हाल ही में यहां के नित्यानंद मठ में संपन्न एक धार्मिक विधि के समय विश्वभर के ६० देशों के सहस्रों लोगोंद्वारा हिन्दू धर्म का स्वीकार किया गया।
विविध धार्मिक विधि, जीवनपद्धति एवं पूजा-अर्चना कर इन विदेशी नागरिकों के हिन्दू नाम रखे गए। किसी को यदि हिन्दू होना हो, तो पारंपरिक शैवपंथीय मठों में लाखों वर्षों से समय दीक्षा, निर्वाण दीक्षा एवं आचार्य अभिषेक इन ४ दीक्षाओं को अपनाया जाता है।
विगत १० वर्षों में बंगळुरू के स्वामी नित्यानंद मठ में १० लाख से भी अधिक विदेश नागरिकों ने वैध रूप से हिन्दू धर्म में प्रवेश किया है। नित्यानंत मठ में हालही में संपन्न २१ दिवसीय ‘सदाशिवहोम’ नामक धार्मिक कार्यक्रम में सहस्रों विदेशी लोगों को हिन्दू धर्म की दीक्षा दी गई। इस धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होने के कारण लाखों लोगों के दुख, रोग तथा अन्य कष्ट दूर होकर अब वे आनंद के साथ अपना जीवन व्यतित कर रहे हैं, ऐसा मठ की ओर से बताया गया।
स्वामी परमहंस नित्यानंद मदुराई मठ के प्रमुख हैं। वे महानिर्वाणी आखाडे के महामंडलेश्वर भी हैं, साथ ही वे नित्यानंद ज्ञानपीठ के संस्थापक हैं। इस में आंतरराष्ट्रीय संस्था में योग एवं ध्यान का अध्ययन किया जाता है।
विदेशों में स्थित चर्चों का निर्मनुष्य होना तथा वहां के सहस्रों ईसाईयों का हिन्दू बनना, इस से ‘हिन्दू धर्म’ का आध्यात्मिक महत्त्व ध्यान में आता है ! जिस दिन भारत के पाखंडी पुरोगामियों के ध्यान में यह आएगा, वह सुदिन होगा !
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