पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सतर्क केंद्र सरकार ने गुरुवार को बड़ा फैसला लिया है. अब जम्मू-कश्मीर में तैनात सभी सुरक्षाबल के जवान जम्मू से श्रीनगर सड़क से यात्रा नहीं करेंगे. सभी जवानों को अब हवाई रास्ते से भेजा जाएगा. इस आदेश को गुरुवार से ही लागू कर दिया गया है. इस आदेश के बारे में बुधवार देर शाम ही सुरक्षाबलों के प्रमुखों को अवगत करा दिया गया है.
ये आदेश असम रायफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ, आईटीबीपी, एसएसबी और एनएसजी समेत सभी जवानों पर लागू होगा. यानी जो भी जवान अपनी ड्यूटी से लौट रहा हो, उसका ट्रांसफर हुआ हो या फिर घर से लौट रहा हो, उन सभी जवानों को जम्मू बेस कैंप या नई दिल्ली से श्रीनगर हवाई रास्ते से ही भेजा जाएगा. इतना ही नहीं अगर कोई जवान श्रीनगर से लौट रहा है तो भी उसे हवाई सुविधा मिलेगी.
पहले ये सुविधा सीनियर रैंक के अधिकारियों को मिलती थी, लेकिन अब सभी जवानों पर ये नियम लागू होगा. गुरुवार को गृह मंत्रालय की ओर से ट्वीट कर इस फैसले की जानकारी दी गई.
- दिल्ली से श्रीनगर, श्रीनगर से दिल्ली, जम्मू से श्रीनगर, श्रीनगर से दिल्ली रूट पर सभी जवानों को फायदा
- करीब 7 लाख 80 हजार जवानों को इस फैसले का सीधा लाभ मिलेगा
- इनमें कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, अस्सिटेंट सब इन्सपेक्टर को भी मिलेगा लाभ
14 फरवरी को जो पुलवामा में आतंकी हमला हुआ था, तब सुरक्षाबलों का एक बड़ा काफिला सड़क के रास्ते जम्मू से श्रीनगर जा रहा था. इसी का फायदा उठाते हुए जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी ने सीआरपीएफ के जवानों को निशाना बनाया था.
तब 78 वाहनों में करीब 2500 जवान जम्मू से श्रीनगर जा रहे थे, उसी दौरान जब काफिला पुलवामा में पहुंचा. तो जैश के लोकल आतंकी आदिल अहमद डार ने अपनी विस्फोटक से भरी गाड़ी को जवानों के काफिले में घुसा दिया था, जिसकी वजह से धमाका हुआ और 40 जवान शहीद हो गए थे.
गौरतलब है कि इससे पहले भी हमले के तुरंत बाद गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला करते हुए ऐलान किया था कि जब सेना का काफिला किसी रास्ते से गुजर रहा होगा, तो वहां आम लोगों को अपना वाहन लाने की इजाजत नहीं होगी.
सरकार इसके अलावा भी कई बड़े फैसले ले चुकी है. जिसमें जम्मू-कश्मीर में रह रहे अलगाववादी नेताओं को मिली सुरक्षा वापस ले ली गई थी. वहीं सेना के जवानों के काफिले के रूट और नियमों में भी कई तरह के बदलाव किए गए हैं.
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