आयुर्वेदिक दवाओं की गुणवत्‍ता सुनिश्‍चित करेगी सरकार : डॉ. हर्षवर्धन

सरकार आयुर्वेदिक दवाओं के उत्‍पादन में मानकीकरण पर विशेष जोर देगी 
डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, 'वैश्‍विक दवा क्षेत्र में ब्रांड इंडिया की अगुवाई आयुष करेगा'

केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने घोषणा की कि सरकार परंपरागत दवाओं के लिए जल्‍द ही अलग से एक केंद्रीय दवा नियंत्रक का गठन करेगी। इसका उद्देश्‍य उत्‍पादन के मानकों में गुणवत्‍ता सुनिश्‍चित करना है। 

डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां मंत्रालय के आयुष विभाग द्वारा आयोजित प्रथम 'आरोग्‍य एक्‍सपो' का उद्घाटन करते हुए कहा कि यह अफसोस की बात है कि परंपरागत दवाओं के क्षेत्र में भारत को जो अनुभव एवं ताकत हासिल है, वह वैश्‍विक परंपरागत दवा बाजार में भारत की बाजार हिस्‍सेदारी में तब्‍दील नहीं हो पाई है। यह एक्‍सपो विश्‍व आयुर्वेद कांग्रेस का ही एक हिस्‍सा है। 

उन्‍होंने कहा, 'चाहे इसे आयुर्वेदिक दवाएं या हर्बल दवाएं अथवा परंपरागत दवाएं कहें, इसका वैश्‍विक बाजार मौजूदा समय में तकरीबन 100 अरब डॉलर का है। इसमें भारत की हिस्‍सेदारी मामूली है क्‍योंकि गुणवत्‍ता मानकों को अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर के अनुरूप बरकरार नहीं रखा जा सका है। सरकार ने इस कमी को दूर करने का निर्णय लिया है।' 

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि नियामक प्राधिकरण को संस्‍थागत रूप देने के साथ-साथ केंद्रीय व राज्‍य स्‍तरीय प्रयोगशालाओं का सहयोग मिलने से स्‍वास्‍थ्‍य रक्षा की मुख्‍य धारा में परंपरागत एवं स्‍वदेशी दवाओं को गौरवमयी स्‍थान सुनिश्‍चित होगा। 

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि आयुर्वेद के लिए उनका सम्‍मान भावनाओं के चलते नहीं, बल्‍कि वैज्ञानिक समझ के कारण उमड़ा है। उन्‍होंने कहा, 'आज के युग में दवा की कोई भी एकल धारा सर्वेसर्वा नहीं है। यह समग्र दवाओं का युग है और मैं इसमें भारत को बढ़त सुनिश्‍चित करने की कामना करता हूं।' डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हम आयुर्वेद के जरिए ब्रांड इंडिया को विकसित करने के प्रति कटिबद्ध हैं। 

उन्‍होंने कहा कि राष्‍ट्रीय आयुष मिशन के शुभारंभ के साथ ही सरकार देश में तैयार की जाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं का ब्रांड मूल्‍य बनाने पर अपना ध्‍यान केंद्रित करेगी। 

स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि आयुष को संरक्षण एवं बढ़ावा देने के लिए नये सिरे से जो प्रयास किए जा रहे हैं उससे परंपरागत दवाओं के क्षेत्र में बूम आने की उम्‍मीद है। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस मिशन पर विशेष जोर देते रहे हैं। इस क्षेत्र में विस्‍तार की जो भरपूर गुंजाइश नजर आ रही है उससे रोजगार सृजन की क्षमता कई गुना बढ़ जाएगी। 

सरकार द्वारा आयोजित प्रथम आरोग्‍य एक्‍सपो का ऐसे सर्वाधिक बड़े औद्योगिक मेले में तब्‍दील होना तय है जिसमें आयुष क्षेत्र के पक्ष भी शामिल हैं। विश्‍व भर के व्‍यापार संगठनों द्वारा इसमें भाग लिए जाने की आशा है। 

जमीन घोटालों में फंसते देख दामाद जी अपनी चार कंपनियां बंद की

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने डीएलएफ जमीन घोटाले को लेकर मुश्किल बढ़ती देख अपना कारोबार समेटना शुरू कर दिया है। वाड्रा ने 12 में से 4 कंपनियां बंद कर ली हैं, ये कंपनियां हरियाणा और राजस्थान में काम कर रही हैं। 2 और कंपनियां जल्द ही बंद हो सकती हैं। जिन कंपनियों को बंद कर दिया है उनके नाम हैं।

