आयुष मंत्रालय के अधीनस्थ भारतीय औषधि एवं होम्योपैथी के औषधकोश आयोग और अमरीका फॉर्माकोपिएल कन्वेंशन ने आज नई दिल्ली में परम्परागत औषधि और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान, विकास और विज्ञान आधारित मापदंडों को बढ़ावा देने के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए सहमति के पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। दोनों पक्षों के बीच हुए इस ऐतिहासिक समझौते का उद्देश्य परम्परागत दवाइयों और वनस्पति पूरक आहार की गुणवत्ता और सुरक्षा को बढ़ावा देना है। साथ ही इस समझौते का उद्देश्य दोनों देशों और वैश्विक स्तर पर मिलकर जन-स्वास्थ्य में बेहतरी लाना है।
इस सहमति के पत्र पर भारतीय औषधि एवं होम्योपैथी के औषधकोश आयोग के निदेशक डॉ. राजीव कुमार शर्मा और यू.एस. फॉर्माकोपिएल कन्वेंशन के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट डॉ. के.वी सुरेन्द्रनाथ ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर आयुष मंत्रालय में सचिव श्री अजीत मोहन शरण, आयुष मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री अनिल गनेरीवाला, श्री अनुराग श्रीवास्तव, संयुक्त सचिव आयुष, वैश्विक स्वास्थ्य केन्द्र, यू.एस. नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूड, राष्ट्रीय स्वास्थ्य संस्थान और दक्षिण एशियाई कार्यक्रम के निदेशक डॉ. प्रीथा राजारमन और अमरीकी दूतावास से वैश्विक मामलों के कार्यालय, स्वास्थ्य और जन-सेवाओं के विभाग में सलाहकार डॉ. विद नुकाला मौजूद थे।
1. परम्परागत औषधि/जड़ी-बुटी और वनस्पति पूरक आहार उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर जागरूकता बढ़ाना भी सहमति पत्र के उद्देश्यों में शामिल है।
2. परम्परागत दवाइयों और वनस्पति आहार की उपलब्धता को बढ़ाकर जरूरतमंद लोगों तक इसकी पहुंच बनाना।
भारतीय औषधि एवं होम्योपैथी का औषधकोश आयोग आयुष मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्त संस्था है जिसका मुख्य कार्य आयुर्वेद, सिद्ध, यूनानी और होम्योपैथी के अंतरगत इस्तेमाल होने वाली दवाइयों के लिए औषधकोश मापदंडों को विकसित करना है।
वहीं, यू.एस. फॉर्माकोपिएल कन्वेशन (यूएसपी) एक वैश्विक स्वास्थ्य संगठन है, जोकि जन मापदंडों द्वारा जीवन को बेहतर बनाने का काम करता है और इस तरह का कार्यक्रम चलाता है, जिससे कि दवाइयों और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता, सुरक्षा और फायदा सुनिश्चित हो सके।
इस अवसर पर आयुष मंत्रालय में सचिव श्री अजीत मोहन शरण ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक समझौता है, जिससे परम्परागत औषधियों के क्षेत्र में सहयोग और अधिक बढ़ेगा।
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