सरकार ने प्राइवेट एजेंसियों और संस्थागत एजेंसियों, दोनों के लिए 1 अप्रैल, 2018 से यूरिया का डीलर मार्जन (व्यापारी लाभ) 354 रुपये प्रति टन संशोधित किया। इस कदम से देशभर में करीब 23,000 व्यापारियों को लाभ होगा, जिससे डीबीटी लागू होने के बाद से उनकी वित्तीय व्यवहार्यता बढ़ेगी।
सरकार ने यूरिया की बिक्री के लिए सभी व्यापारियों/वितरकों को एक समान लाभ भुगतान के लिए डीलर मार्जन में संशोधन का अनुमोदन कर दिया है। नई दर के अनुसार 354 रुपये प्रति टन डीलर मार्जन निर्धारित किया गया है। संशोधित दर 1 अप्रैल 2018 से लागू होगी। डीलर मार्जन का भुगतान केवल उन्हीं व्यापारियों को दिया जाएगा, जो पीओएस उपकरण के जरिए यूरिया की बिक्री करेंगे।
वर्तमान में यूरिया की बिक्री पर प्राइवेट एजेंसियों और सहकारी संस्थाओं को वितरण/डीलर मार्जन दिया जा रहा है, जो 18 जून, 1999 की अधिसूचना के अनुसार प्राइवेट व्यापार के जरिए बिक्री पर 180 रुपये प्रति टन और संस्थागत एजेंसियों के जरिए बिक्री पर 200 रुपये प्रति टन की दर से दिया जाता है। उर्वरक क्षेत्र में प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) लागू करने के सरकार के निर्णय के उपरांत व्यापारियों और उर्वरक कम्पनियों द्वारा वितरण/डीलर मार्जन में बढ़ोतरी की मांग निरंतर की जा रही थी, ताकि डीबीटी कार्यान्वयन के बाद व्यापारियों की वित्तीय व्यवहार्यता सुनिश्चित की जा सके।
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