प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कल राष्ट्रीय राजधानी में औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री जन धन योजना का शुभारंभ करेंगे। इसके साथ ही राज्यों की राजधानियों एवं राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के अन्य प्रमुख केन्द्रों और सभी जिला मुख्यालयों में इस योजना के शुभारंभ समारोह आयोजित किये जाएंगे। इस योजना के आगाज के मौके पर देशभर में प्रमुख स्थलों पर तकरीबन 76 समारोह आयोजित किये जाएंगे, जिनमें केन्द्रीय मंत्रियों और राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी शिरकत करेंगे।
इस मेगा योजना के शुभारंभ के अवसर पर सार्वजनिक बैंकों की विभिन्न शाखाएं उसी दिन ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में 60 हजार से भी ज्यादा शिविरों का आयोजन करेंगी। यह अनुमान लगाया गया है कि उस दिन तकरीबन 1 करोड़ खाते खोले जाएंगे। ये शिविर सफल साबित होंगे क्योंकि नये खाताधारकों से आवश्यक सूचनाएं हासिल करने के लिए शुरुआती शिविरों का आयोजन पहले ही किया जा चुका है।
प्रधानमंत्री ने ‘पीएमजेडीवाई’ संबंधी अपनी स्वतंत्रता दिवस घोषणा का जिक्र करते हुए सभी बैंक अधिकारियों को तकरीबन 7.25 लाख ई-मेल भेजे थे। यह योजना वित्तीय समावेश पर एक राष्ट्रीय मिशन है, जिसका उद्देश्य देश में सभी परिवारों को बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराना और हर परिवार का एक बैंक खाता खोलना है।
‘पीएमजेडीवाई’ के तहत वित्तीय साक्षरता को प्राथमिकता दी गई है। इस योजना के प्रति जागरूकता के लिए देशी भाषाओं में एक मानक वित्तीय साक्षरता सामग्री भी तैयार की गई है। इस योजना के तहत कम-से-कम 7.5 करोड़ परिवारों को कवर किये जाने का अनुमान है।
प्रधानमंत्री जन धन योजना सब का साथ सब का विकास की हमारी विकास अवधारणा का अहम भाग है। एक बैंक खाता खुल जाने के बाद हर परिवार को बैंकिंग और कर्ज की सुविधाएं सुलभ हो जाएंगी। इससे उन्हें साहूकारों के चंगुल से निकलने, आपातकालीन जरूरतों के चलते पैदा होने वाले वित्तीय संकटों से खुद को दूर रखने और तरह-तरह के वित्तीय उत्पादों से लाभान्वित होने का मौका मिलेगा। पहले कदम के तहत हर खाताधारक को एक रुपे डेबिट कार्ड और एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर दिया जाएगा। आगे चलकर उन्हें बीमा और पेंशन उत्पादों के दायरे में लाया जाएगा।
प्रधानमंत्री जन धन योजना की मुख्य बातें :
1. प्रधानमंत्री वित्तीय समावेश पर 28 अगस्त 2014 को ‘प्रधानमंत्री जन धन योजना (पीएमजेडीवाई) नामक राष्ट्रीय मिशन का शुभारम्भ करेंगे।‘
2. यह मिशन दो चरणों में लागू होगा।
3. पहला चरण 15 अगस्त 2014 से 14 अगस्त 2015 तक होगा जिसमें निम्नलिखित शामिल हैं:-
(1) पूरे देश में सभी परिवारों को उचित दूरी के अंदर किसी बैंक की शाखा या निर्धारित प्वाइंट ‘बिजनेस कॉरसपोंडेंट’ के माध्यम से बैंकिंग सुविधाओं की वैश्विक पहुंच उपलब्ध कराना।
(2) सभी परिवारों को एक लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवर, रुपे डेबिट कार्ड के साथ कम से कम एक मूल बैंकिंग खाता उपलब्ध कराना। इसके अलावा खाते का छह महीने तक संतोषजनक परिचालन होने के बाद आधार से जुड़े खातों पर पांच हजार रुपये तक की ओवरड्राफ्ट सुविधा की अनुमति भी दी जायेगी।
(3) वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम शुरू करना जिसका उद्देश्य वित्तीय साक्षरता को ग्राम स्तर तक ले जाना है।
(4) इस मिशन में लाभार्थियों के बैंक खातों के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं के अधीन प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का विस्तार भी शामिल है।
4. किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को रुपे किसान कार्ड के रूप में जारी करना भी योजना के अधीन प्रस्तावित है।
5. चरण दो 15 अगस्त 2015 से 14 अगस्त 2018 तक होगा।
(1) लोगों को माइक्रो-बीमा उपलब्ध कराना।
(2) बिजनेस कॉरसपोंडेंट (बीसी) के माध्यम से स्वाबलम्बन जैसी गैर-संगठित क्षेत्र पेंशन योजनाएं शुरू करना।
इस योजना की मुख्य विशेषता यह है कि पूर्व में लक्षित गांव के बजाय इस बार परिवार लक्ष्य को केंद्र में रखा गया है। इसके अलावा ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों को इस योजना में कवर किया जा रहा है, जबकि पहले केवल ग्रामीण क्षेत्रों को ही लक्ष्य में रखा गया था। वर्तमान योजना में वित्तमंत्री के नेतृत्व वाले मिशन द्वारा निगरानी पर विशेष जोर देने के साथ डिजिटल वित्तीय समावेश का प्रावधान है।
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