प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 25 अक्टूबर, 2016 को राजधानी में प्रथम आदिवासी कार्निवाल का उद्घाटन करेंगे। इसकी घोषणा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आदिवासी मामलों के केन्द्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम ने की। उन्होंने बताया कि इस कार्निवाल का मुख्य उद्देश्य आदिवासियों के बीच समावेशी भावना को बढ़ावा देना है। मंत्री महोदय ने कहा ‘इसका अंतरनिहित विचार आदिवासी जनजीवन की संस्कृति, परंपरा, रीति- रिवाज और उनके कौशल से संबंधित विभिन्न पहलुओं को बढ़ावा देना है। इसे आम लोगों के बीच ले जाना है ताकि अनुसूचित जनजाति का संपूर्ण और समग्र विकास हो सके। इस चार दिनों के कार्यक्रम में आदिवासियों के सामाजिक- सांस्कृतिक दस्तावेजों, कला/शिल्पकृति, सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा खेल पेंटिंग और पारंपरिक चिकित्सा कार्यों से संबंधित कौशल आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके अलावा पंचायती राज (अनुसूचित क्षेत्र तक विस्तार) अधिनियम,1996 (पीईएसए), इसका क्रियान्वयन अनुसूचित जन जाति समुदाय का इसका लाभ एवं कमियों, वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) 2006 और इसके निहितार्थ और राजनीति में आरक्षण और आवश्यकता जैसे मुद्दों पर कार्यशाला भी इस चार दिवसीय कार्निवाल का हिस्सा होगी।’
इस अवसर पर श्री ओराम ने बताया कि इस कार्निवाल के दौरान संगीत एवं नृत्य, प्रदर्शनी, शिल्प का प्रदर्शन, फैशन शो, पैनल डिस्कशन और पुस्तक मेले का भी आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही इस कार्निवाल के दौरान भारतीय आदिवासी जनजीवन एवं संस्कृति, संगीत, पारंपरिक व्यंजन से संबंधित ज्ञान तथा अनुभव से भरपूर संगीत और नृत्य के कार्य प्रस्तुत किए जाएंगे। श्री ओराम ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत तौर पर सभी आदिवासी सांसदों, केंद्र और आदिवासी कार्य मंत्रालयों के मंत्रियों एवं पूर्व मंत्रियों को इस कार्निवाल में आमंत्रित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस कार्निवाल में देश भर से लगभग 1600 आदिवासी कलाकारों और 15000 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है। खेल,साहित्य कला एवं संस्कृति,शिक्षा तथा मेडिसिन के क्षेत्र के संबंधित प्रमुख हस्तियों को भी इस कार्निवाल में आमंत्रित किया गया है।
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