भारतीय सेना ने कहा है कि उसने पाकिस्तान के साथ लगती नियंत्रण रेखा के पास चरमपंथी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक्स की हैं.
पूंछ और उरी में हुए आतंकी हमले में जवानों की शहादत का बदला भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों को ढेर कर के लिया है. DGMO और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह खुलासा किया गया कि भारतीय फौज ने बुधवार देर रात नियंत्रण रेखा को पार करते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक किया.
भारतीय सेना के डीजीएमओ लेफ़्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह ने कहा, "ये स्ट्राइक्स बुधवार रात को उनके अड्डों पर की गईं, जब ये पक्की जानकारी मिली कि आतंकवादी नियंत्रण रेखा पर जमा हो रहे हैं."
उन्होंने ये भी कहा कि पाकिस्तान के डीजीएनओ से इस बारे में बात की गई है और उन्हें बता दिया गया है कि ये स्ट्राइक्स ख़त्म हो चुकी हैं और फ़िलहाल इनको जारी नहीं रखा जाएगा.
लेफ़्टिनेंट जनरल रणबीर सिंह का कहना था भारत किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. सेना के डीजीएमओ का कहना था कि चरमपंथी भारत में घुसकर कई अहम शहरों पर हमला करने की योजना रखते थे.
उनके मुताबिक़ पुंछ सेक्टर में ही सिंतबर में घुसपैठ की तक़रीबन 20 कोशिशें हुई हैं जिन्हें भारतीय सेना ने नाकाम किया. उन्होंने ये भी कहा कि वो कुछ लोगों को पकड़ने में भी कामयाब हुई जिन्होंने कथित तौर पर ये माना कि उनकी ट्रेनिंग पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में हुई थी. जिसके बाद उन्हें हथियार मुहैया करवाए गए.
पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि गोलीबारी रात के ढाई बजे से शुरू हुई और सुबह के आठ बजे तक जारी रही.
पाकिस्तानी सेना के मुताबिक़ नियंत्रण रेखा पर 'बिना किसी उकसावे के' भारत की तरफ़ से भिम्बर, हॉट स्प्रिंग, केल और लीपा सेक्टरों में फ़ायरिंग हुई.'
पाकिस्तानी सेना ने कहा है कि "भारत की ओर से कोई सर्जिकल स्ट्राइक नहीं हुई है, ये सीमा पार से फायरिंग थी जो पहले भी होती रही है."
पाकिस्तानी सेना की ओर से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है कि "अगर पाकिस्तान की ज़मीन पर कोई सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो उसका कड़ा जवाब दिया जाएगा."
पाकिस्तान के चैनल पीटीवी के मुताबिक़, प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ ने 'भारत के खुले अत्याचार' की कड़ी निंदा की है और "मारे गए सैनिकों को श्रद्धांजलि दी है."
नवाज़ शरीफ़ ने भारतीय सेना के हमले की निंदा की जिसमें दो पाकिस्तानी सैनिकों की मौत हो गई है. शरीफ़ ने कहा है कि शांति की हमारी ख़्वाहिश को कमज़ोरी नहीं समझा जाना चाहिए और हमारे सैनिक सीमा की सुरक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
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