भारतीय रेलवे ने रेलवे के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को रेलवे के विशिष्ट क्षेत्रों में एमबीए डिग्री प्रदान करने के लिए महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा के साथ गठबंधन किया
रेल मंत्रालय ने अपने कर्मचारियों को प्रोफेशनल दृष्टि से और कार्य सक्षम बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अपने अधिकारियों को एमबीए डिग्री हासिल करने के लिए भेजने का निर्णय लिया है। तदनुसार, रेलवे अधिकारियों को प्रशिक्षण देने वाले शीर्ष भारतीय रेलवे प्रशिक्षण संस्थान यानी भारतीय रेलवे की राष्ट्रीय अकादमी (नायर), वडोदरा ने भारतीय रेल लेखा सेवा (आईआरएएस), भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (आईआरपीएस) और भारतीय रेलवे स्टोर सेवा (आईआरएसएस) से संबंधित रेलवे के परिवीक्षाधीन अधिकारियों को रेलवे के विशिष्ट क्षेत्रों में एमबीए डिग्री प्रदान करने के लिए महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय, वडोदरा के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। रेल मंत्री श्री सुरेश प्रभाकर प्रभु की गरिमामय उपस्थिति में इसी सप्ताह इस एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इसे रेलवे के विशिष्ट क्षेत्रों में रेलवे के परिवीक्षाधीन अधिकारियों की प्रोफेशनल प्रबंधन शिक्षा को बेहतर करने की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह कार्यक्रम अगस्त, 2016 से ही शुरू हो जाएगा।
भारतीय रेलवे की राष्ट्रीय अकादमी में फिलहाल प्रशिक्षण पा रहे रेलवे के परिवीक्षाधीन अधिकारीगण अध्ययन करके संबंधित क्षेत्रों जैसे कि वित्त, मानव संसाधन प्रबंधन, उत्पादन व परिचालन प्रबंधन एवं विपणन प्रबंधन में विशेषज्ञता के साथ विश्वविद्यालय से एमबीए डिग्री प्राप्त करेंगे।
इस औपचारिक गठबंधन से महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय को अपने स्तर पर रेलवे अधिकारियों के साथ-साथ एमबीए के लिए विद्यार्थियों के चयन में मदद मिलेगी। इन विद्यार्थियों को भी संबंधित विषयों में एमबीए डिग्री प्रदान की जाएगी। यही नहीं, रेलवे से जुड़े बुनियादी ढांचागत निर्माण ठेकेदारों, आपूर्तिकर्ताओं, मेट्रो एवं पोर्ट रेलवे की जरूरतें भी इससे पूरी हो सकेंगी। वे यूपीएससी द्वारा आयोजित की जाने वाली परीक्षा में शामिल होकर रेलवे में नौकरी की तलाश भी कर सकते हैं।
0 comments :
Post a Comment