प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने आज बिहार के पटना में एनएच-19 पर गंगा नदी के उपर 5.575 किलोमीटर लम्बे चार लेन वाले महात्मा गांधी सेतु के पुनर्निर्माण संबंधी परियोजना को मंजूरी दे दी। नये निर्माण के लिए पुल के इस क्षतिग्रस्त ढांचे को ढहाया जाएगा और उसके बाद स्टील ट्रस के साथ इसकी री-डैकिंग की जाएगी। यह परियोजना इंजीनियरिंग, खरीद एवं निर्माण (ईपीसी) मोड में होगी। इस पर 1742.01 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
यह परियोजना पटना-हाजीपुर क्षेत्र को कवर करते हुए उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ेगी। यह परियोजना यातायात, विशेषकर उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच चलने वाले भारी यातायात के समय और लागत में कमी लाने के अलावा राज्य में बुनियादी ढांचे में सुधार की प्रक्रिया में तेजी लाएगी। महात्मा गांधी सेतु के पुनर्निर्माण से राज्य के इस क्षेत्र की सामाजिक आर्थिक स्थिति के उत्थान में भी मदद मिलेगी।
पृष्ठभूमि :
पटना में गंगा नदी के ऊपर चार लेन वाले महात्मा गांधी सेतु का निर्माण 1980 के दशक में बिहार की राज्य सरकार ने किया था। बदहाल हालत में पहुंच चुका यह पुल उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच बहुत ही महत्वपूर्ण कड़ी है और कई आर्थिक, साथ ही साथ सामाजिक, राजनीतिक गतिविधियों का मार्ग भी है। नेपाल और भूटान का कारोबार भी इसी संपर्क के माध्यम से होता है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय पिछले 15 वर्षों से इस पुल के पुनर्निर्माण के प्रयास कर रहा है, लेकिन उसके प्रयास सफल नहीं हो सके हैं। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा काफी अध्ययन किए जाने बाद अब यह तय किया गया कि इस पुल की मौजूदा संरचना को ढहाया जाए और उसके बाद स्टील ट्रस के साथ इसकी री-डैकिंग की जाए। तदनुसार, पटना में महात्मा गांधी सेतु की संरचना के पुनर्निर्माण के लिए विस्तृत प्राक्कलन तैयार किया गया।
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