केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम और राष्ट्रीय जनजातीय वित्त एवं विकास निगम के सहयोग से जनजातीय समुदाय की आजीविका के लिए राष्ट्रीय संसाधन केंद्र की शुरूआत करने जा रहा है। ‘वन जीवन’ नामक इस केंद्र की शुरूआत केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री श्री जुएल ओराम आगामी 22 दिसंबर को भुवनेश्वर में करेंगे। इस अवसर पर केंद्र की वेबसाइट और ई-ज्ञान मंच की भी शुरूआत की जाएगी।
अगले दिन जनजातीय क्षेत्रों में जनजातीय समुदाय के कौशल और उद्यमियता विकास पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन होगा। इस कार्यशाला में वन आधारित उपजों के बेहतर उत्पादन के तरीकों और उनके विपणन पर भी चर्चा होगी। कार्यशाला में पूर्व केंद्रीय जनजातीय सचिव डॉ. ऋषिकेश पांडा और तत्कालीन योजना आयेाग के पूर्व सचिव डॉ एन सी सक्सेना समेत कई विशेषज्ञ और केंद्र तथा राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भाग लेंगे।
पहले चरण में ‘वन जीवन’ छह राज्यों के उन चुनिंदा जिलों के लिए कार्य करेगा जहां आदिवासी समुदाय का मानव विकास सूचकांक बहुत नीचे है। ये राज्य हैं- ओडिशा, असम, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना। दूसरे चरण में यह केंद्र अरूणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, महाराष्ट्र, मेघालय और त्रिपुरा के लिए कार्य करेगा।
इस कार्यक्रम के तहत स्थानीय स्तर पर आदिवासी समुदाय के पास उपलब्ध कौशल और संसाधनों के आधार पर उनकी उद्यमिता विकास पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। उपरोक्त उद्देश्य के लिए विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के लिए आवंटित धनराशि के समुचित उपयोग के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। कुल मिलाकर यह राष्ट्रीय संसाधन केंद्र आदिवासियों के बीच उद्यमिता कौशल को बढ़ावा देने से संबंधित सभी पहलुओं पर ध्यान देगा जिससे जनजातीय समुदाय में उद्यमिता को बढ़ावा दिया जा सके।
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