आतंकवादी मसर्रत आलम की गिरफ्तारी को लेकर जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी समर्थक काफी बवाल मचा रहे हैं। श्रीनगर में जामिया मस्जिद इलाके में अराजक तत्वों ने जमकर तोड़फोड़ शुरू कर दी है। इसके साथ ही पथराव किया जा रहा है और कुछ लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज भी जला दिया। भारी मात्रा में पुलिस वहां तैनात है।
इससे पहले सरकार ने कहा है कि मसर्रत को विद्रोहात्मक गतिविधियों के चलते गिरफ्तार किया गया है और मामले की जांच जारी है। वीडियो फुटेज जांचने के बाद सामने आया कि मसर्रत पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाते हुए भीड़ का नेतृत्व कर रहा था। उस भीड़ ने भी पाकिस्तान के झंडे के साथ पड़ोसी मुल्क के समर्थन में नारे लगाए।
दरअसल, चौतरफा दबाव के बाद आखिरकार आज अलगाववादी मसर्रत आलम को गिरफ्तार कर लिया गया। जम्मू कश्मीर पुलिस ने मसर्रत को आज सुबह उसके घर से गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उसे पुलिस स्टेशन ले जाया गया और अदालत में पेश किया जाना है।
इस अलगाववादी की गिरफ्तारी के बाद कश्मीर घाटी में भारी तनाव है। गिरफ्तारी से पहले मसर्रत ने एक चैनल से बातचीत में स्पष्ट कहा कि ''गिरफ्तारी उसके लिए कोई नई बात नहीं है। ऐसा पहली बार नहीं हो रहा। हिरासत उसके इरादों को रोक नहीं सकती।''
मामले की गंभीरता को देखते हुए भाजपा भी कड़ा रुख अपनाए हुए है। भाजपा महासचिव राम माधव मसर्रत के मुद्दे को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद और उप मुख्यमंत्री निर्मल सिंह से मुलाकात कर सकते हैं। पार्टी ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि उनकी पार्टी की नीति स्पष्ट है। पार्टी के नेता नलिन कोहली ने कहा कि हम राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भी कहा है कि जम्मू-कश्मीर, अलगाववाद और राष्ट्रवाद के विषय को लेकर न कोई समझौता हुआ है और न ही होगा।
विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर भाजपा को घेरा है। आम आदमी पार्टी के नेता आशुतोष ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में बदतर व्यवस्था का जवाब भाजपा सरकार को देना चाहिए। वहीं, कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को आश्वस्त करें कि घाटी में दोबारा से ऐसी हिमाकत नहीं होगी।
दरअसल, मसर्रत को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। तीन दिनों पहले श्रीनगर रैली के दौरान मसर्रत ने पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे और रैली में उसके समर्थकों ने पाकिस्तानी झंडे भी लहराए थे। इसके चलते दो दिनों पहले मसर्रत के खिलाफ राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। हालांकि मसर्रत ने इन आरोपों को गलत बताया है।
इससे पहले कल मसर्रत सहित छह अलगाववादियों को अपने अपने घरों में नजरबंद कर दिया गया था। इनमें गिलानी और मीर वायज मौलवी फारूक शामिल है, लेकिन पूरे देश में इस बात को लेकर काफी नाराजगी थी कि खुलेआम सड़कों पर राष्ट्रविरोधी गतिविधि में शामिल होने के बावजूद उसे गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा रहा है। इस बात के लिए मुफ्ती सरकार पर भारी दबाव था। इन दबावों के आगे मुफ्ती सरकार को झुकना पड़ा और आज सुबह मसर्रत को गिरफ्तार कर लिया गया।
सरकार में शामिल भाजपा इन बातों के लेकर काफी नाराज थी। भाजपा के मंत्रियों ने चेतावनी दी थी कि अगर मसर्रत को गिरफ्तार नहीं किया गया तो वे मंत्रिमंडल की बैठक में शामिल नहीं होंगे।
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