केंद्रीय विद्युत, कोयला और नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल ने कहा कि वर्तमान सरकार के पिछले 20 महीनों के कार्यकाल के दौरान थर्मल पावर यानी तापीय ऊर्जा की 30,000 मेगावाट से ज्यादा क्षमता की वृद्धि हुई है। आज कोलकाता में इंडियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित परस्पर संवादात्मक सत्र को संबोधित करते हुए श्री गोयल ने कहा कि राष्ट्र के विकास के लिए बुनियादी ढांचे का सबसे महत्वपूर्ण घटक होने के नाते सरकार विद्युत के क्षेत्र पर बहुत जोर दे रही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि भारत का कोयला उत्पादन 9.6% से काफी बढ़ गया है जिससे कोयले के हमारे आयात में उल्लेखनीय कमी हुई है, और अब हमारा मंत्रालय कोयले के लिए और अधिक विपणन सुविधाओं पर बल दे रहा है।
श्री गोयल ने कहा कि सरकार द्वारा सब्सडाइज्ड दर पर 5 करोड़ 36 लाख एलईडी बल्ब वितरित किए जा चुके हैं जिसके कारण प्रति बल्ब की कीमत 310 रुपए से घटकर 64 रुपए हो गई है और जल्दी ही यह आम आदमी की पहुंच तक आ जाएगी। उन्होंने आगे बताया कि इसके परिणामस्वरूप बिजली की खपत में 1600 मेगावाट की कमी आएगी और इस साल मार्च तक 10 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए जाने का लक्ष्य है। इसके परिणामस्वरूप बिजली की खपत और प्रदूषण में बहुत ज्यादा कमी आएगी।
ट्रांसमिशन (संचरण) के बारे में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार के दौरान संचरण लाइन के 22,000 सर्किट किलोमीटर तैयार की गई है, जोकि एक रिकॉर्ड है। पिछले 18 महीनों के दौरान, 71 प्रतिशत अतिरिक्त संचरण क्षमता पैदा की गई है और 2019 तक इसके 200 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।
ऊर्जा क्षेत्र में कहावत है कि पनबिजली, सौर, पवन और अन्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों - जोकि पर्यावरण के अनुकूल हैं, - कोयला और गैस जैसी थर्मल ऊर्जा के साथ ही साथ नाभिकीय ऊर्जा को एकीकृत करने के लिए समन्वित और सामंजस्यपूर्ण नजरिया समय की जरूरत है, और श्री गोयल ने आश्वासन दिया है कि सरकार लगातार इस दिशा में काम कर रही है। मंत्री ने कहा कि उनका सपना है कि सस्ती कीमत पर चौबीसों घंटे निर्बाध बिजली उपलब्ध हो।
कोयला क्षेत्र के बारे में श्री गोयल ने बताया कि कोयला खानों की खुली, पारदर्शी और प्रतिस्पर्द्धी नीलामी से न सिर्फ राज्य को राजस्व प्राप्त हुआ है बल्कि कोयले के उत्पादन में भी वृद्धि हुई है।
अन्य लोगों के अलावा इस सत्र को पूर्व विद्युत सचिव श्री अनिल राजदान ने भी संबोधित किया।
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