केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री श्रीमती हरसिमरत कौर बादल ने कहा है कि मल्टी ब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के दरवाजे खोलने के लिए उनका अनुरोध केवल फल और सब्जी क्षेत्र के लिए है, बशर्ते कि वे स्थानीय स्तर से लिए जाएं। मुम्बई में ‘मेक इन इंडिया’ सप्ताह के दौरान ‘खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में अवसर’ विषय पर संगोष्ठि का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि वह पहले से ही प्रधानमंत्री को केवल ऐसे खाद्यान्नों के लिए मल्टी ब्रांड खुदरा में 100 प्रतिशत एफडीआई की इजाजत देने के लिए लिख चुकी हैं, जिन्हें भारत में भारतीय किसानों द्वारा उपजाया जाता हो और ऐसे खाद्य पदार्थ जिनका निर्माण भारत में विनिर्माताओं द्वारा किया जाता हो।
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने संकेत दिया कि सरकार नीति में इस बदलाव की घोषणा करने से पहले, सभी हितधारकों को साथ जोड़ना चाहती है और इस संबंध में हितधारकों की प्रतिक्रिया काफी उत्साहजनक रही है। उन्होंने कहा कि पुरानी किराना व्यस्था का आधुनिकीकरण करते हुए उसे आधुनिक खाद्यान्न खुदरा में परिवर्तित करने और किसानों को उचित दाम उपलब्ध कराने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
श्रीमती बादल ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि सरकार पूरे खाद्यान्न क्षेत्र को एक समग्र क्षेत्र के रूप में देख रही है, जबकि पिछली सरकार इसे एक-दूसरे के विरूद्ध कार्य करने वाले पृथक-पृथक क्षेत्रों के रूप में देखती रही। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत हमारी सरकार कृषि के उतार-चढ़ाव, खाद्यान्न मूल्य, खाद्यान्न की उपलब्धता और उपभोक्ताओं की पसंद से निपटने के लिए संबद्ध मंत्रालयों के साथ एकजुट होकर कार्य कर रही है।
श्रीमती बादल ने इस बात की पुरजोर वकालत की कि भारत में समग्र खाद्यान्न नीति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने खेतों का यंत्रीकरण करने और देश के समस्त खेतों को सिंचाई का पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारत, किसानों को आधुनिक प्रौद्योगिकी से संचालित कृषि पद्धतियों के साथ जोड़ना चाहता है।
उन्होंने घोषणा की कि खाद्य उत्पादों के परेशानी रहित समेकित उत्पादन के लिए भारत की विनियामक व्यवस्था लाइसेंस व्यवस्था से पंजीकरण व्यस्था की ओर बढ़ रही है और उसके अनुरूप, एफएसएससआई द्वारा हजारों संघटक मानक अधिसूचित किए गए हैं। हम नए और स्थापित निवेशकों के लिए प्रतिबद्ध हैं और इंस्पेक्टर राज की विरासत को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की प्रगति को प्रभावित नहीं करने दे सकते।
इस अवसर पर श्रीमती बादल ने कहा कि वर्तमान सरकार ऐसा वातावरण उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह समर्पित है, जो भारत में उद्यम लगाने के इच्छुक निवेशकों के लिए सहज, पारदर्शी और सुगम हो। उन्होंने कहा कि देश की वृद्धि दर पहले ही चीन से आगे बढ़ चुकी है और विश्व बैंक तथा अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत को अगले कुछ वर्षों तक दुनिया की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था घोषित किया है। श्रीमती बादल ने उद्योग जगत से भारत, साथ ही साथ दुनिया भर के लोगों के लाभ के लिए इस क्षेत्र में मौजूद अपार अवसरों का सर्वोत्तम लाभ उठाने का आह्वान किया, क्योंकि ‘’मेक इन इंडिया में निवेश करने का वक्त अभी है’’ ।
मीडिया के साथ संवाद के दौरान केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री ने कहा कि उन्होंने मेगा फूड पार्क में स्थापित की जाने वाली खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को 10 वर्ष तक कर से मुक्त रखने का अनुरोध किया है। उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र के लिए ब्याज संबंधी आर्थिक सहायता की योजना जारी रखने और निम्नतम लागू दरों पर जीएसटी की उपयुक्तता का भी अनुरोध किया है।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने सूचित किया कि वर्ष 2008-2014 की अवधि में जहां सिर्फ दो मेगा फूड पार्क बनाये गये थे , वहीं वर्तमान सरकार पहले ही पांच अतिरिक्त मेगा फूड पार्क चालू कर चुकी है और अगले 30 महीनों में सभी मेगा फूड पार्क चालू हो जाएंगे।
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