केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने सूरजकुंड (फरीदाबाद) में केन्द्रीय विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के सम्मेलन की अध्यक्षता की। सम्मेलन में निम्नलिखित प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुए :
- छात्र समुदाय के शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर करने के लिए विश्वविद्यालय वरिष्ठ छात्रों और संकाय से जुड़ी एक सक्रिय सलाह प्रणाली के जरिये सहकर्मी की मदद से विद्या प्राप्ति को संस्थागत रूप प्रदान करेंगे।
- छात्रों, स्टाफ और संकाय सहित विश्वविद्यालय समुदाय के शिकायत निवारण के लिए एक पारदर्शी सक्रिय तंत्र सुनिश्चित करने हेतु एक भेदभाव निरोधक अधिकारी नियुक्त करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
- उच्च शिक्षा में किफायती और पारदर्शी पहुंच बढ़ाने के लिए ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
- उच्च शिक्षा में सकल दाखिला अनुपात को बढ़ाकर 30 फीसदी किया जाएगा, बुनियादी ढांचा और मानव संसाधन संबंधी बाधाओं को दूर करने के लिए दो पालियों (डबल शिफ्ट) में कक्षाओं की शुरुआत करके पहुंच बढ़ाई जाएगी।
- वैश्विक दुनिया में तेजी से उभरते ज्ञान समाज के साथ तालमेल बैठाने के लिए देश की भावी जरूरतों के अनुरूप विद्यार्थियों को तैयार करने हेतु नए एवं अभिनव पाठ्यक्रमों को शुरू करने का प्रस्ताव है :
ए) सामाजिक विज्ञान और मानविकी:
(i) विदेशी भाषाओं में अप्लायड पाठ्यक्रम
(ii) न्यू मीडिया और युवा
(iii) विभिन्न धर्मों का अध्ययन
(iv) संस्कृति और सभ्यताओं पर संवाद
(v) महिला एवं उद्यमिता
(vi) महामारी विज्ञान एवं लोक स्वास्थ्य
(vii) जराविज्ञान
(viii) नागरिकता और मूल्य शिक्षा
(ix) प्रवासी अध्ययन
बी) विज्ञान, प्रौद्योगिकी और कृषि:
(i) नैनो-प्रौद्योगिकी
(ii) सामंजस्य करती प्रौद्योगिकियां
(iii) एप्लाइड विज्ञान और गणित
(iv) कृषि प्रौद्योगिकी
(v) ग्रामीण आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन
(vi) नवीकरणीय ऊर्जा का विकास
6. यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी छात्र भाषायी सीमाओं के कारण उच्चतर शिक्षा से वंचित न रहे, विश्वविद्यालयों को अंग्रेजी एवं एक भारतीय भाषा में, जो उस राज्य में लागू हो, निर्देश सुनिश्चित करना।
7. छात्रों को सही व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए विशेषज्ञों द्वारा व्यापक दिशा-निर्देश एवं परामर्श की एक पेशेवर प्रणाली को क्रियान्वित करना।
8. महिलाओं, छात्रों, कर्मचारियों एवं संकाय के लिए एक स्वस्थ, सुरक्षित एवं अनुकूल कार्य माहौल सुनिश्चित करने के लिए एक अनुकूल शिकायत निवारण तंत्र को संस्थागत बनाना एवं मौजूदा प्रणाली को मजबूत करना।
9. प्रत्येक विश्वविद्यालय के एक केन्द्रीय स्थान पर राष्ट्रीय ध्वज प्रमुखता एवं गर्वपूर्वक फहराया जाएगा।
10. छात्रों को सामाजिक रूप से जागरूक एवं जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रोत्साहित करना और युवाओं के बीच श्रम के प्रति गर्व की भावना एवं सामाजिक उत्थान के लिए प्रतिबद्धता का संचार करना, उन्नत भारत अभियान के तहत पहले से ही जारी गांव गोद लेने के कार्यक्रम को मजबूत बनाना।
11. पारदर्शिता लाने एवं सेवाओं की त्वरित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ई-गवर्नेंस के साथ प्रशासनिक सुधारों को प्राथमिकता के आधार पर शुरू करना।
12. उपकुलपतियों, उप उप-कुलपतियों एवं पंजीयकों के लिए दो चयनित आईआईएम में नेतृत्व एवं प्रबंधन पर एक सप्ताह का पाठ्यक्रम।
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