भारतीय रेल ने अपनी डेमू (डीईएमयू) रेलगाडियों के लिए अब तक का पहला वातानुकूलित डिब्बा (कार) विकसित किया है। अभी तक डीईएमयू रेलगाडियों में केवल गैर वातानुकूलित डिब्बे लगाए जाते थे। अब तक के इन पहले वातानुकूलित डिब्बों का विनिर्माण भारतीय रेल के चेन्नई आधारित इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) में किया गया है। वर्तमान 8 डिब्बों की डीईएमयू रेलगाडियों में ऐसे 2 नव विकसित वातानुकूलित डिब्बे होंगे। जल्द ही ऐसी डीईएमयू रेलगाडियां यात्री सेवाओं के लिए भी प्रारंभ की जाएंगी। इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) ने 4 डीईएमयू रेलगाडियां चलाने की योजना बनाई है जिसमें से प्रत्येक में दो-दो वातानुकूलित डिब्बे होंगे। ऐसी रेलगाडियां भविष्य में और बनाई जाएं या नहीं, यह उपयोगकर्ताओं से मिलने वाले फीडबैक पर निर्भर करेगा।
ऐसे वातानुकूलित डिब्बों में 5 आरामदायक शयित कुशन युक्त चेयर का प्रावधान होगा जिन्हें 73 यात्रियों को बिठाने की कुल क्षमता के साथ प्रत्येक पंक्ति ( 2 * 3 की रूपरेखा ) में व्यवस्थित किया जाएगा। इन वातानुकूलित डिब्बों की आंतरिक रूपसज्जा इंटरसिटी एसी एक्सप्रेस रेलगाडी के डिब्बों की तरह होगी। सभी वातानुकूलित डिब्बे पर्यावरण अनुकूल जैव शौचालयों से सुसज्जित होंगे। भारतीय रेल वर्तमान में तीन प्रकार की डीईएमयू रेलगाडियों का संचालन करती है जिनके नाम हैं- 700 अश्व शक्ति के साथ 6 डिब्बों की डीईएमयू रेलगाडियां, 1400 अश्व शक्ति के साथ 8 डिब्बों की डीईएमयू रेलगाडियां एवं 1600 अश्व शक्ति के साथ 10 डिब्बों की डीईएमयू रेलगाडियां।
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