लाइफलाइन एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड, ग्रीनवेव एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड, राइटलाइन एग्रीकल्चर प्राइवेट लिमिटेड, प्राइम टाइम एग्रो प्राइवेट लिमिटेड। जल्द ही दो और कंपनियां भी बंद होने वाली हैं। मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स के मुताबिक फ्यूचर इंफ्रा एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, बेस्ट सीजनंस एग्रो प्राइवेट लिमिटेड। ये कंपनियां 2012 में बनाई गई थीं।

एक अंग्रेजी अखबार का दावा है कि सीएजी की ड्राफ्ट रिपोर्ट में वाड्रा पर 44 करोड़ के गड़बड़झाले का आरोप है। अंग्रेजी अखबार के मुताबिक सीएजी की रिपोर्ट में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उन्हें कानून तोड़ने का मौका दिया, जिससे वाड्रा ने करीब 44 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया।

प्रार्थना सभा की आड़ में चलता है धर्म परिवर्तन का खेल: विहिप

ईसाई मिशनरी लालच देकर धर्म परिवर्तन करवाते हैं। उनका ज्यादा निशाना हिंदू परिवारों पर होता है। इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

यह बात मंगलवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत करते हुए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के जिलाध्यक्ष पंडित सुरेश शर्मा, प्रांत संपर्क प्रमुख कमलजीत सेतिया व धर्म जागरण समन्वय विभाग के विभाग प्रमुख संजीव तलवाड़ ने संयुक्त रूप से कही।

तीनों नेताओं ने दावा किया प्रार्थना सभा की आड़ में ईसाई मिशनरी धर्म परिवर्तन की चाल चलती हैं। इनके झांसे में आए 2306 परिवारों की कुछ समय पहले घर वापसी करवाई गई है। ये परिवार लालच और बहकावे में आकर धर्म परिवर्तन कर बैठे थे। ज्यादा निशाना गुरदासपुर के सीमा के साथ सटे गांवों को बनाया जा रहा है। इन नेताओं ने दावा किया कि विदेशी ताकतों के हाथों में खेलते हुए धर्म परिवर्तन का हथकंडा अपनाकर हिंदू समाज को बांटने की नापाक कोशिश की जाती है। साथ ही सवाल किया की कि जो लोग खुद को आज ईसाई कहते फिर रहे हैं, वह ही बताएं कि उनका पिछोकड़ क्या था? उन्होंने आह्वान किया कि हिंदू समाज इनकी चालों में न आए। क्योंकि यह सब्जबाग दिखाकर परिवारों को बांट कर उन्हें लड़ाने की साजिश रचते हैं।

29 अक्टूबर को रोशन ग्राउंड में आयोजित की गई मसीही सत्संग को विफल बनाने का उन्होंने तमाम हिंदू संगठनों का तहेदिल से धन्यवाद किया। ईसाई प्रतिनिधि दावा कर रहे थे कि मसीही सत्संग में 25 हजार संगत पहुंचेगी, लेकिन पंडाल में उपस्थिति 1500 से भी कम थी। इस मौके पर नगेंद्र गुप्ता, बलजीत राजा, सौरव इत्यादि मौजूद थे।

विहिप नेता कमलजीत सेतिया ने कहा कि ईसाई समागमों में योजनाबद्ध ढंग से लोगों को बहकाया जाता है। योजना के तहत समागम में इनके ही व्यक्ति उठते हैं और दावा करते हैं कि ईसाई बनने पर उन्हें सुख शांति मिली है। प्रार्थना से उनकी बीमारी ठीक हो गई। जबकि असलियत में यह सब धर्म परिवर्तन करवाने के लिए लोगों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया जाता है। उन्होंने कहा कि रोशन ग्राउंड में आयोजित मसीही सत्संग की वीडियोग्राफी प्रशासन से हासिल करके देखी जाएगी, अगर कहीं पर कुछ गलत पाए जाने पर शिकायत भी होगी।

राम मंदिर हेतु यहाँ चार साल से लगातार हो रहा है हनुमान चालीसा का पाठ

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता प्रशस्त करने के लिये वृंदावन के संत कोशिश में हैं। यहां एक कुटी में करीब चार साल से अनवरत सुबह-शाम हनुमान चालीसा का पाठ किया जा रहा है।

करीब चार साल पहले का वाकया है। अयोध्या में विवादित भूमि के मसले पर सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने वाला था। तब विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय नेतृत्व ने अपने संगठन और साधु-संतों से पूरे देश में हनुमान चालीसा का पाठ करने और कराने का फरमान जारी किया था। इसका पालन करते हुए विश्व हिंदू परिषद के स्थानीय कर्ता-धर्ताओं ने वृंदावन में भी श्री हनुमत शक्ति जागरण परिषद का गठन कर गांव-गांव और हरेक मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ कराना शुरू किया। 

सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद धीरे-धीरे विश्व हिंदू परिषद की यह गतिविधि बंद हो गई लेकिन वृंदावन के बड़े संतों में से एक और विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय मार्ग दर्शक मंडल के सदस्य महंत फूल डोल बिहारी दास महाराज के आश्रम चैतन्य कुटी पर सुबह-शाम हनुमान चालीसा का पाठ चार साल से अब भी लगातार हो रहा है। महंत फूल डोल बिहारी दास महाराज ने मंगलवार को बताया कि रोजाना सुबह-शाम साढ़े सात बजे से इसका पाठ शुरू होता है। इसमें अनेक साधु-संत और श्रद्धालु शामिल होते हैं। 

महंत फूल डोल बिहारी दास ने कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर निर्माण होने तक लगातार चलता रहेगा। मोदी का प्रधान मंत्रित्व कार्यकाल समाप्त होने तक अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर भी बनेगा, जम्मू कश्मीर से धारा 370 भी हटेगी और समान नागरिक संहिता भी लागू होगी।

तो यह है काला धन वापिस लाने का मोदी का आइडिया

नरेंद्र मोदी सरकार ने विदेशी बैंकों में जमा काला धन वापस लाने के चुनावी वादे को पूरा करने के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की घोषणा की है. सरकार ने 627 लोगों के नामों की सूची सुप्रीम कोर्ट में सौंपी है, जिनके खाते कथित रूप से जेनेवा के एचएसबीसी बैंक में हैं और एसआईटी—जिसमें प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी), राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) और सीबीआई जैसी एजेंसियों के अधिकारी हैं—ने यह डर पैदा कर दिया है कि वह उन कठोर कानूनों को वापस ला सकती है जो निवेश और व्यापार की राह में रोड़ा बनते रहे हैं.

एसआईटी ने प्रवर्तन निदेशालय के उस प्रस्ताव का समर्थन किया है, जिसमें 1999 के विदेशी मुद्रा प्रबंधन कानून (फेमा) में संशोधन की पेशकश की गई है, ताकि निदेशालय विदेश में काला धन रखने वाले व्यक्ति की उतनी ही कीमत की संपत्ति भारत में जब्त कर सके. प्रवर्तन निदेशालय का कहना है कि इससे काला धन जमा करने वाले संभावित लोगों में खौफ पैदा होगा. एसआईटी के एक अन्य प्रस्ताव में उन देशों से आने वाले एफडीआई के प्रावधानों को सख्त बनाने को कहा गया है, जो टैक्स चोरी के लिए सुरक्षित माने जाते हैं. जांचकर्ताओं का मानना है कि काला धन एफडीआई के रूप में देश में आ रहा है. लेकिन इससे जायज निवेशकों के मन में डर हो सकता है और निवेश धीमा हो सकता है.

एसआईटी का मानना है कि आयकर विभाग को स्विट्जरलैंड, फ्रांस और जर्मनी जैसे देशों के साथ दोहरा कराधान निषेध संधि (डीटीएए) करनी चाहिए और ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिससे उनके बैंकों में काला धन जमा करने वालों के नाम मांगे जा सकें और उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जा सके. एसआईटी ने जर्मनी का अनुकरण करने का सुझाव भी दिया है. जर्मनी ने स्विट्जरलैंड से कहा है कि वह अपने बैंकों में जर्मनी के व्यक्तियों की जमा रकम की 20 फीसदी राशि काटकर जर्मन सरकार के खाते में जमा कर दे और इसके लिए खातेदारों के नामों का खुलासा करने की कोई जरूरत नहीं है.

इस बात का डर है कि इन प्रस्तावों से कॉर्पोरेट इंडिया और बाकी दुनिया के सामने मोदी सरकार की कारोबार को बढ़ावा देने वाली छवि को धक्का लगेगा. मसलन, विदेशी बैंकों में खाता रखने वालों के नामों का खुलासा करना उस देश के साथ डीटीएए के गोपनीय शर्त का उल्लंघन होगा. सरकार को डर है कि डीटीएए की शर्तों के उल्लंघन से वे देश पीछे हट जाएंगे, जो भारत के साथ संधि करने जा रहे हैं. ऐसे देशों में अमेरिका शामिल है. अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट से कह चुके हैं, ''जिन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है, उनके नामों को उजागर करने पर विदेशी सरकारों के सूत्र जानकारी देना बंद कर देंगे.’’ जाहिर है, सरकार काले धन पर चुनावी वादे को अमल में लाने की कोशिश में है, तो दूसरी ओर वह अर्थव्यवस्था में सुधारों और विकास के एजेंडे को भी आगे बढ़ाने का प्रयास कर रही है.

