सरकार ने एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किए हैं। इन बदलावों के बाद अब एमएसएमई को उनके निवेश के आधार पर नहीं बल्कि सालाना टर्नओवर के हिसाब से वर्गों में बाटा जाएगा। इससे कई कारोबारी एमएसएमई की सीमा से बाहर हो गए हैं। सरकार के इस कदम का असर एसी, केबल ऑपरेटर्स और ज्वेलर्स पर पड़ रहा है।
एमएसएमई डेवलपमेंट एक्ट 2006 में बदलाव की वजह से छोटे, मझोले कारोबारियों को वर्गीकृत करने के मानदंड बदल गए हैं। पहले मशीनरी या इक्विपमेंट में किए निवेश के आधार पर कारोबार को एमएसएमई के वर्गों में बाटा जाता था। अब एमएसएमई की नई परिभाषा के मुताबिक 5 करोड़ रुपये के सालाना टर्नओवर वाले कारोबार को माइक्रो...
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