भारतीय रेल ने दो महीनों के लिए कवर्ड स्टॉक में लादी गई सभी वस्तुओं पर व्यस्त सीजन प्रभार को वापस लेने का फैसला किया है। यह 1 मई, 2016 से 30 जून, 2016 तक लागू होगा। रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु ने एक कार्यक्रम में इसकी घोषणा की।
पृष्ठभूमि :
रेल बजट 2016-17 में घोषणा की गई थी कि अन्य तरीकों के मुकाबले एक प्रति स्पर्धी दर संरचना के निर्माण के लिए, मल्टी प्वाइंट लोडिंग/अनलोडिंग की अनुमति देने के लिए एवं वैकल्पिक रास्तों के उपयोग को बढ़ाने के लिए विभेदकारी टैरिफ को लागू करने के लिए टैरिफ नीति की समीक्षा की जाए।
इसके अतिरिक्त, टैरिफ संरचना को विवेकपूर्ण बनाने की बजट की घोषणा के अनुरूप, फैसला किया गया कि 15 प्रतिशत के व्यस्त सीजन प्रभार को वापस ले लिया जाए। उ़द्योग जगत, विभिन्न व्यापार संगठन एवं क्षेत्रीय अधिकारी इसका प्रतिनिधित्व करते रहे हैं कि डीजल के मूल्य में गिरावट के कारण पिछले कुछ वर्षों में सड़क दरों में तेज गिरावट जिसने ग्राहकों के लिए रेल भाड़े को काफी गैर प्रतिस्पर्धी बना दिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए, समीक्षा के बाद 2 महीनों के लिए कवर्ड स्टॉक में लादी गई सभी वस्तुओं पर व्यस्त सीजन प्रभार को वापस लेने का फैसला लिया गया है।
पृष्ठभूमि :
रेल बजट 2016-17 में घोषणा की गई थी कि अन्य तरीकों के मुकाबले एक प्रति स्पर्धी दर संरचना के निर्माण के लिए, मल्टी प्वाइंट लोडिंग/अनलोडिंग की अनुमति देने के लिए एवं वैकल्पिक रास्तों के उपयोग को बढ़ाने के लिए विभेदकारी टैरिफ को लागू करने के लिए टैरिफ नीति की समीक्षा की जाए।
इसके अतिरिक्त, टैरिफ संरचना को विवेकपूर्ण बनाने की बजट की घोषणा के अनुरूप, फैसला किया गया कि 15 प्रतिशत के व्यस्त सीजन प्रभार को वापस ले लिया जाए। उ़द्योग जगत, विभिन्न व्यापार संगठन एवं क्षेत्रीय अधिकारी इसका प्रतिनिधित्व करते रहे हैं कि डीजल के मूल्य में गिरावट के कारण पिछले कुछ वर्षों में सड़क दरों में तेज गिरावट जिसने ग्राहकों के लिए रेल भाड़े को काफी गैर प्रतिस्पर्धी बना दिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए, समीक्षा के बाद 2 महीनों के लिए कवर्ड स्टॉक में लादी गई सभी वस्तुओं पर व्यस्त सीजन प्रभार को वापस लेने का फैसला लिया गया है।
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