नेपाल में सत्तारुढ़ गठबंधन सहयोगी और देश
की हिन्दू समर्थक पार्टी ने कहा है कि वह संसद में एक संशोधन
प्रस्ताव रख कर नेपाल को फिर से हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग करेगा।
उन्होंने अपनी मांग पूरी नहीं होने पर सड़कों पर बड़े विरोध प्रदर्शन की
चेतावनी भी दी। संसद में चौथे सबसे बड़े दल, राष्ट्रीय प्रताजंत्र
पार्टी-नेपाल (आरपीपी-एन) ने दक्षिणी नेपाल के बीरगंज में रविवार को समाप्त
हुई पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक में यह फैसला लिया।
समिति की बैठक की अध्यक्षता आरपीपी-एन अध्यक्ष और उपप्रधानमंत्री कमल थापा ने की। पार्टी सूत्रों ने बताया कि आरपीपी-एन ने संविधान में लिखे धर्मनिरपेक्ष राज्य के प्रावधान के खिलाफ प्रस्ताव लाने और देश को फिर से हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग करने का फैसला लिया है।
संसदीय घोषणापत्र द्वारा वर्ष 2008 में नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र
घोषित किए जाने के बाद से ही पार्टी उसे वापस हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग
को लेकर अभियान चला रही है। पार्टी की केंद्रीय समिति की बैठक में रखे गए
प्रस्ताव में कहा गया, ‘यदि संविधान संशोधन से देश को फिर हिन्दू राष्ट्र
में नहीं बदला जाता है तो पार्टी ने इस मांग के साथ आंदोलन चलाने का फैसला
किया है।’
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