अपनी जड़ों तक वापस लौटने और ग्रामीण भारत से स्वच्छता के पाठ सीखने की आवश्यकता ‘ : पीने का पानी एवं स्वच्छता मंत्री के रूप में नरेन्द्र सिंह तोमर का पहला संबोधन
पीने का पानी एवं स्वच्छता मंत्रालय ने 8 एवं 9 जुलाई को नई दिल्ली में देश भर में 100 प्रतिष्ठित स्थानों की विशेष सफाई के लिए, जिसकी शुरूआत पहले चरण में 10 स्थानों के साथ होगी, एक दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। संबंधित राज्य सरकारों एवं नगर पालिका निकायों के प्रतिनिधियों के साथ साथ इस कार्यशाला में निम्नलिखित 10 स्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
1. वैष्णो देवी : जम्मू एवं कश्मीर
2. ताज महल : उत्तर प्रदेश
3. तिरूपति मंदिर : आंध्र प्रदेश
4. स्वर्ण मंदिर : पंजाब
5. अजमेर शरीफ : राजस्थान
6. मीनाक्षी मंदिर : तमिलनाडु
7. कामख्या मंदिर : असम
8. जगन्नाथ पुरी : ओडिशा
9. मणिकिर्णकाघाट : उत्तर प्रदेश
10. छत्रपति शिवाजी टर्मिनस : महाराष्ट्र
कार्यशाला के पहले दिन अर्थात 8 जुलाई, 2016 को कार्यशाला की शुरूआत केंद्रीय पीने का पानी एवं स्वच्छता मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं पीने का पानी एवं स्वच्छता मंत्रालय में सचिव श्री परमेश्वरन अय्यर द्वारा उद्घाटन भाषण के साथ हुई।
मंत्री महोदय ने अपने उद्घाटन भाषण में (मंत्रालय का पद भार ग्रहण करने के बाद अपने पहले सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए) प्राचीन ग्रामीण भारत में व्याप्त कारगर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्रचलन को रेखांकित किया और कहा कि हमें अपनी जड़ों तक वापस जाना चाहिए एवं अतीत के अच्छे प्रचलनों से ‘स्वच्छता’ की सीख लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने एक स्वच्छ भारत के लिए काम किया और सभी के सामने अनुसरण करने के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व द्वारा सृजित वातावरण के बारे में भी बातें कीं जिन्होंने राष्ट्र में ‘स्वच्छता’ को समाज में एक मूल्य के रूप में फिर से प्रतिस्थापित किया है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश भर में प्रतिष्ठित स्थानों की सफाई के लिए पहल के संबंध में उन्होंने कहा कि पहले चरण में 10 प्रतिष्ठित स्थानों की सफाई में जो प्रतिमान स्थापित किए जाएंगे, उन्हें सभी 100 स्थानों तक विस्तारित किया जाएगा और उम्मीद है कि एक वैश्विक उदाहरण स्थापित किया जाएगा।
इसके बाद शहरी योजना निर्माण, स्वच्छता एवं सफाई के क्षेत्र में मैशेच्यूट्स इंस्टीच्श्ूट ऑफ टेक्नोलॉजी, विश्व बैंक एवं सिटीज एलायंस जैसे संस्थानों के अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा एक प्रस्तुतीकरण पेश किया गया। उन्होंने सिंगापुर, इक्वाडोर एवं पाकिस्तान (लाहौर के दिल्ली गेट की सफाई) समेत दुनिया भर के इसी प्रकार के एवं सफल अंतरराष्ट्रीय सफाई अभियानों के केस अध्ययन भी साझा किए।
इसके बाद 10 प्रतिष्ठित स्थानों की टीमों द्वारा विस्तृत प्रस्तुतीकरण पेश किए गए जिनमें शामिल हैं:
क) भूगोल, कवर किया गया क्षेत्र, आने जाने वाले लोगों की संख्या आदि समेत साइट की विशेषताएं
ख) साइट के भीतर एवं बाहर स्वच्छता की वर्तमान स्थिति
ग) भीतर एवं बाहर स्वच्छता बनाये रखने के लिए वर्तमान में उठाए गए वििशष्ट कदम एवं
घ) घटनाक्रमों, प्रमुख कंपनियों, वित्तीय बजटों आदि समेत प्रस्तावित कार्य योजना
10 प्रतिष्ठित स्थानों की टीमों को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा फीडबैक दिए गए एवं टीमों के बीच सबसे अच्छे प्रचलनों को साझा किया गया।
कार्यशाला के दूसरे दिन अर्थात 9 जुलाई, 2016 को शहरी विकास मंत्रालय ने इस पहल के तहत शुरू किए गए स्वच्छता कार्यों से संबंधित केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं पर एक प्रस्तुतीकरण पेश किया। उन्होंने सभी टीमों को यह आश्वासन भी दिया कि मंत्रालय अपनी तरफ से इस स्वच्छता अभियान को पूरा समर्थन देगा।
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