उद्योगों का नये सिरे से वर्गीकरण महत्वपूर्ण फैसला, श्वेत उद्योगों की नई श्रेणी में पर्यावरण संबंधी अनापत्ति लेने की आवश्यकता नहीं होगीः जावड़ेकर
सरकार ने उद्योगों के प्रदूषण के बोझ के आधार पर आज उनका नया वर्गीकरण जारी किया। उनका नया वर्गीकरण जारी करते हुए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज कहा, ‘’श्वेत उद्योगों की नयी श्रेणी, जो विशेष तौर पर प्रदूषण न करने वाले उद्योगों की है, उन्हें पर्यावरण संबंधी अनापत्ति और मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी और इससे उन्हें ऋण देने वाली संस्थाओं से धन लेने में मदद मिलेगी। उद्योगों का नए सिरे से वर्गीकरण करने का कार्य पिछले एक साल के दौरान किया गया। यह एक महत्वपूर्ण फैसला है, जो उद्योगों की स्पष्ट तस्वीर प्रस्तुत करेगा।‘’
श्री जावड़ेकर ने कहा, ‘’उद्योगों का उनके प्रदूषण के बोझ के आधार पर पुन:वर्गीकरण एक वैज्ञानिक कार्य है। वर्गीकरण की पुरानी पद्धति ने कई उद्योगों को समस्याएं हो रही थीं और उनसे उद्योगों के प्रदूषण की झलक नहीं मिल रही थी। नयी श्रेणियां इन कमियों को दूर करेंगी और सभी को स्पष्ट तस्वीर उपलब्ध करायेंगी। ज्यादा प्रदूषण नहीं फैलाने वाले 25 औद्योगिक क्षेत्रों को पहले लाल रंग की श्रेणी में रखा गया था। इससे सभी को उनके बारे में गलत अंदाजा लग रहा था।‘’
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने औद्योगिक क्षेत्रों का वर्गीकरण प्रदूषण सूचकांक के आधार पर करने का मापदंड विकसित किया है, जो उत्सर्जन (वायु प्रदूषक), प्रवाह (जल का प्रवाह), उत्पन्न होने वाला खतरनाक कचरा और संसाधनों की खपत का कार्य है। इस उद्देश्य के लिए जल (प्रदूषण की रोकथाम एवं नियंत्रण) उपकर (संशोधन) अधिनियम 2003 से संदर्भ लिए गए हैं और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने पर्यावरण (संरक्षण) कानून 1986 और दून घाटी अधिसूचना, 1989 के अंतर्गत विभिन्न प्रदूषकों के लिए मापदंड निर्धारित किए हैं। किसी भी औद्योगिक क्षेत्र के लिए प्रदूषण सूचकांक पीआई 0 से 100 है और पीआई का बढ़ता मूल्य औद्योगिक क्षेत्र से बढ़ने वाले प्रदूषण के भार की बढ़ती डिग्री की ओर इंगित करता है। सीपीसीबी, एसपीसीबी और एमओईएफसीसी के बीच कई दौर की मंत्रणा के आधार पर ‘प्रदूषण सूचकांक के दायरे’ के बारे में निम्नलिखित मापदंडों को अंतिम रूप दिया गया है, ताकि उद्योगों के वर्गीकरण को अंतिम रूप दिया जा सके।
- 60 और उससे अधिक प्रदूषण सूचकांक के आंकड़ों वाले औद्योगिक क्षेत्र – लाल रंग की श्रेणी
