रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री अनंत कुमार ने फार्मा क्षेत्र की दवा उत्पादन क्षमता बढ़ाने के लिए कार्यबल की सिफारिशें जारी कर दीं है। इस अवसर पर उन्होंने कार्यबल की सराहना की कि उसने गहन विचार-विमर्श के बाद समय के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश की है। श्री अनंत कुमार ने कहा कि देश का फार्मा उद्योग उभरता हुआ उद्योग है, जिसकी क्षमता 30 अरब डॉलर है। इसे वर्ष 2020 तक 55 अरब डॉलर तक बढ़ाने के लिए सरकार फार्मा उद्योग की हर संभव मदद करेगी। उन्होंने बताया कि सरकार लगभग 30 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर के देश में 6 फार्मा पार्क और और 2 चिकित्सा उपकरण पार्कों की स्थापना करेगी।
मंत्री महोदय ने कहा कि केंद्र सरकार के प्रोत्साहन से फार्मा उद्योग में आमूल बदलाव आया है। बल्क ड्रग के संबंध में कटोच समिति की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इन सिफारिशो को जल्द लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि दवा क्षेत्र में मानव संसाधन क्षमता निर्माण के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ वर्षों के दौरान कई राष्ट्रीय औषधि विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान (नाइपर) खोले गए हैं। मौजूदा बजट के तहत राजस्थान, छत्तीसगढ और महाराष्ट्र में तीन नए नाइपर खोले जाने की घोषणा की गई है, जबकि अगले वित्त वर्ष में मध्य प्रदेश, आन्ध्र प्रदेश और कर्नाटक में इन संस्थानों के गठन का प्रस्ताव है।
औषधि विज्ञान विभाग के सचिव डॉ. वी के सुब्बाराज ने कहा कि भारत की आबादी बहुत बड़ी है और यहां विभिन्न प्रकार के रोग मौजूद हैं। उऩ्होंने कहा कि दवा निर्माण क्षमता और दवाओं के वितरण में सुधार की आवश्यकता है। डॉ. सुब्बाराज ने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के ‘मेक इन इंडिया’ विजन के अनुरूप सस्ती दवाओं तक लोगों की पहुंच बनाना प्रमुख ध्येय है।
उल्लेखनीय है कि औषधि विज्ञान सचिव की अध्यक्षता में गठित कार्यबल ने नीति समर्थन, बुनियादी ढांचा, कौशल विकास, शुल्क ढांचा, दवा की कीमत संबंधी नीति, नियामक ढांचा और विभिन्न प्रकार के रोगों के बारे में सिफारिशें की हैं।
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