सुहागनगरी में अरुणोदय स्वयंसेवक संगम का आयोजन हुआ। इसमें अलग-अलग स्थानों से हजारों की संख्या में पूर्ण गणवेश में स्वयंसेवक जय घोष करते हुए पीडी जैन इंटर कालेज के मैदान पहुंचे। स्वयंसेवकों ने कालेज के मैदान पर ध्वज प्रणाम करते हुए योग का प्रदर्शन किया। मुख्य वक्ता एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर ने कहा कि संकीर्णता से ऊपर ही उठकर चलना भारत है और मर्यादा से ऊपर उठकर रहना हिंदू है। इसी विचारधारा के चलते भारत विश्व गुरु बना। संघ में जातीयता का कोई स्थान नहीं है। अरुणोदय स्वयं सेवक संगम से पूर्व शहर में राष्ट्रीय स्वयंसेवकों की ओर से दस स्थानों से पथ संचलन निकाला गया। सुरक्षा व्यवस्था युवा वाहिनी के पदाधिकारियों ने संभाली। केशवनगर सुहागनगर मेला पार्क से सुभाष चौराहा सर्विस होते हुए पंडित दीनदयाल उपाध्याय पार्क लेबर कालोनी एवं चंद्रवार गेट बीआर वाटिका पहुंचे। कोटला मोहल्ला, कटरा सुनारान से गंज मोहल्ला से वीर सावरकर नगर कमला ग्लास कंपाउंड, आसफाबाद माताप्रसाद कलावती स्कूल से थाना रसूलपुर जैन गली से स्वयंसेवक पथ संचलन करते हुए पहुंचे।
हुंडावाला के बाग एवं उर्वशी चौराहे से बोहरान गली, पुरानी मंडी, चौकी गेट के चौराहा से सरक्यूलर रोड, हनुमान रोड होकर एवं मधुकर नगर कोटला रोड बालकिशन गुप्ता की बगीची, सुदर्शन नगर विभवनगर पानी की टंकी के पास एवं माधव नगर सरस्वती शिशु मंदिर गोशाला, नगला बरी एवं गोपीनाथ इंटर कालेज से पथ संचलन करते पीडी जैन कालेज प्रांगण पहुंचे। योगाभ्यास के दौरान स्वयंसेवक कदमताल करते दिखाई दिए। मार्ग में कई स्थानों पर पुष्पवर्षा कर पथ संचलन का स्वागत किया गया।
पीडी जैन इंटर कालेज मैदान में हजारों की संख्या में स्वयंसेवकों को एबीवीपी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के लिए संघ के विभिन्न प्रकल्प तेजी से काम कर रहे हैं। विश्व की प्रमुख कंपनियां भारतीय युवाओं को सीईओ बनाने को तलाश रहीं है। पर्यावरण की समस्या के निदान पर काम हो रहा है।
उन्होंने कहा 1925 में संघ की शुरुआत डा. हेडगेवार ने तब की जब देश में आजादी की लड़ाई का दौर चल रहा था। संघ कर्म के बारे में बहुत से लोग नहीं जानते थे। खुद डा. हेडगेवार ने बाल्यावस्था में अंग्रेजों का झंडा उतारकर राष्ट्र ध्वज लगाया था। कांग्रेस के उन दिनों नागपुर सम्मेलन की सफलता में डा. हेडगेवार ने अहम भूमिका निभाई थी। डा. हेडगेवार ने संघ की स्थापना की तो कुछ लोगों ने इसकी जरूरत नहीं समझा लेकिन वह मानते थे कि बदलाव समाज के अंदर से होगा।
भाषा एवं रंग के आधार पर देश नहीं बनता बल्कि हिंदू कोई सम्प्रदाय नहीं, बल्कि एक विचार धारा है। वसुधैव कुटुंबकम के आधार पर भारत विश्वगुरु बना। संघ में कट्टरता का कोई स्थान नहीं है। मंच पर ब्रज प्रांत संघ चालक जगदीश, महानगर संघ चालक डा. रमाशंकर सिंह मौजूद रहे। आभार संयोजक अरविंद बंसल ने व्यक्त किया। संचालन महानगर कार्यवाह ब्रजेश यादव ने किया।
अरुणोदय स्वयंसेवक संगम में वरिष्ठ स्वयंसेवक रामप्रकाश अग्रवाल, मोहन लाल अग्रवाल, विश्नू दयाल राजपूत, राजेश्वर दयाल गोयल, किशन स्वरूप शर्मा, महेंद्र कुमार जैन, छत्तूमल, रामसनेही लाल गुप्त, सोमकुमार जैन, केशवचंद्र गुप्ता, ओमप्रकाश सांई, बनारसीलाल भोला, ताराचंद्र गुप्ता, भगवती प्रसाद कलौनी, नन्नूमल, राजेंद्र प्रसाद मढ़ावार, रामनिवास गुप्ता, श्याम बिहारी लाल अग्रवाल, उत्तर चंद्र भट्टी वाले, रामकिशन फैंसी, राम प्रसाद, हरिकिशोर दीक्षित, रामसिंह कुशवाह भट्ठी वाले, त्रिलोकीनाथ शेट्टी, डा. वीरेंद्र सिंह, नत्थीलाल पंसारी, रमेशचंद्र, कालीचरन यादव, जितेंद्र, गिरजाशंकर गुप्ता, अनमोल, गोपाल आदि को प्रशस्तिपत्र एवं श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया।
स्वयंसेवक संगम के दौरान विभिन्न धर्मों के धर्मगुरु और विद्वानों का सम्मान किया गया। जैन समाज से जैन विद्वान अनूपचंद्र जैन एडवोकेट, सोह्म आश्रम जैननगर के स्वामी गंगानंद, शांतिकुंज हरिद्वार गायत्री पीठ के अश्वनी कुमार मिश्र एवं पारखी संत परमानंद कबीरपंथी का सम्मान किया। पूज्य भदंत बुद्धशरण महाथेरा, पंडित जगजीवनराम मिश्र इंदुजी महाराज, ज्ञानी हरविंदर सिंह, पंडित शिवशुंदर, मदन को सम्मानित किया गया।
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