केंद्रीय रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने 13 जनवरी 2015 से 15 जनवरी 2015 तक विश्व बैंक के अनुरोध पर वाशिंगटन डीसी,अमेरिका का आधिकारिक दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने विश्व बैंक के पूर्ण सत्र “परिवहन और शहर –जलवायु परिवर्तन पर लक्ष्य प्राप्ति के मुख्य संचालक” को संबोधित किया। अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान श्री प्रभु ने कई संगोष्ठियों,सम्मेलन,बैठकों और कार्यक्रमों में भाग लिया
विश्व बैंक के पूर्ण सत्र “परिवहन और शहर –जलवायु परिवर्तन पर लक्ष्य प्राप्ति के मुख्य संचालक” को संबोधित करते हुए रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने भारतीय रेल द्वारा कम लागत में दीर्धकालिक परिवहन प्रदान करने की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारतीय रेल अपनी ऊर्जा आवश्यकतों को पूर्ण करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के श्रोतों जैसे सौर और पवन ऊर्जा का प्रयोग करने के साथ-साथ दीर्धकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने और दक्षता में सुधार के लिए ऊर्जा लेखा परीक्षण करा रही है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कोई भी दीर्धकालिक परिवहन समाधान को आर्थिक रूप से सुगम, सामाजिक रूप से उचित और पर्यावरण के अनुकूल होना चाहिए। उन्होंने बहुतंत्रीय परिवहन प्रणाली को बनाने का समर्थन करते हुए कहा इससे रेल और सड़क ढांचे एक दूसरे का पूरक बनेगें और एकीकृत परिवहन प्रणाली का निर्माण हो सकेगा।
विश्व बैंक और आईएफसी अधिकारियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक में रेल मंत्री श्री प्रभु ने भारतीय रेल के विस्तार,आधुनिकीकरण, विकेंद्रीकरण, निर्णय लेने, क्षमता में सुधार करने, यात्रियों की आशाओं के अनुरूप कार्य करने, स्वच्छ ऊर्जा का प्रयोग करने,इलेक्ट्रानिक ठेके द्वारा अधिक पारदर्शिता की शुरूआत करने और प्रवृत्ति बदलने जैसे विषयो पर भारतीय रेल के प्रयासों पर चर्चा की। उन्होंने विशेष तौर पर अपने मंत्रालय की नई शुरूआतों और भारतीय रेल के साथ विश्व बैंक की भागीदारी पर विश्व बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष एक प्रस्तुति भी दी। विश्व बैंक और आईएफसी भारतीय रेल को इसके लक्ष्य प्राप्त करने में सहयोग के लिए मिलजुलकर कर कार्य कर रहे हैं।
रेल मंत्री श्री प्रभु ने अपने दौरे में अमेरिका के परिवहन मंत्री श्री एंटोनी फाक्स से भी मुलाकात की। बैठक के दौरान श्री फाक्स की भारत यात्रा के दौरान अप्रैल 2015 में हस्ताक्षर किए गए सहयोग सहमति पत्र के अनुरूप परिवहन क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को ओर मजबूत करने पर विचार विमर्श हुआ। श्री प्रभु ने दोनों देशों के बीच परिवहन क्षेत्र में ज्ञान के आदान-प्रदान, प्रौद्योगिकी सहयोग और व्यापार सहयोग के क्षेत्र में अपार संभावनाओं का जिक्र किया। दोनो पक्ष संयुक्त कार्यशाला और एक दूसरे देशो में दौरे के द्वारा रेलवे सुरक्षा और क्षमता निर्माण में सहयोग को ओर प्रगाढ़ करने पर सहमत हुए।
यूएस एक्जिम बैंक के अध्यक्ष श्री फ्रेड पी. हुजबर्ग के साथ बैठक के दौरान रेल मंत्री ने भविष्य में भारत के रेल क्षेत्र में निवेश और व्यापार के मद्देनजर भारत पर केंद्रित वित्तीय माडल की योजना की संभावना पर भी विचार किया। बैठक में दोनो पक्ष भारत के आधारभूत ढांचे में रूचि रखने वाले संभावित दीर्धकालिक निवेशकों के लिए रोड शो पर संयुक्त रूप से कार्य करने पर सहमत हुए।
श्री प्रभु ने ओवरसिज प्राइवेट इनवेस्टमेंट कार्पोरेशन( ओपीआईसी) के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुश्री एलिजाबेथ एल. लिटिलफील्ड से भी मुलाकात की और भारतीय रेल में ओपीआईसी के वित्तीय सहयोग की संभावनाओं पर विचार विर्मश किया।
इस दौरे में भारत अमेरिका व्यापार परिषद ने एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया जिसमें रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने अमेरिका के व्यापरियों के लिए निवेश के अवसरों पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होनें बताया कि भारतीय रेल ने यात्री और माल भाडे के किरायो में पारदर्शिता, निजी-सार्वजनिक भागीदारी और ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित करने के लिए नियामक ढांचे का मसौदा तैयार किया है।यह मसौदा वेबसाइट पर जनता की राय जानने के लिए उपलब्ध है। कार्यक्रम के दौरान अमेरिकी कंपनियो ने सूचना-प्रौद्योगिकी,निर्माण,अनुसंधान,वित्त और स्टेशनों के विकास आदि क्षेत्रो में अपनी क्षमता और दक्षता प्रदान करने का प्रस्ताव दिया।
विचार विमर्श के दौरान रेल मंत्री ने आगामी पांच वर्षों में 142 बिलियन अमेरिकी डॉलर निवेश करने के बारे में बताते हुए कहा कि आशा है कि अगले पांच वर्षों में यह निवेश दुगना होगा। वर्ष 2015 के रेल बजट में की गई घोषणाओं के अनुरूप 110 सुधार कार्यक्रमों को लागू किया है। रेलवे आधारभूत ढांचे के अधिकांश क्षेत्रों उपनगरीय रेल,मेट्रो रेल,लोकोमोटिव,निर्माण और रखरखाव,सिग्नल,बिजली के कार्य और निर्धारित माल भाडे की लाइनों में 100 प्रतिशत निजी निवेश की अनुमति प्रदान की गई है।
श्री प्रभु ने क्रियान्यन के स्तर पर कई परियोजनाओं का जिक्र किया। इनमें निर्धारित माल भाडा कारिडोर, तेज गति वाली रेल, अधिक यातायात वाले क्षेत्रो में रेल पटरियों को दुगना और तिगुना करना,400 रेलवे स्टेशनों और सिग्नल प्रणाली का आधुनिकीकरण करने और सुरक्षा के उपाय में सुधार शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय रेल ने जीई और एल्सटाम को 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ठेके देने में पूर्ण रुप से पारदर्शी प्रकिया अपनाई गई। उन्होंने जापान से मिलने वाले निवेश का जिक्र किया और कहा कि जापान अत्यधिक रिआयती दरों पर ऋण देकर भारत को पहली बुलेट ट्रेन चलाने में सहयोग कर रहा है। रेल विभाग अमेरिका सहित कई देशों के साथ सहयोग कर रहा है। उन्होंने अमेरिका के व्यापारियों से उभरते हुए निवेश के अवसरों का लाभ उठाने के लिए कहा।
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