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं।
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