सरकार ने पशु क्रूरता निवारण (पालतू पशु की दुकान) नियम, 2016 की अधिसूचना की घोषणा कर दी है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अनिल माधव दवे ने मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह पालतू पशुओं की दुकान (पैट शॉप्स) को विनियमित करने के लिए है। श्री दवे ने कहा कि यह एक ऐसा क्षेत्र था जो कि अनियंत्रित था। मंत्री महोदय ने यह भी कहा कि सभी हितधारकों और राज्यों से सुझाव भी मांगे जाएंगे।
मंत्रालय सार्वजनिक सूचना के लिए भारतीय राजपत्र में प्रस्तावित मसौदा नियम अधिसूचित करेगी। अधिसूचना मंत्रालय की वेबसाइट पर होगी। कोई भी व्यक्ति इन नियमों के प्रकाशित होने के बाद 30 तीनों के भीतर संबंधित समौदे पर लिखित रूप से विचार के लिए उप सचिव, पशु कल्याण प्रभाग, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, इंदिरा पर्यावरण भवन, नई दिल्ली को अपने सुझाव भेजे सकता है।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पास जानवरों पर अनावश्यक दर्द या पीड़ा रोकने के लिए और पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम के लिए पशु क्रूरता निवारण (पीसीए) अधिनियम, 1960 लागू करने का अधिकार है।
उद्देश्य:
इन नियमों का उद्देश्य पालतू पशुओं की दुकानों को जवाबदेह बनाना और इन दुकानों में पशुओं के प्रति क्रूरता को रोकना है। प्रस्तावित नियम इस प्रकार है:
(i) प्रत्येक पालतू पशु दुकान के मालिक को अपने राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के पशु कल्याण बोर्ड में खुद को पंजीकृत कराना होगा।
(ii) राज्य बोर्ड, एक वेटरिनेरी प्रैक्टिशनर और पशु क्रूरता निवारण सोसायटी के एक प्रतिनिधि द्वारा निरीक्षण के बाद ही दुकान पंजीकृत हो पाएगी।
(iii) इस नियम में दुकान में पक्षियों, बिल्लियों, कुत्तों, खरगोश, गिनी पिग, हम्सटर, चूहों के लिए स्थान को परिभाषित किया गया है।
(iv) इसके अलावा इसमें बुनियादी सुविधाओं, बिजली बैक-अप, सामान्य देखभाल, पशु चिकित्सा देखभाल और पशुओं के रखरखाव के लिए अन्य आवश्यकताओं को भी परिभाषित किया गया है।
(v) पशुओं की दुकान में उनकी बिक्री, उनकी मृत्य, उनके बीमार होने का पूरा रिकॉर्ड रखना भी अनिवार्य बनाया गया है।
(vi) प्रत्येक पालतू पशु की दुकान के मालिक को पिछले वर्ष के दौरान पशुओं की खरीद, बिक्री व अन्य महत्वपूर्ण जानकारी का ब्योरा और राज्य बोर्ड द्वारा पूछी गई अहम जानकारी को पूरी सालाना रिपोर्ट के रूप में जमा कराना होगा।
नियमों का उल्लंघन:
प्रस्तावित नियमों के पूरा न होने पर दुकान का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। साथ ही पशुओं की जब्त कर पशु कल्याण संगठन या फिर बोर्ड से मान्यता प्राप्त रेस्क्यू सेंटर को सौंप दिया जाएगा।
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