भारतीय रेल कर्मी साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में भारत का पदक हासिल करने का लंबा इंतजार समाप्त किया
साक्षी मलिक ने 58 किलोग्राम वर्ग की महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती में ओलंपिक का कांस्य पदक जीता
रेलवे ने खेलों को प्रोत्साहन देने की अपनी प्रतिबद्धता के जरिये देश को फिर से गौरवान्वित किया
तीनों रेल मंत्रियों ने साक्षी मलिक को उनकी उपलब्धता पर बधाई दी
साक्षी मलिक को निर्धारित 50 लाख रुपये नकद पुरस्कार और राजपत्रित अधिकारी पद पर पदोन्नति दी जाएगी
ओलंपिक में इस सफलता से भारत में महिला कुश्ती दल को बढ़ावा देने में भारतीय रेल की शानदार भूमिका
रियो ओलंपिक्स भारतीय दल में एक तिहाई सदस्य रेलवे के खिलाड़ी हैं जो किसी ओलंपिक में अब तक की सर्वाधिक संख्या है
भारतीय रेल कर्मी साक्षी मलिक ने देश के लिए रियो ओलंपिक्स 2016 में पहला पदक हासिल किया। रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु, संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं रेल राज्य मंत्री श्री मनोज सिन्हा और रेल राज्य मंत्री श्री राजन गोहेन ने साक्षी मलिक को देश को गौरवान्वित करने तथा उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी है। पूरा रेल विभाग आज गर्व महसूस कर रहा है, क्योंकि भारतीय रेल ने आज देश को एक शानदार सफलता प्रदान की है।
भारतीय रेल कर्मी साक्षी मलिक ने रियो ओलंपिक 2016 में भारत को बहुप्रतीक्षित पदक दिलाया।
साक्षी मलिक ने 58 किलोग्राम वर्ग की महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती में ओलंपिक कांस्य पदक जीता। साक्षी मलिक ने भारत के लिए ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली ‘महिला पहलवान’ बनकर इतिहास रच दिया है। जुझारु महिला पहलवान साक्षी मलिक ने पदक जीतने का भारत का लम्बा इंतजार समाप्त किया। उन्होंने किरगिजस्तान की अलसुलू टिनीबेकोवा को प्लेऑफ प्रतियोगिता में 8-5 से हराकर 58 किलोग्राम वर्ग में कांस्य पर कब्जा किया। इसके पहले भारतीय रेल की एक अन्य कर्मी विनेश फोगट घायल हो जाने के कारण मुकाबले से हट गई थीं। घायल होने के पहले वे शानदार प्रदर्शन कर रही थीं और 48 किलोग्राम वर्ग में उनसे पदक जीतने की उम्मीद थी। उल्लेखनीय है कि भारतीय रेल ने पहली बार पूरी महिला पहलवान टीम को आगे बढ़ाया और इस तरह कुश्ती के क्षेत्र में भारतीय महिलाओं को आकर्षित करके उनके लिए खिलाड़ी के रूप में एक नया विकल्प उपलब्ध कराया है।
साक्षी मलिक इस समय उत्तर रेलवे के दिल्ली प्रखंड में वाणिज्य विभाग में कार्यरत हैं। भारतीय रेल ने हर तरह की सुविधाएं प्रदान करके सक्षी मलिक को एक शानदार पहलवान के रूप में आगे बढ़ाया है। उन्हें कई तरह के प्रोत्साहन भी दिए गए हैं। रेल विभाग के कुश्ती कोच श्री कुलदीप मलिक ने ओलंपिक की बड़ी प्रतिस्पर्धाओं के लिए रेलवे की महिला पहलवानों को तैयार किया था। भारतीय रेल के खेल निदेशालय ने हर स्तर पर उनके प्रशिक्षण के लिए खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय के साथ समन्वय किया था।
खेलों के शुरू होने के पहले रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभारक प्रभु ने पहले ही यह घोषणा कर दी थी कि साक्षी मलिक को 50 लाख रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा और उन्हें अपनी पसंद के जोनल रेल कार्यालय में राजपत्रित अधिकारी के पद पर पदोन्नति दी जाएगी।
भारतीय रेल कर्मी साक्षी मलिक ने 58 किलोग्राम वर्ग की महिला फ्रीस्टाइल कुश्ती में ओलंपिक कांस्य पदक जीता।
खेलों और खिलाडि़यों को प्रोत्साहित करने तथा हर प्रकार का समर्थन प्रदान करने की भारतीय रेल की समृद्ध परंपरा रही है। भारतीय रेल देश में हर प्रकार की खेल गतिविधि में सबसे आगे रहा है। पिछले कई वर्षों के दौरान, अपनी स्थापना के समय से ही भारतीय रेल के खिलाडि़यों ने ओलंपिक्स, ऐशियाड एवं अन्य अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में सफलतापूर्वक देश का प्रतिनिधित्व किया है। रियो ओलंपिक्स में शामिल होने वाले भारतीय दल में एक तिहाई खिलाड़ी भारतीय रेल से संबंधित हैं, जिससे यह साबित होता है कि देश में खेलों को प्रोत्साहित करने के लिए रेल विभाग अत्यंत प्रतिबद्ध है। भारतीय रेल द्वारा प्रोत्साहित खिलाडि़यों ने समय-समय पर अपनी निपुणता जाहिर की है और देश को गौरवान्वित किया है।
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