प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि समय आ गया है जब हमें विदेश मामलों और विदेश संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण कार्यनीति के रुप में साफ्ट पावर की संभावना को समझना होगा। प्रधानमंत्री नई दिल्ली स्थित फिक्की ऑडिटोरियम में पहले अंतर्राष्ट्रीय रामायण मेले के उद्घाटन के बाद बोल रहे थे।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया में विदेशी मामलों में साफ्ट पावर बहुत तेजी से महत्वपूर्ण होती जा रही है। उन्होंने कहा कि भारत को दुनिया के देशों के साथ संबंध स्थापित करते समय अपनी महान परंपराओं और संस्कृति को गहराई, अधिक व्यक्तिगत और अधिक शक्तिशाली तरीके से महत्व देना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जिन देशों की संस्कृति में गौतम बुद्ध, राम और रामायण हैं उनके भारत के साथ संबंध हैं जिनसे कूटनीतिक संबंध आगे बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि साफ्ट पावर के क्षेत्र में भारत के पास दुनिया के सामने पेश करने के लिए बहुत कुछ है।
प्रधानमंत्री ने उन दिनों की चर्चा की जब भारतीय टेलीविजन पर धारावाहिक रामायण दिखाया जाता था। उन्होंने कहा कि इस कथा ने हर उम्र और हर जगह के लोगों को जोड़ा। रामायण में अभय और निर्भय के साथ महिला के सम्मान की रक्षा करने वाले जटायु के चरित्र का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि रामायण की कथा महिलाओं के सम्मान का संदेश देती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राम राज्य की कल्पना एक दूरदर्शिता थी जो आज प्रासंगिक हैः
• इसमें आज के स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है। "अल्पमृत्यु नहिं कवनिउ पीरा। सब सुंदर सब बिरुज सरीरा।।" यानी कोई समय से पहले नहीं मरता, सभी शारीरिक दृष्टि से स्वस्थ और मजबूत हैं।
• इसमें सामाजिक सौहार्द का संदेश है। "सब नर करहिं परस्पर प्रीती। चलहिं स्वधर्म निरत श्रुति नीती।।" यानी सभी के बीच सामाजिक सौहार्द और आपसी विश्वास तथा प्रेम का माहौल है। सभी अपने धर्म और जिम्मेदारियों का पालन कर रहे हैं।
• नागरिकों के आचरण पर इसमें कहा गया है। "सब उदार सब पर उपकारी। बिप्र चरन सेवक नर नारी।।" यानी सभी उदार और दानी। सभी पुरुष और महिलाएं दूसरों की सेवा में हैं।
• सामाजिक आचरण के बारे में इसमे कहा गया है। "बयरु न कर काहू सन कोई। राम प्रताप विषमता खोई।।" यानी राम के प्रताप से सभी विषमताएं और मदभेद कम हो गए हैं और कोई भी वैमनस्य में शामिल नहीं है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि रामायण एक आदर्श समाज के प्रत्येक पहलू को विवेक प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि अंतर्ऱाष्ट्रीय रामायण मेला छोटे कस्बों को भारत के शहरों से जोड़ने के लिए एक सकारात्मक शुरुआत है।
इस अवसर पर विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज भी मौजूद थी।
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