भारत और बांग्लादेश संयुक्त रूप से 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध पर डॉक्युमेंट्री फिल्म बनाएंगे
ऑल इंडिया रेडियो 23 अगस्त को आकाशवाणी मैत्री का शुभारंभ करेगा
श्री वैंकेया नायडू ने बांग्लादेश के सूचना मंत्री श्री हसनउल-हक-इनू से चर्चा की
सूचना और प्रसारण मंत्री श्री एम. वैंकेया नायडू ने कहा कि आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सूचना का प्रसार महत्वपूर्ण है, जो भारत और बांग्लादेश दोनों के लिए चिंता का विषय है। समय पर सही सूचना के प्रचार प्रसार से अफवाहों और झूठ से बचा जा सकता है तथा लोगों के बीच सहयोग और समझ की भावना भरी जा सकती है। मंत्री महोदय ने यह बात आज यहां बांग्लादेश के सूचना मंत्री श्री हसनउल-हक-इनू और उनके प्रतिनिधिमंडल के साथ विचार-विमर्श के दौरान कही। इस बैठक में सूचना और प्रसारण मंत्रालय में सचिव श्री अजय मित्तल और वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
श्री नायडू ने अपने बांग्लादेशी समकक्ष को बताया कि ऑल इंडिया रेडियो 23 अगस्त, 2016 को “आकाशवाणी मैत्री” शीर्षक से बांग्लादेश और बंगाली प्रवासी भारतीयों के लिए विशेष सेवा का शुभारंभ करेगा। महामहिम राष्ट्रपति इस चैनल का उद्घाटन करेंगे जो दोनों देशों के बीच सौहार्द सेतू के रूप में कार्य करेगा। श्री नायडू ने बताया कि दोनों देशों के बीच संबंधों से समान विरासत और संस्कृति को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
चर्चा के दौरान भारत और बांग्लादेश कई मुद्दों पर सहयोग के लिए राजी हुए। दोनों मंत्री संयुक्त रूप से 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध पर डॉक्युमेंट्री तैयार करने में सहयोग करने पर सहमत हुए। श्री नायडू ने कहा कि इसके लिए फिल्म प्रभाग, दूरदर्शन और अन्य मीडिया इकाईयों के पास उपलब्ध अभिलेखीय सामग्री का अधिक से अधिक उपयोग किया जाएगा। इस डॉक्युमेंट्री को 2021 में बांग्लादेश की स्वाधीनता की 50वीं सालगिरह के अवसर पर प्रदर्शित करने का प्रस्ताव है। श्री नायडू ने श्री हसनउल-हक-इनू के 2020 में बांग्लादेश के राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की 100वीं जयंती के उपलक्ष्य में बांग्लादेश द्वारा निर्मित की जा रही मेगा मूवी के निर्माण में मदद करने के प्रस्ताव पर भी सहमति व्यक्त की।
दोनों देश संयुक्त दृश्य-श्रव्य सह निर्माण के समझौते के प्रस्ताव पर मिलकर कार्य करने पर सहमत हुए। बांग्लादेश में भारतीय फिल्म महोत्सव और भारत में बांग्लादेश फिल्म महोत्सव आयोजित करने पर भी सहमति बनी। बांग्लादेश के मंत्री ने 1935 में बंगाली भाषा में प्रमतेश बरुआ द्वारा निर्देशित देवदास के सेलुलाइड संस्करण प्रदान करने के श्री नायडू के अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया। इससे पहले बांग्लादेश ने एनएफएआई को इस फिल्म का डीवीडी संस्करण प्रदान किया था। दोनों देशों के बीच मुक्त फिल्म व्यापार सुविधा के संबंध में श्री नायडू ने कहा कि बांग्लादेश को उन कानूनी प्रावधानों में छूट देने पर विचार करना चाहिए जिनके तहत वहां कई भारतीय फिल्में प्रतिबंधित है। प्रतिबंध हटाने से स्थानीय फिल्म उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। मंत्री महोदय ने बांग्लादेश के युवा फिल्म निर्माताओं और उद्यमियों को भारतीय फिल्म और प्रशिक्षण संस्थानों में प्रशिक्षण देने की भी पेशकश की। उन्होंने कहा कि फिल्मों के संयुक्त निर्माण को बढ़ावा देने के लिए एनएफडीसी और बांग्लादेश फिल्म विकास निगम तथा डिजिटिकरण और अभिलेख तैयार करने के लिए एनएफएआई और बांग्लादेश फिल्म आरकाइव्स के बीच सहयोगात्मक उपाय शुरू किये जाएंगे।
इस दौरान दोनों मंत्री मीडिया के लोगों, सूचना और प्रसारण मंत्रालय के संबद्ध अधिकारियों तथा दूरदर्शन और बांग्लादेश में उसके समकक्ष के बीच आदान-प्रदान कार्यक्रम के लिए क्षमता निर्माण को बढ़ावा देने और प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करने पर भी सहमत हुए।
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