संस्कृति मंत्रालय 11 अक्तूबर, 2016 से 11 अक्तूबर 2017 तक "नानाजी देशमुख की जन्म शताब्दी का आयोजन कर रहा है। इस अवधि के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित किया जाएगा। इस स्मरणोत्सव के तहत गतिविधियों के एक हिस्से के रूप में आज नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय, नई दिल्ली में उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी ने मुख्य अतिथि के रूप में इस समारोह की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती, संस्कृति और पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ महेश शर्मा, संस्कृति मंत्रालय में सचिव श्री एन. के. सिन्हा और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी और अन्य मेहमानों ने नानाजी देशमुख पर आयोजित फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन किया और उसके बाद दीप प्रज्जवलित करके महान नेता नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि अर्पित की। प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी और विशेष अतिथि सुश्री उमा भारती ने नानाजी देशमुख के जीवन से संबंधित विभिन्न पहलुओं के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने नानाजी देशमुख के साथ अपनी-अपनी यादों और अच्छे संबंधों के बारे में जानकारी साझा की।
सभा को संबोधित करते हुए संस्कृति मंत्री, डॉ महेश शर्मा ने कहा कि नानाजी देशमुख एक महान व्यक्ति थे, जिन्होंने यह साबित कर दिया है कि अगर किसी भी कार्य को राष्ट्रवाद की भावना के साथ किया जाता है तो उसकी सफलता निश्चित रहती है। वे चाहते थे कि समाज के गरीब से गरीब व्यक्ति तक सभी सुविधाओं का लाभ पहुँचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार ने चित्रकूट के पर्यटन के विकास के लिए 43 करोड़ की राशि स्वीकृत की है। संस्कृति मंत्रालय आईजीएनसीए, जनपथ, नई दिल्ली के परिसर में 15 से 23 अक्टूबर 2016 तक ग्रामीण भारत पर आधारित राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव-2016 का आयोजन कर रहा है। इस महोत्सव में भारतीय कला और परंपराओं के प्रदर्शन के अलावा संस्कृति मंत्रालय के अधीन सभी सातों क्षेत्रीय सांस्कृतिक केन्द्र, कला और संस्कृति के शो आयोजित करेंगे और विभिन्न स्टालों के माध्यम से खाद्य संस्कृति का भी प्रदर्शन किया जाएगा।
नानाजी देशमुख द्वारा स्थापित दीनदयाल उपाध्याय अनुसंधान संस्थान के महासचिव श्री अतुल जैन ने सभा को संबोधित किया और नानाजी देशमुख के जीवन पर प्रकाश डाला। संस्कृति सचिव श्री एन. के. सिन्हा ने इस अवसर पर धन्यवाद ज्ञापन दिया।
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