केंद्रीय वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली ने कहा कि प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) के अंतर्गत सरकार की पहल को देखते हुए वर्ष 2015-16 के दौरान कई बैंक बचत जमा खाते (बीएसडीए) खोले गये हैं। उन्होंने कहा कि सितम्बर 2015 को समाप्त हुई अवधि के दौरान 440 मिलियन बीएसडीए हो गये जबकि मार्च, 2015 को समाप्त हुए वर्ष में 398 मिलियन बीएसडीए थे। वित्त मंत्री ने कहा कि सरकारी बैंकों में संचालन सुधारों के रूप में बैंक बोर्ड ब्यूरो की स्थापना की गई है, जो बैंक की प्रगति और विकास के लिए उचित कार्यप्रणाली तैयार करने के लिए पूर्णकालिक निदेशकों और गैर कार्यकारी अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए नियुक्ति बोर्ड का स्थान लेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने महत्वपूर्ण निष्पादन मानदंडों के साथ सरकारी बैंकों के लिए वार्षिक लक्ष्य के लिए प्रयोजन ब्यौरा तैयार करने की पहले की प्रक्रियाओं को बैंक विशिष्टता से बदल कर लक्ष्य आधारित बना दिया है ताकि बैंक के साथ संपर्क की आवश्यकता को दूर किया या कम से कम किया जा सके। वित्त मंत्री ने आज यहां पर बैंक और वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व विचार-विमर्श बैठक के दौरान शुरूआत में यह टिप्पणी की।
बैठक के दौरान बैंक और वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भी कई सुझाव दिये। प्रमुख सुझावों में आयकर अधिनियम के अंतर्गत 2.5 लाख तक की बचत के लिए कर छूट की सीमा को बढ़ाना, डेबिट/क्रेडिट कार्ड के जरिये कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन, वृद्धि को बढ़ावा देने और निजी क्षेत्र निवेश जब तक नहीं बढ़ता है तब तक सरकारी व्यय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है। अन्य सुझावों में अधिकतर सरकारी नियंत्रण रखते हुए सरकारी क्षेत्र के गैर जीवन बीमा उपक्रमों को सूचीबद्ध करना, पीएफएम के लिए व्यावसायिक रूप से व्यावहारिक प्रोत्साहन के साथ एनपीएस क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने की परिकल्पना के साथ पीएफआरडीए नियामक तैयार करना शामिल हैं। सरकारी केपेक्स आधारित व्यय, बैंकों को अपनी बुनियादी ढांचा जरूरतों को पूरा करने के लिए ऑफशोर आईएनआर बान्ड जारी करने की अनुमति और घरेलू इंफ्रा बॉन्ड्स दिशानिर्देशों के साथ इन बॉन्डों के नियामक सममूल्य के सुझाव भी दिये गये।
अन्य सिफारिशों में कृषि क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, प्रौद्योगिकी समर्थित और व्यापक वित्तीय समावेशन के साथ नई फसल बीमा योजना शुरू करना और सरकार के बॉयोमैट्रिक सत्यापन पहल शामिल है।
बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों से उपरोक्त बजट पूर्व विचार-विमर्श में वित्त मंत्री श्री अरूण जेटली के साथ वित्त राज्य मंत्री श्री जयंत सिन्हा, वित्त सचिव श्री आर पी वटल, डीईए सचिव श्री शक्तिकांत दास, राजस्व सचिव डॉ. हसमुख अढि़या, वित्तीय सेवाएं सचिव सुश्री अंजुली चिब दुग्गल, मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) डॉ. अरविंद सुब्रह्मण्यम भी उपस्थित थे।
विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रतिनिधियों में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर श्री उर्जित पटेल, भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष सुश्री अरूंधति भट्टाचार्य, बैंक ऑफ बडौदा के कार्यकारी निदेशक श्री बी बी जोशी, जनग्रह के श्री भारत सोंदूर, जीवन बीमा निगम के अध्यक्ष श्री एस के रॉय, आईआईएफसीएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री एस बी नायर, आईडीबीआई बैंक के सीएमडी श्री किशोर खरात, नाबॉर्ड के अध्यक्ष श्री एच के भनवाला, इंडियन बैंकर्स एसोसिएशन (आईबीए) के अध्यक्ष श्री अश्विनी कुमार, एक्सिस बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री शिखा शर्मा, सिटी बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री प्रमीत झवेरी, एचडीएफसी बैंक के प्रबंध निदेशक श्री आदित्य पुरी, यस बैंक के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री राणा कपूर, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक श्री एस एन कनन, शेयर माइक्रोफीन लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री एम उदई कुमार, एल एंड टी फाइनेंस होल्डिंग्स के मुख्य प्रबंध निदेशक श्री वाई एम देवोस्थाली, भारतीय दलित वाणिज्य और उद्योग परिसंघ के श्री मिलिंद काम्बले, बेसिक्स–माइक्रोफाइनेंस लाइवलीहुड इंस्टिट्यूट के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी श्री विजय महाजन और भारतीय म्युचुअल फंड एसोसिएशन के चीफ एक्जिक्यूटिव श्री सीवीआर राजेन्द्रन शामिल थे।
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