जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती द्वारा लोक सभा में दिए गए बयान का हवाला देते हुए मीडिया के कुछ हिस्सों में यह खबर आई है कि बयान के अनुसार गंगा की डॉल्फिन मछलियां प्रदूषण के कारण अंधी हो गई हैं, लेकिन उनके मंत्रालय के पास इस दावे के समर्थन में कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। रिपोर्ट में जल संसाधन मंत्रालय से प्राप्त एक आरटीआई जवाब का हवाला भी दिया गया है।
इस संदर्भ में यह स्पष्ट किया जा रहा है कि मंत्री महोदया नियमित आधार पर गंगा से संबंधित विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा करती रहती हैं। इसी तरह की एक समीक्षा के तहत गंगा के जल-जीवन का भी जायजा लिया गया था। इस समीक्षा में एक विशेषज्ञ ने जल-जीवन के बारे में एक प्रस्तुतिकरण दिया था, जिसमें मंत्री महोदया को जानकारी दी गई थी कि गंगा की डॉल्फिन मछलियां नदी के प्रदूषण के कारण अंधी हो रही हैं। इस तरह मंत्री महोदया द्वारा दिया गया बयान तथ्यात्मक रूप से सही है।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि आरटीआई का जवाब देते समय इस तथ्यात्मक सूचना का उल्लेख क्यों नहीं किया गया।
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