कश्मीरी हिन्दू विस्थापित विद्यार्थियों को विश्वविद्यालयों के सेशन 2015-16 के दाखिले के कट ऑफ में 10 फीसद तक की छूट मिलेगी. इतना ही नहीं उन्हें कश्मीर का डोमिसाईल सर्टिफिकेट भी नहीं देना होगा.
केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निर्देश पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को निर्देश जारी किए हैं.
यूजीसी द्वारा जारी निर्देश के अनुसार कश्मीर विस्थापित विद्यार्थियों को न सिर्फ कट ऑफ में किसी भी सब्जेक्ट के लिए तय न्यूनतम पर्सेटेज के स्तर पर दस फीसद तक की छूट मिल सकेगी, बल्कि उन्हें डोमिसाइल सर्टिफिकेट के लिए भी परेशान नहीं होना होगा.
साथ ही साथ विद्यार्थियों को अब स्ट्रीम की जगह कोर्स स्तर पर पांच फीसद का कोटा भी दिया गया है.
इस प्रकार प्रत्येक कोर्स में पांच फीसद अतिरिक्त सीटें मिल सकेगी. बता दें कि दिल्ली विश्वविद्यालय में फिलहाल कश्मीर विस्थापित विद्यार्थियों के लिए स्ट्रीम के आधार पर सीटें निर्धारित की गई हैं. अभी आर्ट्स, कॉमर्स व साइंस में एक-एक सीट का कोटा तय है.
इस प्रकार हर वर्ष सवा सौ से डेढ़ सौ सीटें ग्रेजुएशन के स्तर पर भरी जाती हैं. अब नए नियम के तहत सेशन 2015-16 में ज्यादा संख्या में कश्मीर विस्थापित विद्यार्थियों को दाखिला मिल सकेगा.
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