- 41 से 59 के बीच प्रदूषण सूचकांक के आंकड़ों वाले औद्योगिक क्षेत्र – नारंगी रंग की श्रेणी
- 21 से 40 के बीच प्रदूषण सूचकांक के आंकड़ों वाले औद्योगिक क्षेत्र – हरी रंग की श्रेणी
- 20 तक प्रदूषण सूचकांक के आंकड़ों वाले औद्योगिक क्षेत्र – सफेद रंग की श्रेणी
उद्योगों का नये सिरे से वर्गीकरण के कार्यों की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैः
वैज्ञानिक कसौटी के आधार पर औद्योगिक क्षेत्रों की प्रदूषण फैलाने की क्षमता से संबंधित महत्व दिया गया है। इसके अलावा जहां भी संभव हो सका है, कच्चे माल का उपयोग, अपनाई गई विनिर्माण प्रक्रिया और उससे उत्पन्न होने वाले प्रदूषकों के आधार पर औद्योगिक क्षेत्रों के विभाजन पर भी विचार किया गया है।
- लाल रंग की श्रेणी वाले औद्योगिक क्षेत्र 60 होंगे
- नारंगी रंग की श्रेणी वाले औद्योगिक क्षेत्र 83 होंगे
- हरे रंग की श्रेणी वाले औद्योगिक क्षेत्र 63 होंगे
- हाल ही में शुरू की गई श्वेत रंग की श्रेणी में 36 औद्योगिक क्षेत्र आएंगे, जो व्यवहारिक रूप से किसी तरह का प्रदूषण नहीं फैलाते
- श्वेत श्रेणी के अंतर्गत आने वाले उद्योगों को अपने कामकाज के लिए मंजूरी लेने की आवश्यकता नहीं होगी। संबंधित एसपीसीबी/पीसीसी को सूचना देना पर्याप्त रहेगा
- लाल रंग की श्रेणी वाले उद्योगों को सामान्यतः नाजुक पारिस्थिकी वाले क्षेत्र/ संरक्षित क्षेत्र में अनुमति नहीं मिलेगी
लाल, नारंगी, हरी और श्वेत श्रेणियों के अंतर्गत आने वाले उद्योगों का उल्लेख नीचे दी गई तालिकाओं – 1, 2, 3 और 4 में प्रदान किया गया है।
हाल ही में शुरू की गई उद्योगों की श्वेत रंग की श्रेणी में वे उद्योग आते हैं, जो व्यवहारिक रूप से प्रदूषण न फैलाने वाले जैसे बिस्कुट ट्रेज़ आदि जैसे औद्योगिक क्षेत्र आते हैं। उद्योगों के वर्गीकरण का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि उद्योग की स्थापना इस प्रकार की जाए कि वह पर्यावरण के उद्देश्यों के अनुरूप हो । नए मापदंड उद्योगों को स्वच्छ प्रौद्योगिकियां अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे और इसके परिणामस्वरूप कम प्रदूषक उत्पन्न होंगे। नये वर्गीकरण का एक लाभ यह भी होगा कि उद्योग अपना स्वत: आकलन कर सकेंगे, क्योंकि पूर्व के आकलन की व्यक्तिपरकता समाप्त कर दी गयी है। उद्योगों का नए सिरे से वर्गीकरण देश में कामकाज का स्वच्छ एवं पारदर्शी वातावरण तैयार करने और कारोबार में सुगमता लाने के वर्तमान सरकार के प्रयासों, नीतियों और उद्देश्यों का अंग है।
