प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने मणिपुर विश्विद्यालय में 105वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस का उद्धघाटन किया। उन्होंने अपने भाषण की शुरूआत तीन विशिष्ट महान भारतीय वैज्ञानिकों- पद्म विभूषण प्रो. यशपाल, पद्म विभूषण डॉ. यू. आर. राव तथा पद्मश्री डॉ. बलदेव राज को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की,जिन्हें हमने हाल में खो दिया है। इन सभी वैज्ञानिकों ने भारतीय विज्ञान और शिक्षा में असाधारण योगदान किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आइए हम सब अपने समय के महानतम भौतिक शास्त्री स्टीफन हॉकिंग के निधन से विश्व शोक में शामिल हों। वे आधुनिक अंतरिक्ष के सर्वाधिक प्रकाशवान सितारा थे। वह भारत के मित्र थे और उन्होंने हमारे देश की दो बार यात्रा की थी। आम व्यक्ति हॉकिंग का नाम जानता है इसलिए नहीं कि उन्होंने ब्लैक होल पर काम किया बल्कि इसलिए कि उन्होंने असामान्य रूप से उच्च संकल्प व्यक्त किया और सभी बाधाओं के बावजूद दृढ़ भावना के साथ काम किया। वे विश्व के सर्वकालिक महानतम प्रेरक के रूप में याद किए जाएंगे।
श्री मोदी ने कहा कि उन्हें आज भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 105वें अधिवेशन के अवसर पर इम्फाल आकर हर्ष का अनुभव हो रहा है और वे वैज्ञानिकों के बीच आकर प्रफुल्लित है, जिनका काम बेहतर कल का मार्ग प्रशस्त करने का रहा है। विश्वविद्यालय पूर्वोत्तर क्षेत्र में उच्च शिक्षा के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में उभर रहा है। सदी में यह दूसरा अवसर है, जब भारतीय विज्ञान कांग्रेस का सम्मेलन पूर्वोत्तर क्षेत्र में हो रहा है। यह पूर्वोत्तर क्षेत्र की आगे बढ़ती भावना का साक्ष्य है।
प्रधनमंत्री ने कहा कि यह भविष्य के लिए शुभ संकेत है। विज्ञान अनगिनत समय से प्रगति और समृद्धि का पर्याय रहा है। अपने देश के श्रेष्ठ वैज्ञानिक मस्तिष्क के रूप में यहां एकत्र आप सभी ज्ञान, नवाचार और उद्यम के भंडार हैं और इस परिवर्तन के वाहक के रूप में समुचित रूप से लैस हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि‘आरएंडडी’ को फिर से परिभाषित करने का उचित समय आ गया है। समय आ गया है कि ‘अनुसंधान एवं विकास’ को राष्ट्र के ‘विकास’ के लिए ‘अनुसंधान’ के रूप में पुन: परिभाषित किया जाए। यही इसका वास्तविक अर्थ भी है। आखिरकार विज्ञान अधिक महान उद्देश्य को पूरा करने का साधन है-दूसरों की जिंदगी में बदलाव करना, मानव प्रगति और कल्याण को आगे बढ़ाना। शक्ति तथा विज्ञान और प्रौद्योगिकी की क्षमता के जरिए 125 करोड़ भारतीयों के जीवन को सहज बनाने के लिए भी संकल्प व्यक्त करने का सही समय आ गया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यहां वेमणिपुर की वीर भूमि पर हैं, जहां अप्रैल 1944 में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की आईएनए ने स्वतंत्रता का आह्वान किया था। जब आप मणिपुर से जाएंगे तो मुझे विश्वासहै कि आप अपने साथ देश के लिए कुछ करने की समर्पण भावना के साथ यहां से जाएंगे।
श्री मोदी ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की बड़ी समस्याओं के कारगर समाधान के लिए भी विविध धाराओं के वैज्ञानिकों के बीच सहयोगऔर समन्वय की आवश्यकता होती है। केन्द्र सरकार ने विज्ञान के क्षेत्र में पूर्वोत्तर राज्यों के लिए अनेक नए कार्यक्रमों की शुरूआत की है। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अंतर्गत कृषि मौसम सेवाएं दी जा रही हैं।हैं। इससे पांच लाख से अधिक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। हम अब इस नेटवर्क को पूर्वोत्तर के सभी जिलों तक बढ़ाने पर काम कर रहे हैं। अनेक केन्द्र पूर्वोत्तर के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी को प्रासंगिक बना रहे हैं। मणिपुर में एक ‘इथनो मेडिसनल रिसर्च सेंटर’ स्थापित किया गया है। यह केन्द्र पूर्वोत्तर क्षेत्र में उपलब्ध उन जड़ी बूटियों पर शोध करेगा, जिनके औषधीय और सुगंध-चिकित्सकीय गुण अनूठे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय विज्ञान कांग्रेस की समृद्ध विरासत रही है। आचार्य जे.सी. बोस, सी.वी रमण, मेघनाथ साहातथा एस.एन. बोस जैसे भारत के दिग्गज वैज्ञानिकों द्वारा इसका नेतृत्व किया गया है। इन महान वैज्ञानिकों द्वारा तय किए गए उत्कृष्टता के मानकों से नए भारत को प्रेरणा लेनी चाहिए। विभिन्न अवसरों पर वैज्ञानिकों के साथ बातचीत में मैंने वैज्ञानिकों को अपनी सामाजिक, आर्थिक समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने का आह्वान किया है।इस संदर्भ में इस वर्ष की भारतीय विज्ञान कांग्रेस का विषय ‘विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से अगम्य तक पहुंचना’है। यह विषय मेरे हृदय के बहुत निकट है।
इसके पूर्व उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए विज्ञान एवं प्रौद्योगीकी मंत्री डॉ हर्षवर्द्धन ने कहा कि सरकार का लक्ष्य विज्ञान और प्रौद्योगीकी के लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचाना है। डॉं हर्षवर्द्धन ने कहा कि वैज्ञानिक भावना प्राचीन भारतीय धरोहर का हस्सिा है और प्रत्येक उपलब्धि भारत की प्राचीन वैज्ञानिक उपलब्धियों का विकास है। उन्होंने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्वोगीकी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय आपस में मिलकर काम कर रहे हैं।
मणिपुर के मुख्यमंत्री श्री एन बिरेन सिंह ने विज्ञान कांग्रेस के आयोजकों को बधाई दी। मणिपुर की राज्यपाल डॉं. नजमा हेपतुल्ला, पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री डॉं जितेन्द्र सिंह मणिपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आद्या प्रसाद पांडेय उद्घाटन समारोह में मंच पर उपस्थित थे।
आईएससीए के अध्यक्ष प्रो. अच्युता सामंत ने प्रमुख संबोधन दिया। इनके अलावा देश-विदेश के वैज्ञानिक तथा केंद्र और राज्य के आला अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे। यह पांच दिवसीय आयोजन इस माह की 20 तारीख को पूरा होगा।
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