प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लखनऊ मेट्रो रेल परियोजना के पहले चरण (1-ए) को मंजूरी दे दी है। 22.878 किलोमीटर लंबी इस परियोजना में 22 स्टेशन होंगे।
इस परियोजना की लागत 6,928 करोड़ रूपये होगी। इसमें भारत सरकार इक्विटी और ऋण के रूप में 1,300 करोड़ रूपये की मदद करेगी। यह परियोजना लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन (एलएमआरसी) द्वारा कार्यान्वित की जायेगी, जिसका पुनर्गठन केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच 50:50 की संयुक्त स्वामित्व वाली कंपनी के तौर पर होगा।
कुल 22.878 किलोमीटर लंबे मार्ग में से 19.438 किलोमीटर मार्ग एलिवेटिड (जमीन से ऊपर) होगा, जबकि 3.440 किलोमीटर मार्ग भूमिगत होगा। इस पूरे मार्ग पर 19 एलिवेटिड और तीन भूमिगत मेट्रो स्टेशन होंगे। मेट्रो ट्रेन चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से मुंशी पुलिया के बीच चलेगी।
यह परियोजना समय-समय पर संशोधित मेट्रो रेलवे (निर्माण यानि कंस्ट्रशन ऑफ वर्क) अधिनियम 1978, मेट्रो रेल (संचालन एवं रखरखाव) अधिनियम 2002 और रेलवे अधिनियम 1979 के कानूनी ढांचे के दायरे में आयेगी।
पृष्ठभूमि :
लखनऊ के परिवहन ढांचे पर निरंतर दबाव बढ़ता जा रहा है। पिछले दो दशकों में लखनऊ जबरदस्त विकास का गवाह रहा है। भारत की वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार लखनऊ की शहरी आबादी का जमाव 29 लाख है। लखनऊ मेट्रोपॉलिटन क्षेत्र की आबादी 50 लाख से ज्यादा है।
शहर में 14.24 लाख वाहन हैं जिसमें 80 प्रतिशत दुपहिया और 14 प्रतिशत कारे हैं।
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