जीएसटी को लागू करने पर रिपोर्ट कार्ड, भारत सरकार ने जीएसटी को लागू करने की दिशा में अब तक कुछ भी समय नहीं गंवाया है
जीएसटी परिषद में विचार-विमर्श अत्यंत सौहार्दपूर्ण रहे हैं और अब तक सभी निर्णय आम सहमति से लिए गए हैं
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लिए संविधान संशोधन विधेयक पर आम सहमति तक पहुंचने में लगे समय की तुलना में संबंधित विधेयक के पारित होने के बाद के घटनाक्रमों से यह पता चलता है कि भारत सरकार और राज्यों ने जीएसटी को लागू करने के लिए समस्त आवश्यक कदम उठाने की दिशा में उल्लेखनीय काम किया है। नीचे पेश किए गए रिपोर्ट कार्ड से यह साफ पता चलता है कि भारत सरकार ने जीएसटी को लागू करने की दिशा में अब तक कुछ भी समय नहीं गंवाया है :
जीएसटी से जुड़े संविधान संशोधन अधिनियम पर 8 सितंबर, 2016 को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के महज एक सप्ताह के भीतर कैबिनेट ने सचिवालय के साथ जीएसटी परिषद का सृजन कर दिया। संविधान के अनुच्छेद 279ए के तहत जीएसटी परिषद को जीएसटी से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर केंद्र एवं राज्यों के समक्ष सिफारिशें पेश करने का अधिकार दे दिया गया है। किन-किन वस्तुओं एवं सेवाओं पर जीएसटी लगाया जा सकता है, किन-किन वस्तुओं एवं सेवाओं को जीएसटी से मुक्त रखा जा सकता है, कुल कारोबार की सीमा क्या हो, जिससे नीचे की वस्तुओं एवं सेवाओं को जीएसटी से मुक्त रखा जा सकता है और जीएसटी के बैंड के साथ न्यूनतम दरों सहित जीएसटी की दरें तय करना इन मुद्दों में शामिल हैं।
12 सितंबर, 2016 को जीएसटी परिषद की अधिसूचना जारी होने के बाद से लेकर अब तक परिषद की छह बैठकें नई दिल्ली में हो चुकी हैं। ये बैठकें 22-23 सितंबर 2016, 30 सितंबर, 18-19 अक्टूबर, 3-4 नवम्बर, 2-3 दिसंबर और 11 दिसंबर 2016 को आयोजित की गईं। इन बैठकों के दौरान अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए हैं, जिससे 01 अप्रैल, 2017 से जीएसटी को लागू करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है।
जीएसटी परिषद की इन छह बैठकों में लिये गए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय निम्नलिखित हैं –
- जीएसटी से छूट के लिए सीमा सामान्य राज्यों के लिए 20 लाख रुपये होगी (संविधान के अनुच्छेद 279ए में उल्लिखित विशेष श्रेणी वाले राज्यों के लिए सीमा 10 लाख रुपये होगी)
- संरचना योजना से लाभ उठाने की सीमा 50 लाख रुपये होगी। सेवा प्रदाताओं को संरचना योजना के दायरे से बाहर रखा जाएगा।
- जीएसटी को लागू करने के कारण राज्यों को राजस्व नुकसान की भरपाई 5 वर्षों तक करने हेतु राज्य के राजस्व के लिए आधार वर्ष 2015-16 होगा और 14 फीसदी की निश्चित वृद्धि दर इस पर लागू होगी।
- जीएसटी के तहत वस्तुओं के लिए दरों के बैंड 5, 12, 18 एवं 28 फीसदी होंगे और इसके अलावा छूट प्राप्त वस्तुओं की एक श्रेणी होगी। यही नहीं, राज्यों को मुआवजे की अदायकी के लिए कुछ विशेष वस्तुओं जैसे की लक्जरी कारों, एरेटेड ड्रिंक, पान मसाला और तंबाकू उत्पादों पर 28 फीसदी की दर के अलावा उपकर लगाया जाएगा।
जीएसटी परिषद में विचार-विमर्श अत्यंत सौहार्दपूर्ण रहे हैं और अब तक सभी निर्णय आम सहमति से लिए गए हैं। परिषद के सदस्य अत्यंत सकारात्मक नजरिये के साथ बैठकों में हिस्सा ले रहे हैं और तय समय सीमा के मुताबिक जीएसटी को लागू करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
0 comments :
Post a Comment