चुनाव बाद बीजेपी के साथ आ सकती है पीडीपी

विधानसभा के लिए होने जा रहे चुनावों से पहले जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक नया मोड़ आता दिख रहा है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी पीडीपी ने संकेत दिए हैं कि वह चुनाव के बाद बीजेपी के साथ आ सकती है। पार्टी चीफ मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा कि वह पहले भी बीजेपी के नेताओं के साथ काम कर चुके हैं और आगे भी कर सकते हैं।

एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कहा कि मैं वाजपेयी और आडवाणी के साथ काम कर चुका हूं और हमें आगे भी दिल्ली सरकार के साथ मिलकर चलना होगा। उन्होंने कहा, 'जम हम आए थे(राज्य में सत्ता में) तो वाजपेयी जी हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री थे और आडवाणी होम मिनिस्टर। उनको भी हमने साथ चलाया। हम अकेले नहीं चला सकते हैं। कंधे से कंधा मिलाकर चलना है। उन लोगों के साथ भी जो दिल्ली में आज भी बैठे हैं।' 

पीडीपी चीफ ने यह भी कहा कि भारत को पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के बातचीत शुरू करनी चाहिए, ताकि इलाके में शांति कायम रह सके। उन्होंने कहा, 'अगर आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हिंदुस्तान को एक महान देश बनाना चाहते हैं तो उन्हें अटल जी की मिसाल पर काम करना होगा। अटल जी ने कहा था- आप अपने दोस्त बदल सकते हैं, मगर पड़ोसी नहीं बदल सकते।' 

जम्मू-कश्मीर में 25 नवंबर से 20 दिसंबर तक पांच चरणों में चुनाव होने जा रहे हैं। चुनाव के नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे।

नरेंद्र मोदी द्वारा आकाशवाणी पर 'मन की बात' का पूरा संवाद

क़रीब एक महीने के बाद, मैं फिर से आज आपके बीच आया हूं । एक महीना बहुत लम्बा समय होता है । बहुत सारी घटनाएं देश और दुनिया में होती रहती हैं । आप सबने भी उमंग और उत्साह के साथ दिवाली का पर्व मनाया । उत्सव ही हैं जो समय-समय पर जीवन में उमंग भरते रहते हैं,,,गरीब हो, अमीर हो, गाँव का हो, शहर का हो, हर किसी के जीवन में उत्सव का अपना महात्म्य रहता ही है । दिवाली के बाद आज मैं पहली बार मिल रहा हूँ आपसे । मेरी आपको बहुत बहुत शुभकामनायें हैं । 

पिछली बार जो मैने बातें की थी मुझे उन बातों के बाद एक नया अहसास हुआ है, एक नई अनुभूति हुई है । कभी कभी ऐसा सोचते हैं कि छोड़ो यार .....लोग बेकार हैं, लोगों को कुछ करना नहीं है... हमारा देश ही ऐसा है । मैं पिछले मेरे मन की बात और आज मैं कहता हूं ये सोच बदलना बहुत ही जरूरी है हमारा देश ऐसा नहीं है, हमारे देश के लोग ऐसे नहीं हैं । कभी कभी तो मुझे लगता है कि देश बहुत आगे है, सरकारें बहुत पीछे हैं । और जब मैं अनुभव से कहता हूं कि शायद सरकारों को भी अपनी सोच बदलना बहुत जरूरी है । और मैं इसलिये कह रहा हूं कि मैं देख रहा हूं कि ये युवा भारत ख़ास कर के कुछ न कुछ करने के लिये कमिटेड हैं, लालायित हैं, अवसर खोज रहा हैं । और अपने तरीके से कर भी रहा है । मैंने पिछली बार कहा था, कम से कम एक खादी का वस्त्र ख़रीदिये । मैंने किसी को खादीधारी बनने के लिये नहीं कहा था । लेकिन मुझे खादी भण्डार वालों से जानकारी मिली कि एक सप्ताह में करीब करीब सवा सौ परसेन्ट हंड्रेड एंड ट्वेंटी फाइव परसेन्ट बिक्री में वृद्धि हो गयी । एक प्रकार से पिछले वर्ष की तुलना में 2 अक्तूबर से एक सप्ताह में डबल से भी ज्यादा खादी की बिक्री हुई । इसका मतलब यह हुआ कि देश की जनता हम जो सोचते हैं, उससे भी कई गुना आगे है । मैं भारतवासियों को प्रणाम करता हूं ।

