पश्चिम बंगाल में रामकृष्ण मिशन की एक साध्वी से सामूहिक बलात्कार की घटना सामने आने के बाद राज्य में हड़कंप मच गया। मामले से हर कहीं सनसनी फैल गई। मामला काफी गंभीर माना जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार मापदह जिले के बेलूर मठ से दीक्षित हुई करीब ३८ वर्षीय साध्वी के साथ समीप ही रहने वाले ४ युवकोंने साध्वी के साथ इस तरह का दुष्कर्म किया। खेद का विषय तो यह है कि साध्वी के साथ हुए बलात्कार पर उस तरह की तीखी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई।
साध्वी को चार लफंगे पास के आम के बाग में खिंच कर ले गए। और उसके बाद उनके साथ दुष्कर्म किया गया. इस घटना की शिकायत पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई। जिसके बाद २ आरोपियोंको पकड़ लिया गया।
हालांकि २ आरोपी अभी भी फरार हैं। हालांकि पहले पुलिस मामले को रफा – दफा करती रही। मिली जानकारी के अनुसार पीडि़ता १३ मार्च की शाम को मोदीखाना दुकान पहुंची थी, लौटते समय पड़ोस के प्रणय हलदर, भरत हलदर, संजीवन विश्वास, असीम पहाड़ी ने उक्त महिला को पकड़ लिया। इस दौरान वे उसे आम के एक बगीचे में लेकर गए। इस दौरान उसकी अस्मत लूट ली। पीडि़ता का कहना है कि घटना के बाद मामले में कई बार शिकायत दर्ज करवाने के प्रयास किए गए मगर पुलिस द्वारा ध्यान नहीं दिया गया।
उल्लेखनीय है कि कुछ समय पूर्व ही राज्य के रानाघाट में एक बुजुर्ग नन और बर्दवान जिले में वैष्णव संप्रदाय की साध्वी से हैवानियत की बात सामने आई थी। मामले में रामकृष्ण मिशन ने आरोपियोंपर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
दरअसल रानाघाट में नन के साथ हुए गैंगरेप के बाद बर्दवान में साध्वी से हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले को लेकर लोकसभा में भाजपा और तृणमूल के सदस्यों में तकरार हुई। इस दौरान दोनों दलोंके सासंदोंने एक दूसरे पर आरोप – प्रत्यारोप लगा दिए। सदन में जमकर हंगामा मचा। मामले में कुछ सांसदों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग तक की।
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