इसी से मिलते-जुलते अन्य प्रयासों में प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों में उत्सर्जन/ प्रवाह की निरंतर ऑनलाइन निगरानी प्रणाली, प्रदूषक औद्योगिक समूहों के आकलन के लिए सीईपीआई (समग्र पर्यावरण प्रदूषण सूचकांक) की अवधारण पर पुनर्विचार करना, वर्तमान औद्योगिक उत्सर्जन/ प्रवाह के मानकों में संशोधन, गंगा नदी थाले में प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए विशेष अभियान का प्रारंभ किया जाना शामिल है और इसके अलावा आने वाले दिनों में बहुत से अन्य कदम उठाए जाएंगे।
तालिका 1 – लाल रंग की
श्रेणी में आने वाले उद्योग
क्रम
संख्या
|
औद्योगिक क्षेत्र
|
1
|
खतरनाक रसायनों का अलग भंडारण
|
2
|
आटोमोबाइल विनिर्माण (समेकित)
|
3
|
खतरनाक कचरे का पुनर्चक्रण (इस्तेमाल में लाए गए विशुद्ध
धातु के उत्प्रेरक)
|
4
|
लूब्रकेटिंग ऑयल और ग्रीस निर्माण
|
5
|
डीजी सेट (> 5 एमवीए)
|
6
|
कार्बन ब्लैक और एलाइड
|
7
|
लेड एसिड बैटरी
|
8
|
फास्फेट रॉक प्रोसेसिंग
|
9
|
बिजली घर
|
10
|
खतरनाक कचरे का पुनर्चक्रण (इस्तेमाल में लाए गए
उत्प्रेरक)
|
11
|
क्लोरनेटेड हाइड्रोकार्बन्स
|
12
|
चीनी
|
13
|
फाइबर ग्लास उत्पादन
|
14
|
पटाखे
|
15
|
ई-कचरा रीसाइकलर्स
|
15
|
दूध और डेयरी उत्पाद
|
17
|
फास्फोरस
|
18
|
लुगदी और कागज
|
19
|
कोयला बनाना
|
20
|
विस्फोटक / डेटोनेटर
|
21
|
पेंट, वारनिश और पिगमेंट
|
22
|
ऑर्गेनिक कैमिकल
|
23
|
हवाई अड्डे और व्यवसायिक हवाई पट्टियां
|
24
|
|
25
|
बेसिक कैमिकल
|
26
|
सीमेंट
|
27
|
क्लोरेट, पर-क्लोरेट एवं पराक्साइड
|
28
|
क्लोरीन, फ्लोरीन, ब्रोमीन,
आयोडीन
|
29
|
डाइयां और डाइ-इन्टर्मीडीएट
|
30
|
स्वास्थ्य सेवा प्रतिष्ठान
|
31
|
होटल (विशाल)
|
32
|
लेड एसिड बैटरी – रीसाइकलर्स
|
33
|
वेस्ट इलैक्ट्रिकल और इलैक्ट्रोनिक्स के रीसाइकलर्स
|
34
|
ग्लू और जिलेटिन
|
35
|
माइनिंग एंड ओर बेनिफिकेशन
|
36
|
परमाणु बिजली घर
|
37
|
कीटनाशक
|
38
|
फोटोग्राफिक फिल्म / रसायन
|
39
|
धागा / वस्त्र प्रसंस्करण
|
40
|
क्लोर छार
|
41
|
शिप ब्रेकिंग
|
42
|
तेल और गैस उत्खनन
|
43
|
मेटल सरफेस ट्रीटमेंट
|
44
|
चमड़ा बनाने का कारखाना
|
45
|
बंदरगाह /गोदी /घाट
|
46
|
संश्लेषित रेशम
|
47
|
ताप बिजली घर
|
48
|
बूचड़खाना
|
49
|
एल्युमिनियम स्मेल्टर
|
50
|
कॉपर स्मेल्टर
|
51
|
उर्वरक (बेसिक)
|
52
|
अविभाज्य लोहा एवं इस्पात
|
53
|
लुगदी और कागज (ब्लीचिंग)
|
54
|
जिंक स्मेल्टर
|
55
|
तेल रिफाइनरी