सफाई........... कोई कल्पना कर सकता है कि सफाई ऐसा जन आन्दोलन का रूप ले लेगा । अपेक्षायें बहुत हैं, और होनी भी चाहिये । और एक अच्छा परिणाम मुझे नज़र आ रहा है, सफाई अब दो हिस्सों में देखी जा रही है । एक जो पुरानी गन्दगी है, जो गन्दगी के ढ़ेर हैं, उसको सरकारी तंत्र...शासन में बैठे हुए लोग उसके लिये क्या उपाय करेंगे । बहुत बड़ी चुनौती है लेकिन ! आप जिम्मेवारी से भाग नहीं सकते । सभी सरकारों ने सभी म्यूनिसिपैलिटीज़ ने, इस जिम्मेवारी के लिये कदम उठाने ही पड़ेंगे क्योंकि जनता का दबाव बढ़ने वाला है । और मीडिया भी इसमें बहुत अच्छी भूमिका निभा रहा है । लेकिन जो दूसरा पहलू है जो बहुत ही उमंग वाला है, आनन्द वाला है और मन को संतोष देने वाला है । सामान्य मानव को लगने लगा है कि चलो पहले की बात छोड़ो, अब गंदगी नहीं करेंगे । हम नई गंदगी में इज़ाफ़ा नहीं करेंगे । मुझे सतना, मध्यप्रदेश के, कोई श्रीमान् भरत गुप्ता करके हैं, उन्होंने मेरे mygov पर एक मेल भेजा । उन्होंने अपना...रेलवे में दौरा जा रहे थे, उसका अपना अनुभव कहा...उन्होंने कहा कि साहब मैं पहले भी रेलवे में जाता था, इस बार भी रेलवे में गया लेकिन मैं देख रहा हूं कि रेलवे में हर पैसेन्जर...रेलवे में लोग खाते-पीते रहते हैं, कागज-वागज फेंकते रहते हैं...बोले कि कोई फेंकता नहीं था, इतना ही नहीं, ढूंढ़ते थे कि डिब्बे में कहीं डस्टबिन है क्या, कूड़ा कचरा उसमें डालें । और जब देखा कि भई रेलवे में ये व्यवस्था तो नहीं है तो उन्होंने खुद ने कोने में ही सब लोगों ने अपना कूड़ा कचरा इकट्ठा कर दिया । बोले ये मेरे लिये बहुत ही सुखद अनुभव था । मैं भरत जी का आभारी हूं कि उन्होंने ये जानकारी मुझे पहुंचाई । लेकिन मैं ये देख रहा हूं कि सबसे ज्यादा प्रभाव छोटे-छोटे बच्चों में हुआ है । सैंकड़ों परिवार ये बात की चर्चा करते हैं कि हमारा बच्चा अभी कहीं चॉकलेट खाता है तो कागज तुरन्त उठा लेता है । मैंने अभी एक... सोशल मीडिया में किसी का देखा था कि...किसी ने लिखा था...आज का मेरा हीरो...और आज का मेरा हीरो में उन्होंने किसी बच्चे की तस्वीर दी थी । और कहा था वो बच्चा खुद इन दिनों...कहीं पर भी कूड़ा कचरा है तो उठा लेता है...स्कूल जाता है तो उठा लेता है । अपने आप कर रहा है । आप देखिये...सबको लगने लगा है कि हमारा देश, हम गन्दा नहीं करेंगे । हम गन्दगी में इज़ाफ़ा नहीं करेंगे । और जो भी करते हैं वो शर्मिन्दगी महसूस करते हैं, तुरन्त कोई न कोई उनको टोकने वाला मिल जाता है । मैं इसे शुभ संकेत मानता हूं ।

एक अच्छी बात यह भी हो रही है कि इन दिनों मुझे जो लोग मिलने आते हैं, समाज के सभी क्षेत्र के लोग मिलते हैं । सरकारी अधिकारी हों, खेल के जगत के लोग हों, सिने जगत के लोग हों, व्यापार जगत के लोग हों, वैज्ञानिक हों...इन दिनों जब भी वो मेरे से बात करते हैं...तो दस मिनट की बात में चार पांच मिनट तो वे समाज सम्बंधित विषयों पर चर्चा करते हैं । कोई सफाई पर बात करता है, कोई शिक्षा पर बात करता है, कोई सामाजिक सुधार के संबंध में चर्चा करता है । कोई हमारा पारिवारिक जीवन नष्ट हो रहा है उस पर चर्चा कर रहा है । मैं समझता हूं कि वरना पहले तो ऐसा कोई व्यापारी आयेगा तो सरकार के पास तो अपने स्वार्थ की बात करेगा । लेकिन एक बड़ा बदलाव मैं देख रहा हूं । वो अपने स्वार्थ के बात की बातें कम, समाज संबंधित कुछ न कुछ ज़िम्मेवारियाँ लेने की बात ज्यादा करते हैं । ये चीजे हैं जो मैं जब जोड़ करके देखता हूं, तो मुझे ध्यान आता है कि एक...एक बहुत अच्छे बदलाव की दिशा में हम आगे बढ़ रहे है । और ये बात सही है...गन्दगी से बीमारी आती है, लेकिन बीमारी कहाँ आती है । क्या अमीर के घर में आती है क्या ! बीमारी सबसे पहले गरीब के घर पर ही दस्तक देती है । अगर हम स्वच्छता करते हैं न ! तो गरीबों का सबसे बड़ा...मदद करने का काम करते हैं । अगर मेरा कोई गरीब परिवार बीमार नहीं होगा तो उसके जीवन में कभी आर्थिक संकट भी नहीं आयेगा । वो स्वस्थ रहेगा तो मेहनत करेगा, कमायेगा, परिवार चलायेगा । और इसलिये मेरी स्वच्छता का सीधा सम्बन्ध...मेरे गरीब भाई बहनों के आरोग्य के साथ है । हम गरीबों के और अच्छी सेवा कर पायें या न कर पायें हम गन्दगी न करें न, तो भी गरीब का भला होता है । इसको इस रूप में हम लें अच्छा होगा । 

