सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी नेताजी सुभाषचंद्र बोस की हत्या की साजिश में शामिल थे।
उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में जापान व जर्मनी की हार के बाद उनके पास कोई चारा नहीं बचा और उन्होंने अपने को छिपाने के लिए झूठी अफवाहें फैला दीं कि एक हवाई जहाज दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। जबकि, तीन सितंबर 1945 को अमेरिका ने ताइवान पर कब्जा कर लिया और सीआइए ने रिपोर्ट में कहा कि ताइवान में पिछले 6 माह में कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ, जबकि 16 अगस्त 1945 को नेताजी वियतनाम के शहर साइगॉन से भाग मंचूरिया चले गए थे और उस समय यह शहर रूस के अधीन था।
वहां पर सोवियत संघ के प्रमुख जोसेफ स्टालिन ने उन्हें गिरफ्तार कर साइबेरिया की याकुतस्क जेल में डाल दिया। इसकी जानकारी 26 दिसंबर 1945 को नेहरू को लग गई और उन्होंने अपने टाइपिस्ट श्यामलाल से अंग्रेजी सरकार के नाम एक पत्र लिखवाया कि उन्हें पहले से ही पता था कि स्टालिन बदमाश है और वह झूठ बोलता है। नेहरू ने अंग्रेजों को बताया कि स्टालिन ने नेताजी को कैद में रखा हुआ है और उन्होंने हम सब से जानकारी छिपाई है। 1953 में रूस ने ब्रिटेन सरकार के दबाव में नेताजी को मरवा दिया था।
उन्होंने कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध में जापान व जर्मनी की हार के बाद उनके पास कोई चारा नहीं बचा और उन्होंने अपने को छिपाने के लिए झूठी अफवाहें फैला दीं कि एक हवाई जहाज दुर्घटना में उनकी मौत हो गई। जबकि, तीन सितंबर 1945 को अमेरिका ने ताइवान पर कब्जा कर लिया और सीआइए ने रिपोर्ट में कहा कि ताइवान में पिछले 6 माह में कोई विमान दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुआ, जबकि 16 अगस्त 1945 को नेताजी वियतनाम के शहर साइगॉन से भाग मंचूरिया चले गए थे और उस समय यह शहर रूस के अधीन था।
वहां पर सोवियत संघ के प्रमुख जोसेफ स्टालिन ने उन्हें गिरफ्तार कर साइबेरिया की याकुतस्क जेल में डाल दिया। इसकी जानकारी 26 दिसंबर 1945 को नेहरू को लग गई और उन्होंने अपने टाइपिस्ट श्यामलाल से अंग्रेजी सरकार के नाम एक पत्र लिखवाया कि उन्हें पहले से ही पता था कि स्टालिन बदमाश है और वह झूठ बोलता है। नेहरू ने अंग्रेजों को बताया कि स्टालिन ने नेताजी को कैद में रखा हुआ है और उन्होंने हम सब से जानकारी छिपाई है। 1953 में रूस ने ब्रिटेन सरकार के दबाव में नेताजी को मरवा दिया था।
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