सरकार द्वारा भारत और विदेशों में कालेधन की समस्या पर रोक लगाने के लिए विभिन्न कदम उठाये गये हैं। इस संबंध में प्रमुख निर्णय और कार्यवाही निम्नलिखित हैं:
1 कालेधन
पर रोक लगाने
के लिए उठाये
गये प्रमुख कदम:
(1) कड़े
दंड वाले
प्रावधानों
के साथ एक नया
काला धन
अधिनियम लागू
किया गया।
(2) 29 मई, 2014
को जारी
अधिसूचना के
तहत उच्चतम
न्यायालय के
न्यायाधीश
एम. बी. शाह की
अध्यक्षता
में विशेष
जांच दल का
गठन किया गया।
विशेष जांच दल
के कई
सिफारिशों पर कार्यवाही
की गई ।
(3) घरेलू
कालेधन के लिए
एक नई आय
घोषणा योजना
की शुरूआत की
गई।
(4) कठोर
कार्यवाही
करने के
परिणामस्वरूप
लगभग 50,000 करोड़
रूपये के अप्रत्यक्ष
कर चोरी को
पकड़ा गया।
इसके साथ ही 21,000
करोड़ रूपये
की अघोषित आय
का भी पता
चला। गत दो
वर्षों में तस्करी
गतिविधियों
में जब्त
किये गये
सामान की राशि
बढ़कर 3963 करोड़
रूपये पहुंच
गई। यह गत दो
वर्षों के
मुकाबले 32
प्रतिशत अधिक
है।
(5) गत दो
वर्षों के 1169
मामलों के
मुकाबले 1466
मामलों में
कानूनी कार्रवाई
की शुरूआत की
गई। इसमें 25
प्रतिशत की
वृद्धि दर्ज
की गई।
2 वित्त
अधिनियम-2015 के
द्वारा काला
धन शोधन
अधिनियम-2002 में
संशोधन:
·
कालाधन
शोधन अधिनियम
के अंतर्गत
अपराध से आय
की परिभाषा
में संशोधन
किया गया जिससे
देश के बाहर
स्थित
संपत्ति जिसे
जब्त करना
संभव न हो के
लिए भारत में
समान संपत्ति
की कुर्की या
अधिकरण को
संभव किया जा
सके।
·
कालाधन
शोधन अधिनियम
में धारा (8) को
जोड़ा गया
ताकि विशेष न्यायालय
के निर्देश पर
कालाधन शोधन
के अपराध के
परिणामस्वरूप
हानि उठाने
वाले दावेदार
को जब्त
संपत्ति फिर
से लौटाई जा
सके।
·
सीमा
शुल्क
अधिनियम की धारा
132 जिसमें सीमा
शुल्क से
जुड़े झूठे
घोषणाओं या
दस्तावेजों
से जुड़े
अपराधों को
विधेयक अपराध
बनाया गया। व्यापार
पर आधारित
कालेधन शोधन
पर रोक लगाई
जा सके।
·
कालाधन
(अघोषित विदेश
आय और
संपत्ति) और अधिरोपण
कर अधिनियम 2015
की धारा 51 के
अंतर्गत किसी
कर दंड या ब्याज
से इच्छानुसार
बचने के अपराध
को पीएमएलए के
अंतर्गत
अधिसूचीबद्ध
अपराध बनाया
गया।
3 पीएमएलए
के अंतर्गत
हाल ही में की
गई अधिसूचनाएं:
डीएनएफबी
सेक्टर में
जोखिम राहत के
लिए राजस्व
विभाग द्वारा
उठाये गये कदम
निम्नलिखित
हैं-
·
पीएमएलए
की उपधारा 2 (1)
(एसए) (6) के
अंतर्गत
निर्धारित व्यापार
या व्यवसाय
करने वाले को 15.4.2015
को बीमा आढ़ती
अधिसूचित
किया गया।
·
पीएमएलए
की उपधारा 2 (1)
(एसए) (2) के
अंतर्गत
निर्धारित व्यापार
या व्यवसाय
करने वाले को
17.4.2015 को पंजीयक
या उपपंजीयक अधिसूचित
किया गया।
4 विदेशी
मुद्रा
प्रबंधन
अधिनियम (फेमा)
1999 में वित्त
अधिनियम 2015 के
द्वारा
संशोधन किये
गये संशोधनों
के अंतर्गत फेमा
की धारा-4 के
उल्लंघन के
परिणामस्वरूप
किसी व्यक्ति
के विदेशी
मुद्रा विदेशी
प्रतिभूति या
अचल संपत्ति
अर्जित करने
की स्थिति में
भारत में समान
राशि को जब्त
करने और
अधिग्रहण
करने के
संशोधन किया
गया हैं।
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