दिसंबर 1981 में एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा एवीएसएम भारतीय वायुसेना में लड़ाकु जहाज के पायलट के तौर पर तैनात किए गए थे। उनका मिग-21, मिग-29 और भारतीय वायुसेना में हेलीकॉप्टर समेत दूसरे तरह के एयरक्राफ्ट उड़ाने का 2600 घंटे का अनुभव रहा है। एच एस अरोड़ा टैक्टिक्स एंड एयर कॉम्बैटडेवलपमेंट इस्टेबिलिशमेंट (टीएसीडीई) में डायरेक्टिंग स्टाफ और डायरेक्टरेट ऑफ एयर स्टाफ इंस्पेक्शन (डीएएसआई) में फ्लाइंग इंस्पेक्टर के तौर पर जिम्मेदारी निभा चुके हैं।
2006 से 2009 के बीच वो प्रतिनियुक्ति पर थाइलैंड के बैंकॉक में भारतीय दूतावास के साथ भी संलग्न रहे हैं।
वे 45 स्क्वैड्रन ‘द फ्लाइंग डैगर’ को विंग कमांडर की हैसियत से कमांड कर चुके हैं साथ ही एडीडीसी कैडर में ग्रुप कैप्टन और 33 एसयू ‘द स्कैनर्स’ के स्टेशन कमांडर के रूप में भी अपनी सेवा दे चुके हैं। वे पंजाब के अदमपुर एयरफोर्स स्टेशन पर एयर कमोडोर की हैसियत से काम कर चुके हैं। एयर वायस मार्शल रहते हुए पश्चिमी एयर कमांड और पूर्वी एयर कमांड के हेडक्वार्टर पर एयर डिफेंस कमांडर रह चुके हैं।
एच एस अरोड़ा डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज और नेशनल डिफेंस कॉलेज से टैक्टिक्स और एयर कॉम्बैट डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट में मेरिटोरियस ग्रेजुएट रहे हैं। रक्षा और रणनीतिक कौशल में एमफिल की उपाधि भी प्राप्त कर चुके हैं।
गुणवत्तापूर्ण सेवा को देखते हुए उन्हें 1997 में एओसी इन चार्ज से प्रशस्ति पत्र भी मिल चुका है। 26 जनवरी 2011 को भारत के राष्ट्रपति के हाथों अति विशिष्ट सेवा मेडल भी प्राप्त कर चुके हैं।
एयर मार्शल एच एस अरोड़ा एवीएसएम को 22 अगस्त 2016 को डायरेक्टर जनरल एयर (ऑपरेशन) नियुक्त किया गया है।
उनकी शादी श्रीमति बलजीत अरोड़ा से हुई है और वे दो बेटों के पिता हैं। उन्हें पढ़ना, म्यूजिक सुनना और यात्रा करना पसंद है।
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