मुझे...जो चिट्ठियाँ आती है अनेक-अनेक प्रकार की चिट्ठियाँ आती हैं । लेकिन एक जो पिछले बार कहा था कि हमारे जो स्पेशली-एबल्ड चाइल्ड है । परमात्मा ने जिसे कुछ न कुछ कमी दी है । शारीरिक क्षति दी है, तो उसके विषय में मैं अपनी भावनायें सबके सामने रखी थीं । उस पर भी मैंने देखा है कि जो जो लोग इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं वे अपनी सफलता की गाथायें मुझे भेज रहे हैं । लेकिन दो चीजें तो मुझे मेरी सरकार से पता चला । मेरे कहने के बाद हमारा जो एच.आर.डी. मिनिस्ट्री के अफसर हैं उनको लगा कि हमको भी कुछ करना चाहिये । और अफसरों ने मिल करके एक योजना बनाई । देखिये सरकार में बदलाव कैसे शुरू होता है इसका उदाहरण है । एक तो उन्होंने तय किया कि जो स्पेशली-एबल्ड चाइल्ड है अगर वो टैकनिकल एजुकेशन में जाना चाहता है तो उसको ऐसे एक हजार अच्छे स्पेशली-एबल्ड चाइल्ड को पसन्द करके उनको स्पेशल स्कॉलरशिप देने की उन्होंने योजना बनाई है । मैं विभाग के इन सारे अधिकारियों को जो विचार आया उनको बधाई देता हूं । दूसरा एक महत्वपूर्ण काम किया है उन्होंने कि जितनी केन्द्रीय विद्यालय हैं, और जितनी सैन्ट्र्ल यूनिवर्सिटीज हैं वहाँ पर स्पेशली-एबल्ड बच्चों के लिये आवश्यक होता है अलग इन्फ्रास्ट्र्क्चर...वो सीढ़ी पर नहीं चढ़ पाते तो उनके लिये ट्राइसाइकल चलाने वाला अलग व्यवस्था चाहिये । उनके लिये अलग प्रकार के टॉयलेट चाहिये । तो हमारे एच.आर.डी. मिनिस्ट्री के सब अधिकारियों ने मिल करके तय किया है कि केन्द्रीय विद्यालय और सेन्ट्र्ल यूनिवर्सिटी में एक लाख रूपये विशेष दिया जायेगा हर एक को । और एक लाख रूपये में वो स्पेशली-एबल्ड चाइल्ड के लिये जो आवश्यक इन्फ्रास्ट्र्क्चर खड़ा करना होगा, उसको खड़ा करेंगे । ये है शुभ शुरूआत...यही बाते हैं जो हमें बदलाव की ओर ले जायेंगी । 

मुझे पिछले दिनों सियाचिन जाने का अवसर मिला । मैंने दिवाली देश के लिये मर मिटने वाले जवानों के बीच में बितायी । देश जब दीवाली मना रहा था, तब मैं सियाचीन गया था । क्योंकि उन्हीं की बदौलत तो हम दिवाली मना पा रहे हैं, तो मैं उनके बीच गया था । कितनी कठिनाइयों में वो जीवन गुजारा करते हैं, उसका अनुभव मैंने किया । मैं देश की रक्षा करने वाले जवानों को सैल्यूट करता हॅूं । लेकिन आज मुझे एक और गर्व की बात कहनी है । हमारे देश के जवान सुरक्षा के क्षेत्र में काम करते हैं । प्राकृतिक आपदा के समय जान की बाजी लगाकर हमारी रक्षा करने के लिए कोई भी साहस करने को तैयार हो जाते हैं । खेल-कूद में भी हमारे देश के जवान भारत का गौरव बढाते रहते हैं । आपको जानकर के खुशी होगी कि हमारे सेना के कुछ खिलाडियों ने ब्रिटेन में आयोजित एक बहुत ही प्रस्टीजियस, कम्ब्रिअन पेट्रोल की एक स्पर्धा होती है, करीब 140 देशों को पीछे छोडकर के हमारे इन जवानों ने गोल्ड मैडल दिलाया देश को । मैं इन जवानों का विशेष रूप से अभिनन्दन करता हॅूं । 

