नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत देशभर में विभिन्न स्थानों पर 231 परियोजनाओं की शुरूआत हुई। नई दिल्ली में यह जानकारी देते हुए केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने बताया कि ये परियोजनाएं उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और दिल्ली में शुरू की जा रही हैं। सुश्री भारती ने बताया कि इन परियोजनाओं में घाटों का नवीनीकरण, सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्रों का पुनर्वास- विकास, वृक्षारोपण एवं जैव विविधता संरक्षण शामिल है।
मंत्री महोदया ने बताया कि उत्तराखंड के देहरादून, गढ़वाल, टीहरी गढ़वाल, रूद्र प्रयाग, हरिद्वार और चमोली जिलों में 47 परियोजनाएं शुरू की जाएगी। मुख्य कार्यक्रम हरिद्वार में आयोजित होगा जिसमें मंत्री महोदया के साथ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री हरीश रावत और केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी, चौधरी बीरेन्दर सिंह और श्री महेश शर्मा मौजूद रहेंगे।
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 20 परियोजनाएं पश्चिम बंगाल के उत्तरी 24 परगना, नदिया, दक्षिण 24 परगना और हावड़ा जिलों में शुरू की जाएंगी। मुख्य कार्यक्रम बजबज में आयोजित होगा। बिहार के बक्सर, वैशाली, सारण, पटना और भागलपुर जिलों में 26 परियोजनाएं शुरू की जाएगी। मुख्य कार्यक्रम पटना में आयोजित होगा। उत्तर प्रदेश के अमरोहा, बिजनौर, हापुड़, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मथुरा, इलाहाबाद, वाराणासी, फरूखाबाद और कानपुर जिलों में 112 परियोजनाएं शुरू की जाएंगी। नरोरा, मथुरा, वाराणसी और कानपुर में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
गंगा ग्राम योजना का उल्लेख करते हुए सुश्री भारती ने कहा कि इस योजना के पहले चरण में गंगा के तट पर बसे 400 गांवों का विकास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि देश के 13 भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ने ऐसे 5-5 गांवों का विकास करने की जिम्मेदारी ली हैं। सुश्री भारती ने कहा कि इन गांवों के 328 सरपंचों को अब तक पंजाब के सींचेवाल गांव ले जाया गया है जहां उन्होंने सींचेवाल के विकास की जानकारी ली। मंत्री महोदया ने बताया कि गंगा के किनारे आठ जैव विविधता संरक्षण केंद्रों का विकास किया जाएगा। ये केंद्र ऋषिकेश, देहरादून, नरोरा, इलाहाबाद, वाराणासी, भागलपुर, साहिबगंज और बैरकपुर में स्थापित किए जा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन घाटी आधारित समग्र दृष्टिकोण अपनाते हुए राष्ट्रीय गंगा नदी प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले पांच राज्यों में प्रदूषण नियंत्रण, जलीय संसाधन संरक्षण और संस्थागत विकास परियोजनाओं को लागू करने का निरंतर प्रयास कर रहा है। इन्हीं प्रयासों के अंतर्गत ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी को सुनिश्चित करने हेतु गंगा के किनारे बसे शहरों एवं 1657 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधानों के साथ जन जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन द्वारा नियमित संवाद किया जा रहा है तथा उन्हें नमामि गंगे कार्यक्रम के अंतर्गत क्रियान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों से अवगत कराया जा रहा है।
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