|
56
|
पेट्रोकेमिकल्स
|
57
|
फार्मास्यूटिकल्स
|
58
|
लुगदी और कागज ( बड़े कृषि + लकड़ी),
|
59
|
आसवनी
|
60
|
रेल ईंजन वर्कशॉप / सर्विस सेंटर्स
|
तालिका 2 – नारंगी रंग
की श्रेणी में आने वाले उद्योग
क्रम
संख्या
|
औद्योगिक क्षेत्र
|
1
|
अलमारी, ग्रिल विनिर्माण
|
2
|
स्क्रैप एल्युमीनियम और
कॉपर निकालना
|
3
|
ऑटोमोबाइल सर्विसिंग, मरम्मत
|
4
|
आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक
चिकित्सा
|
5
|
ईट के भट्ठा
|
6
|
भवन और निर्माण > 20,000 वर्ग
मीटर
|
7
|
काजू प्रसंस्करण
|
8
|
चीनी मिट्टी की चीज़ें और
रेफ्रेक्ट्रीज
|
9
|
चनाचूर और लड्डू भूसी से जलाए
जाने वाले ओवन
|
10
|
कोल वाशरीज
|
11
|
कोटेड इलेक्ट्रोड
|
12
|
कॉफी बीज प्रसंस्करण
|
13
|
कॉम्पैक्ट डिस्क कंप्यूटर
फ्लॉपी
|
14
|
कॉपर अपशिष्ट रीसाइकलर्स
|
15
|
डेयरी और डेयरी उत्पाद
(छोटे पैमाने पर)
|
16
|
डीजी सेट (>1 एमवीए लेकिन <5 एमवीए)
|
17
|
रोलिंग स्टॉक का विखंडन
|
18
|
ड्राइ सेल बैटरी
|
19
|
सूखी कोयला / खनिज
प्रसंस्करण
|
20
|
फर्मेन्टेशन (एक्स्ट्रा
न्यूट्रल अल्कोहल)
|
21
|
लौह और अलौह धातु
निष्कर्षण
|
22
|
उर्वरक (दानेदार / निर्माण
/ सम्मिश्रण
|
23
|
मछलियों का खाना, पोल्ट्री फीड और पशुचारा
|
24
|
मछली प्रसंस्करण और पैकिंग
|
25
|
फ्लैक्स फ्रॉम रिजेक्टेड
पैट बोतल
|
26
|
फोम विनिर्माण
|
27
|
खाद्य एवं खाद्य
प्रसंस्करण
|
28
|
लौह और अलौह की ढलाई
|
29
|
|
30
|
ग्लास सेरेमिक्स, मिट्टी के बर्तन और टाइल
|
31
|
फ्लेक्स, वी पर नक्काशी, मुद्रण, डिजिटल मुद्रण
|
32
|
हीट ट्रीटमंट यूजिंग ऑयल फायर्ड फर्नेंस
|
33
|
हॉट मिक्स प्लांट्स
|
34
|
आइसक्रीम
|
35
|
ढलाई के कार्यों से संबंधित उद्योग अथवा
प्रक्रियाएं
|
36
|
अशोधित / कच्चे नमक से
आयोडीन युक्त नमक
|
37
|
रंगाई बिना जूट प्रसंस्करण
|
38
|
बड़ी बेकरी और कन्फेक्शनरी
|
39
|
ट्रांसफार्मर मरम्मत /
विनिर्माण
|
40
|
|
41
|
वनस्पति तेल विनिर्माण
|
42
|
वायर ड्राइंग एंड वायर नेटिंग
|
43
|
बड़े कपास कताई और बुनाई
|
44
|
चूने का विनिर्माण (चूना
भट्ठा का उपयोग)
|
45
|
लिक्विड फ्लोर क्लीनर ब्लैक फिनाइल
|
46
|
कांच का विनिर्माण
|
47
|
शीट ग्लास से आईने के
विनिर्माण
|
48
|
मच्छर भगाने वाली कॉयल का
विनिर्माण
|
49
|
स्टार्च / साबूदाना का विनिर्माण
|
50
|
ऑयल फायर्ड बॉयलर का
इस्तेमाल करते हुए मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री
|
51
|
मध्यम स्तर के होटल
|
52
|
लकड़ी के मॉड्यूलर फर्नीचर