मुझे अभी एक अवसर मिला था हमारे देश के जवान, नौजवान विद्यार्थी, युवक-युवतियां, खेल-कूद में जो विजेता होकर आई थीं, उनसे मैंने एक चाय-पान का कार्यक्रम रखा था । मुझे एक नई उर्जा मिली । उनका उत्साह, उमंग मैं देख रहा था कि और देशों की तुलना में हमारी व्यवस्थायें, सुविधायें बहुत कम होती हैं लेकिन शिकायत की बजाय उमंग और उत्साह से और अधिक कुछ करने की बात कर रहे थे । अपने आपमें मेरे लिये इन खिलाडियों के लिये चाय-पान का कार्यक्रम बहुत ही प्रेरक रहा था । मुझे बहुत अच्छा लग रहा था । 

एक बात की ओर मैं देशवासियों को, और मैं सच में मन से कहना चाहता हूँ और मेरे मन की बात है । और मुझे विश्वास है, देशवासियों को मेरे शब्दों पर बहुत भरोसा है, मेरे इरादों पर भरोसा है । लेकिन आज एक बार फिर मैं उसको अपनी तरफ से दोहराना चाहता हॅूं । जहां तक काले धन का सवाल है, ब्लैक मनी का सवाल है, मेरे देशवासी, आपके इस प्रधान सेवक पर भरोसा कीजिये, मेरे लिये ये आर्टिकल ऑफ फेथ है । भारत के गरीब का जो पैसा जो बाहर गया है वो पाई-पाई वापिस आनी चाहिए, ये मेरा कमिटमेंट है । रास्ते क्या हो, पद्धति क्या हो, उसके विषय में, मतभिन्नता हो सकती है । और लोकतंत्र में स्वाभाविक है लेकिन मेरे देशवासी मुझे जितनी समझ है और मेरे पास जितनी जानकारी है उसके आधार पर मैं आपको विश्वास दिलाता हॅूं कि हम सही रास्ते पर हैं । आज तो किसी को पता नही है, न मुझे पता है, न सरकार को पता है, नआपको पता है, न पहले वाली सरकार को ही पता था कि कितना धन बाहर है । हर कोई अपने अपने तरीके से, अलग-अलग आंकडे बताते रहते हैं । मैं उन आंकडों में उलझना नहीं चाहता हॅूं , मेरी प्रतिबद्धता ये है, दो रूपया है, पांच रूपया है, करोड है, अरब है कि खरब है जो भी है । ये देश के गरीबों का पैसा है, वापिस आना चाहिए । और मैं आपको विश्वास दिलाता हॅूं , मेरे प्रयासों में कोई कमी नहीं रहेगी । कोई कोताही नहीं बरती जायेगी । मुझे बस, आपका आशीर्वाद बना रहे । मैं आपके लिए जो भी करना पडेगा, जब भी करना पडेगा, जरूर करता रहॅूंगा । ये मैं आपको भरोसा देता हॅूं ।

मुझे एक चिट्ठी आई है । ............. श्रीमान् अभिषेक पारिख की तरफ से आई है । वैसे इस प्रकार की भावना मुझे, मैं प्रधानमंत्री नहीं था तब भी, कई माताओं, बहनों ने प्रकट की थी । कुछ डाक्टर मित्रों ने भी मेरे सामने ये बात प्रकट की थी और मैं भी भूतकाल में इस विषय पर अपनी भावनाओं को प्रगट करता रहा हॅूं । श्रीमान अभिषेक पारिख ने मुझे कहा है कि हमारी युवा पीढी में बहुत बडी तेजी से, नशे का सेवन, ड्रग की तरफ झुकाव बढ रहा है । उन्होंने मुझसे कहा है कि आप इस विषय पर अपनी मन की बात में जरूर चर्चा करें । मैं उनकी इस पीडा से सहमत हॅू । मैं अगली मन की बात जब करूंगा, मैं जरूर ये नशाखोरी, ये ड्ग्ज, ये ड्रग माफिया और उसके कारण भारत के युवा धन को कितना बडा संकट आ सकता है, उसकी चर्चा अगली बार मैं जरूर करूंगा । इस विषय में आपके भी कुछ अनुभव हों, आपको कुछ जानकारियां हों, इस नशे की आदत वाले बच्चों को अगर आपने बचाया हो, बचाने के अगर आपके कुछ तौर-तरीके हो किसी सरकारी मुलाजिम ने अगर कोई अच्छी भूमिका निभाई हो, अगर ऐसी कोई जानकारी आप मुझे देंगे, तो देशवासियों के सामने, इन अच्छे प्रयासों की बात पहुंचाउंगा और हम सब मिलकर हर परिवार में एक माहौल बनायेंगे कि फ्रस्टेशन के कारण कोई बच्चा इस रास्ते पर न चला जाये, जरूर हम इसकी विस्तार से चर्चा करेंगे । 

