प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के शुभारंभ के बाद से लेकर अब तक स्वीकृत 40.65 लाख मकानों में से 21.97 लाख मकानों की नींव डाली गई है/निर्माण कार्य पूरा हुआ है
22 मार्च, 2018 को ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ समाचार-पत्र में ‘पीएम आवास योजना: शहरी आवास योजना के तहत सिर्फ 8 फीसदी लक्ष्य पूरा’ शीर्षक से प्रकाशित खबर भ्रामक है। ‘8 फीसदी लक्ष्य पूरा होने’ का डेटा केवल ‘निर्मित मकानों के आंकड़े’ से प्राप्त किया गया है, जो आंकड़ों के उपयोग में खामी को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की प्रगति को इस तथ्य के आधार पर मापा जा सकता है कि अब तक स्वीकृत 40.65 लाख मकानों में से 18.47 लाख मकानों की नींव डाली जा चुकी है और 3.5 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इसके अलावा मार्च, 2014 तक अधूरे पड़े मकानों और जेएनएनयूआरएम के तहत स्वीकृत मकानों में से 1.7 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस तरह निर्मित घरों की कुल संख्या 5.2 लाख के आंकड़े को छू चुकी है।
इसके अलावा, पिछले एक वर्ष में सरकार द्वारा स्वीकृत मकानों की संख्या 21.65 लाख है। आवासीय परियोजनाएं अपने निर्माण की प्रक्रिया पूरी करने में आम तौर पर 18 से 24 महीने लेती हैं। इसलिए मकान निर्माण के लिए नींव डाले जाने को जमीनी स्तर पर योजनाओं की वास्तविक और भौतिक प्रगति का सही संकेत माना जाता है। निर्माण के लिए जिन मकानों की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है उनमें से 55 प्रतिशत मकानों का काम शुरुआती स्तर पर, 12 प्रतिशत मकानों का काम नींव डाले जाने के स्तर पर और बाकी मकानों का निर्माण कार्य पूर्णता के विभिन्न चरणों में है। इस योजना ने वास्तविक गति अक्टूबर, 2016 में पकड़ी थी और हितधारकों के साथ साझेदारी एवं निविदा संबंधी गतिविधियों के बाद निर्माण कार्य वर्ष 2017 से जारी है।
इस योजना के कार्यान्वयन की गति पर विशेष जोर देने के उद्देश्य से किफायती आवास के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र (जिसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा पीएमएवाई (यू) है) पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, जिसमें ढांचागत दर्जा प्रदान करना, एफडीआई प्रक्रिया का सरलीकरण, पीपीपी मॉडल की शुरुआत, नई आधुनिक एवं अभिनव निर्माण प्रौद्योगिकियों पर अमल करना, एमआईजी के लिए ‘सीएलएसएस’ के तहत ब्याज सब्सिडी हेतु पात्र माने जाने वाले मकानों का कारपेट एरिया बढ़ाना और पीएमएई (यू) के तहत क्षेत्रों की कवरेज में वृद्धि करना भी शामिल हैं। ईडब्ल्यूएस, एलआईजी, एमआईजी I और एमआईजी II को कवर करने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) अर्थात पीएमएवाई-यू केसीएलएसएस खंड के तहत निर्मित या अधिग्रहीत मकानों के लिए जीएसटी दर को भी 12 प्रतिशत से घटाकर 8 प्रतिशत कर दिया गया और यह 25 जनवरी, 2018 से प्रभावी है।
इन उपायों की बदौलत प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) सही दिशा में आगे बढ़ रही है। प्रत्येक महीने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 3 लाख से भी अधिक मकानों को मंजूरी दी जा रही है और पूर्ववर्ती योजनाओं की तुलना में इसका काम ज्यादा तेजी से आगे बढ़ रहा है।
- जेएनएनयूआरएम की 7-वर्षीय मिशन अवधि के दौरान 12.41 लाख आवास इकाइयों को मंजूरी दी गई; जबकि 3 साल से भी कम समय में पीएमएवाई (यू) के तहत स्वीकृत मकानों की संख्या पहले ही 3 गुना से भी अधिक हो गई है (40.65 लाख मकान)
- पीएमएवाई (यू) के तहत मकानों का निर्माण कार्य पूरा करने की दर लगभग 14,252 मकान प्रति माह है, जबकि यह आंकड़ा इससे पहले की योजना के तहत केवल 8,333 मकान प्रति माह था।
- पूर्ववर्ती ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएचयूपी/आरआरवाई) में 18,166 लाभार्थी ऋण खातों को केवल 22.50 करोड़ रुपये जारी किए गए थे, जबकि पीएमएवाई (यू) के तहत लाभार्थियों की संख्या 5 गुना (91,694) और ब्याज सब्सिडी 82 गुना से भी अधिक (1859 करोड़ रुपये) है।
केंद्र ने इस योजना के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को सहायता के रूप में 13,582 करोड़ रुपये जारी किए हैं।पीएमएवाई (यू) के त्वरित कार्यान्वयन के उद्देश्य से विभिन्न चरणों में बजटेतर संसाधन (ईबीआर) जुटाने हेतु मंत्रालय में 60,000 करोड़ रुपये के लिए एक राष्ट्रीय शहरी आवास कोष बनाने हेतु पिछले महीने केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदन करने के साथ ही राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को निरंतर वित्त पोषण सुनिश्चित करने के लिए एक उपयुक्त व्यवस्था बनाई गई है।
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