राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा के तार 2013 में हुए एनएसईएल घोटाले के कर्ताधर्ता जिग्नेश शाह से जुड़े हैं। वो भी तब जब यूपीए सरकार के दौरान सीबीआई उसकी जांच कर रही थी।
साल 2013 में एनएसईएल घोटाले का पता चला। जिसकी जांच मजबूरी में सीबीआई को सौंपी गई। जिग्नेश शाह के खिलाफ 150 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई। इसके बाद जनवरी 2014 में मुंबई पुलिस ने 9 हजार पन्नों की सप्लिमेंट्री चार्जशीट दायर की। और फिर अप्रैल 2015 में ईडी ने जिग्नेश शाह के खिलाफ चार्जशीट दायर की। जिग्नेश शाह के खिलाफ जो मामला दायर हुआ उसमें धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के उल्लंधन का आरोप था।
साल 2013 में एनएसईएल घोटाले का पता चला। जिसकी जांच मजबूरी में सीबीआई को सौंपी गई। जिग्नेश शाह के खिलाफ 150 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई। इसके बाद जनवरी 2014 में मुंबई पुलिस ने 9 हजार पन्नों की सप्लिमेंट्री चार्जशीट दायर की। और फिर अप्रैल 2015 में ईडी ने जिग्नेश शाह के खिलाफ चार्जशीट दायर की। जिग्नेश शाह के खिलाफ जो मामला दायर हुआ उसमें धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र और भ्रष्टाचार निरोधक कानून के उल्लंधन का आरोप था।
दरअसल, दिल्ली के महरौली इलाके के इंदिरा गांधी फॉर्महाउस है। ये महरौली के सुल्तानपुर गांव में है। 4.6 एकड़ के इस फॉर्महास की चाहरदीवारी 1014 फीट लम्बी है। इसके मालिक राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा हैं।
राहुल गांधी ने 2009 के चुनाव में राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के सामने जो हलफनामा दायर किया था उसके मुताबिक 4.6 एकड़ के इस फॉर्महाउस की कीमत 9.86 लाख रुपये थी। जाहिर है इस बात को कोई भी आसानी से समझ जाएगा कि किस तरह करोड़ों की प्रॉपर्टी का दाम औना पौना दिखाया गोलमाल की गई है।
जिस वक्त एनएसईएल घोटाला हुआ था उस वक्त जिग्नेश शाह राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा को 60.30 लाख रुपये इस फॉर्महाउस का किराया दे रहे थे। किराए की इस रकम को वो 6 लाख सत्तर हजार रुपये की मासिक किस्त के तौर पर अदा कर रहे थे। रुपयों का भुगतान चेक के जरिए किया गया था।
एक फरवरी 2013 को राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा ने 11 महीने के लिए ये करार किया। दिलचस्प ये कि जिस प्रॉपर्टी की कीमत राहुल गांधी ने 9.86 लाख रुपये अपने हलफनामे में लगाई थी उसे एक घोटालेबाज को देकर वो महीने का 6 लाख 70 हजार रुपये किराए में कमा रहे थे।
किराए का ये एग्रीमेंट राहुल ने जिग्नेश शाह के साथ तब किया जब एनएसईएल को कंज्यूमर अफेयर विभाग 2012 में एक नोटिस भेज चुका था।
किराए का ये एग्रीमेंट राहुल ने जिग्नेश शाह के साथ तब किया जब एनएसईएल को कंज्यूमर अफेयर विभाग 2012 में एक नोटिस भेज चुका था।
उससे भी हैरान करने वाली बात ये कि जिग्नेश शाह ने राहुल और प्रियंका को प्रॉपर्टी की कीमत से 405 परसेंट ज्यादा रुपया डिपाजिट मनी के तौर पर दी थी। जिग्नेश शाह की कंपनी ने राहुल और प्रियंका को तीस लाख 14 हजार रुपये सेक्युरिटी मनी के तौर पर दी थी।
जिग्नेश शाह देश के सबसे बड़े घोटालेबाजों में से एक है । जिग्नेश शाह ने एनएसईएल घोटाले के जरिए देश में तकरीबन 13 हजार निवेशकों से तकरीबन 56 हजार करोड़ रुपये की ठगी की थी।
सोर्स : रिपब्लिक भारत
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