मैं जानता हॅूं कि मैं ...... ऐसे विषयों को हाथ लगा रहा हॅूं जिसके संबंध में सरकार सबसे पहले कटघरे में आती है । लेकिन हम कब तक चीजों को छुपाते रखेंगे । कब तक हम पर्दे के पीछे सब बातों को टालते रहेंगे । कभी न कभी तो अच्छे इरादे के लिए, संकट मोल लेना ही पडेगा । मैं भी ये हिम्मत कर रहा हॅूं । आपके प्रेम के कारण । आपके आशीर्वाद के कारण और मैं करता रहॅूंगा । 

कुछ लोगों ने ये भी मुझे कहा है मोदी जी, आप तो कह रहे थे कि हमें सुझाव दीजिये, फेस बुक पर दीजिये, ट्वीटर पर दीजिये, ई-मेल भेजिये । लेकिन देश का बहुत बडा वर्ग है, जिनके पास ये है ही नही तो वो क्या करें । आपकी बात सही है । ये सुविधा सब के पास नहीं है । तो मैं आपको कहता हॅूं कि मेरी मन की बात के संबंध में अगर आप कुछ कहना चाहते हैं तो गांव-गांव रेडियो पर तो मेरी बात को सुनते हैं तो आप, 

मन की बात, 
आकाशवाणी, 
संसद मार्ग, 
नई दिल्ली

अगर चिट्ठी भी भेज देंगे, कुछ सुझाव देंगे तो जरूर मुझ तक पहुंच जायेगा । और मैं जरूर उसको गंभीरता से लॅूंगा । क्योंकि सक्रिय नागरिक, विकास की सबसे बडी पूंजी होता है । आप एक चिट्ठी लिखते हैं, मतलब है कि आप बहुत सक्रिय हैं । आप अपना अभिप्राय देते हैं ........ मतलब कि आप देश की बात के विषयों से कंसर्न है और यही तो देश की ताकत होती है । मैं आपको निमंत्रण देता हॅूं । 

मेरे मन की बात के लिये, आपके मन की बात भी जुडनी चाहिए । हो सकता है आप जरूर चिट्ठी लिखेंगे । मैं कोशिश करूंगा, फिर अगले महीने आपसे बात करने की । मेरा प्रयास रहेगा, जब भी बात करूंगा, रविवार को करूंगा, दिन के 11 बजे करूंगा । तो मुझे आप तक पहुंचने की सुविधा बढ रही है । 

अब मौसम बदल रहा है । धीरे-धीरे ठंड की शुरूआत हो रही है । स्वास्थ्य के लिये बहुत अच्छा मौसम होता है । कुछ लोगों के लिये मौसम खाने के लिये बहुत अच्छा होता है । कुछ लोगों के लिये अच्छे-अच्छे कपडे पहनने के लिये होता है । लेकिन इसके साथ-साथ स्वास्थ्य के लिये भी बहुत अच्छा मौसम होता है । इसे जाने मत दीजिये । इसका भरपूर उपयोग कीजिये ।

बहुत-बहुत धन्यवाद ।

नेपाल में कांग्रेस चलायेगी हिन्दूराष्ट्र बनाने का अभियान

नेपाली कांग्रेस के कुछ नेताओं को हिन्दूराष्ट्र बनाने के लिए 20 नवम्बर से अभियान शुरू करने का निश्चय किया है। नेपाल के संविधान के अनुसार यह देश 1990 तक हिन्दूराष्ट्र था किन्तु 2007 के अंतरिम संविधान के अनुसार इसे धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बना दिया गया। 
        
नेपाली कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेताओं की कल हुई बैठक में 25 सदस्यीय समिति का गठन किया गया जो धार्मिक स्वतंत्रता के साथ नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने का अभियान चलायेगी। बैठक में कुछ सांसद भी उपस्थित थे। 
        
हिन्दू राष्ट्र बनाने का अभियान चलाने वाली समिति का अध्यक्ष वरिष्ठ नेता खम बहादुर खडका को कुमार रेग्मी को सचिव तथा देवप्रकाश त्रिपाठी को प्रचार अभियान समन्वयक बनाया गया है। नेपाली कांग्रेस के भूतपूर्व सचेतक लक्ष्मण प्रसाद धीमरे को सहसमन्वयक बनाया गया है। 20 नवम्बर को शुरू किया जाने वाला अभियान में प्रधानमंत्री सुशील कोइराला तथा नेपाली कांग्रेस के अन्य नेताओं को भी आमंत्रित किया जायेगा।

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