|
53
|
नई राजमार्ग निर्माण
परियोजना
|
54
|
गैर अल्कोहल पेय (शीतल
पेय)
|
55
|
पेंट ब्लैंडिंग और मिश्रण
(बॉल मिल)
|
56
|
पेंट और वार्निश (मिश्रण
और सम्मिश्रण)
|
57
|
पार्बॉइल राइस मिल्स
|
58
|
औषधि निर्माण
|
59
|
प्लाई बोर्ड विनिर्माण
|
60
|
पोटेबल अल्कोहल (आईएमएफएल)
सम्मिश्रण द्वारा
|
61
|
मुद्रण स्याही विनिर्माण
|
62
|
मुद्रण या ग्लास शीट की
नक़्क़ाशी
|
63
|
छापाखाना
|
64
|
प्रोड्यूसर गैस प्लांट
|
65
|
रीसाइकलर्स – यूजड
ऑयल्स
|
66
|
रीसाइकलर्स – वेस्ट ऑयल्स
|
67
|
रीसाइकलिंग – पेंट एंड इंक स्लज
|
68
|
वेस्ट प्लास्टिक / पीवीसी
का पुनर्प्रसंस्करण
|
69
|
रोलिंग मिल (ऑयल या कोल
फायर्ड)
|
70
|
सिलिका जेल
|
71
|
सिल्क / साड़ी स्क्रीन प्रिंटिंग
|
72
|
स्प्रे पेंटिंग
|
73
|
भट्टियों के साथ इस्पात और
इस्पात उत्पाद
|
74
|
स्टोन क्रशर
|
75
|
शल्य चिकित्सा और चिकित्सा
उत्पाद (लेटेक्स)
|
76
|
सिंथेटिक डिटर्जेंट और
साबुन
|
77
|
सिंथेटिक रेजिन
|
78
|
सिंथेटिक रबर एक्सक्लुडिंग
मोल्डिंग
|
79
|
टेफलॉन आधारित उत्पाद
|
80
|
थर्मोकोल विनिर्माण (बॉयलर
सहित)
|
81
|
थर्मामीटर
|
82
|
सिगरेट सहित तंबाकू उत्पाद
|
83
|
टूथ पाउडर, टूथपेस्ट, टैल्कम पाउडर
|
तालिका 3 – हरी रंग की
श्रेणी में आने वाले उद्योग
क्रम
संख्या
|
औद्योगिक क्षेत्र
|
1
|
एल्यूमिनियम के बर्तन
|
2
|
आयुर्वेदिक दवाएं
|
3
|
छोटी बेकरी / हलवाई की
दुकान
|
4
|
पीपी फिल्म
|
5
|
बायोमास ब्रिकेट
|
6
|
मेलामाइन रेजिन
|
7
|
पीतल और कांस्य धातु के
बर्तन
|
8
|
कैंडी
|
9
|
गत्ता / नालीदार बॉक्स
|
10
|
बढ़ईगीरी और लकड़ी का
फर्नीचर
|
11
|
सीमेंट उत्पाद
|
12
|
मिश्रण से सिरेमिक रंग
|
13
|
चिलिंग प्लांट और बर्फ बनाना
|
14
|
कोक ब्रिकेटिंग
|
15
|
छोटे कपास की कताई और
बुनाई
|
16
|
दाल के मिल
|
17
|
चीनी मिट्टी के कप की
सजावट
|
18
|
पीवीसी कपड़ों पर डिजिटल
प्रिंटिंग
|
19
|
खाद्यान्नों को संभालना और
भंडारण करना
|
20
|
आटा चक्की
|
21
|
इलैक्ट्रिकल ग्लास, चीनी मिट्टी, मिट्टी के बर्तन
|
22
|
स्टार्च से गोंद
|
23
|
गोल्ड एंड सिल्वर स्मिथी
|
24
|
गैर प्रदूषणकारी ऊष्मा
उपचार
|
25
|
इन्सुलेशन / कोटेड पेपर
|
26
|
चमड़े के जूते / उत्पाद
|
27
|
लूब्रिकैटिंग
ऑयल, ग्रीस का मिश्रण
|
28
|
चिपकाई गई परत
|
29
|
तेल मिल घानी
|
30
|
पैकिंग सामग्री
|
31
|
फिनायल / टॉयलट क्लीनर
|
32
|
पॉलिथीन और प्लास्टिक
उत्पाद
|
33
|
पोल्ट्री, हैचरी और पिग्गरी
|
34
|
पावरलूम (डाई और ब्लीचिंग
रहित)
|
35
|
