
पासवान ने सरकार और उद्योग जगत के संगठनों द्वारा संयुक्त जागरूकता अभियान चलाए जाने का सुझाव भी दिया, जिसे निजी क्षेत्र द्वारा वित्त पोषित किया जाए। उन्होंने उद्योग जगत के निकायों से उपभोक्ताओं में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष रूप से प्रयुक्त किए जाने हेतु सीएसआर से कुछ धनराशि आवंटित करने का भी अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि उद्योग को ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए।
उद्योग जगत की संस्थाओं ने सरकार के सहयोग से किए गए अपने कार्यों पर प्रकाश डाला और उपभोक्ता संरक्षण एवं जागरूकता के लिए विभिन्न क्षेत्रों में सरकार के सहयोग से कार्य करना जारी रखने की इच्छा व्यक्त की।
विचार विमर्श के बाद, इस बात पर सहमति बनी कि सरकार और औद्योगिक निकाय भागीदारी की छह सूत्री कार्यसूची पर कार्य करेंगे :
(i) शिकायत निवारण के लिए उद्योग जगत हेतु मानकों का संयुक्त रूप से विकास एवं कार्यान्वयन
(ii) उद्योग जगत के संगठनों के सभी सदस्य राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन और राज्य उपभोक्ता हेल्पलाइन के साथ भागीदारी करेंगे।
(iii) साझा जागरूकता अभियान का आरंभ
(iv) उपभोक्ता कल्याण गतिविधियों के लिए सीएसआर कोष से धन राशि का निर्धारण।
(v) स्व-नियमन संहिता तैयार करना।
(vi) नकली, घटिया और जाली उत्पादों के खिलाफ कार्रवाई।
बैठक में यह भी तय किया गया कि ये भागीदारी 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के अवसर पर प्रारंभ की जाएगी। उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने सरकार को पूर्ण समर्थन उपलब्ध कराने पर सहमति व्यक्त की।
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