मुरमुरे (गैस या इलेक्ट्रिकल
हीटिंग)
|
36
|
रैडी मिक्स सीमेंट
कंसन्ट्रेट
|
37
|
अपशिष्ट कपास के
पुनर्प्रसंस्करण
|
38
|
चावल की मिल (चावल की भूसी केवल)
|
39
|
रोलिंग मिल (गैस फायर्ड)
एंड कोल्ड रोलिंग मिल
|
40
|
रबड़ की वस्तुएं (गैस से
संचालित बेबी बॉयलर)
|
41
|
आरा मशीन
|
42
|
साबुन निर्माण
|
43
|
मसालों का सम्मिश्रण
|
44
|
मसालों की पिसाई
|
45
|
स्टील फर्नीचर
|
46
|
अनाज प्रसंस्करण
|
47
|
टायर / ट्यूब रीट्रीटिंग
|
48
|
चिलिंग / आइस प्लांट
|
49
|
सीओ 2 रिक्वरी
|
50
|
आसुत जल
|
51
|
छोटे होटल
|
52
|
ऑप्टिकल लेंस
|
53
|
मिनरल वॉटर
|
54
|
इमली पाउडर
|
55
|
संगमरमर पत्थर
|
56
|
एमरी पाउडर
|
57
|
फ्लाई ऐश
|
58
|
मिनरल स्टैक यार्ड
|
59
|
तेल एंड गैस ट्रांसपोटेशन
पाइप लाइन
|
60
|
सीजनिंग ऑफ वुड
|
61
|
सिंथेटिक डिटर्जेंट
|
62
|
चाय प्रसंस्करण
|
63
|
बांस की पिसाई
|
तालिका 4 – श्वेत रंग
की श्रेणी में आने वाले उद्योग
क्रम
संख्या
|
औद्योगिक क्षेत्र
|
1.
|
एयर कूलर / कंडीशनर
|
2.
|
साइकिलें, बेबी कैरेज
|
3.
|
बेलिंग ऑफ वेस्ट पेपर
|
4.
|
जैव उर्वरक / जैव कीटनाशक
|
5.
|
बिस्कुट ट्रे
|
6.
|
चाय का सम्मिश्रण / पैकिंग
|
7.
|
मुद्रण के लिए ब्लॉक बनाना
|
8.
|
चाक बनाना
|
9.
|
कम्प्रेस्ड ऑक्सीजन गैस
|
10.
|
सूती और ऊनी होजरी
|
11.
|
डीजल पंप की मरम्मत
|
12.
|
इलैक्ट्रिक लैम्प (बल्ब) और सीएफएल
|
13.
|
इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक आइटम
|
14.
|
इंजीनियरिंग और निर्माण इकाइयों
|
15.
|
फ्लेवर्ड सुपारी
|
16.
|
फ्लाई ऐश ब्रिक्स/ ब्लॉक
|
17.
|
फाउनटेन पेन
|
18.
|
कांच की शीशियां
|
19.
|
ग्लास पुट्टी एंड सीलेंट
|
20.
|
मूंगफली छीलना
|
21.
|
हथकरघा / कालीन बुनाई
|
22.
|
चमड़े की कटाई और सिलाई
|
23.
|
नारियल भूसी से बने कॉयर उत्पाद
|
24.
|
मैटल कैप्स कंटेनर आदि
|
25.
|
शू ब्रश और वायर ब्रश
|
26.
|
मेडिकल ऑक्सीजन
|
27.
|
ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक पोषक तत्वों
|
28.
|
जैविक खाद
|
29.
|
पाउडर दूध की पैकिंग
|
30.
|
पेपर पिंस और यू क्लिप
|
31.
|
बिजली की मोटरों / जनरेटर की मरम्मत
|
32.
|
रस्सी (प्लास्टिक और सूती)
|
33.
|
वैज्ञानिक और गणितीय उपकरण
|
34.
|
सौर मॉड्यूल गैर-परंपरागत ऊर्जा उपकरण
|
35.
|
सौर फोटोवोल्टिक सेल, पवन ऊर्जा और मिनी जल
विद्युत (कम से कम 25 मेगावाट)के माध्यम से सौर बिजली उत्पादन
|
36.
|
शल्य चिकित्सा और चिकित्सा उत्पादों को जोड़ना
|
0 comments :
Post a Comment