विदेश मंत्रालय ने रूस-यूक्रेन युद्ध से पैदा हुए संकट पर गुरुवार को सलाहकार समिति की बैठक बुलाई। बैठक में छह राजनीतिक दलों के नौ सांसदों ने हिस्सा लिया। इन सभी ने मौजूदा संकट से निपटने के लिए सुझाव तो दिए ही, एक-से-बढ़कर एक सवाल भी दागे जिनका विदेश मंत्रालय ने विस्तृत जवाब दिया। इससे शशि थरूर इतने संतुष्ट हुए कि उन्होंने विदेश मंत्री की तारीफों के पुल बांध दिए।
थरूर ने ट्वीट कर कहा, 'यूक्रेन पर विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति की आज सुबह बुलाई गई बैठक जबर्दस्त रही। हमारे सवालों और चिंताओं पर विस्तृत और बिल्कुल सटीक जवाबों के लिए डॉ. एस जयशंकर और उनके सहयोगियों का धन्यवाद।' थरूर ने मोदी सरकार की विदेश नीति की तारीफ में कसीदे पढ़ डाले। उन्होंने लिखा, विदेश नीति में यही जोश-ओ-खरोश दिखनी चाहिए। हमने कई बिंदुओं पर बातचीत की। विदेश मंत्री इसकी जानकारी देगा। यह शानदार मीटिंग थी। हम सभी एकजुट हैं।
थरूर ने कहा कि बैठक में शामिल सांसदों ने विदेश मंत्रालय से ही बयान जारी करने का आग्रह किया है। उन्होंने लिखा, 'मैंने मीडिया के आग्रह पर कोई टिप्पणी नहीं की क्योंकि यह गुप्त बैठक थी। हालांकि, हमने विदेश मंत्रालय से रटा-रटाया नहीं, विस्तृत बयान जारी करने की अपील की है। मीटिंग बेहत रचनात्मक भावना से संचालित हुई और सभी दलों ने हमारे नागरिकों की सुरक्षित घर वापसी के मुद्दे पर एकजुटता का इजहार किया।' सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी ने मीटिंग में चीन और पाकिस्तान के रूस के करीब आने का मुद्दा उठाया, फिर कहा कि प्राथमिकता अभी यूक्रेन से छात्रों को निकालना है। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि हमें प्रतिक्रिया में देर हुई और एडवाइजरी भ्रमित कर रही थीं।
वहीं, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मौजूदा हालात पर स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्र अपने को लेकर उधेड़बुन में थे, लेकिन यूक्रेन सरकार ने उन्हें भरोसा दिलाया। सूत्रों ने बताया कि जयशंकर ने मीटिंग में भारतीयों की घर वापसी और ताजा हालात पर प्रजेंटेशन दिया। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस सांसदों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में रूस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहने की नीति का समर्थन किया। थरूर ने कहा कि जब भी राष्ट्रीय हितों की बात होती है तो भारत सर्वप्रथम की नीति पर पक्ष-विपक्ष एकजुट हो जाते हैं। वहीं, विदेश मंत्री ने भी मीटिंग पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि बैठक में मुद्दे के सामरिक और मानवीय पहलुओं पर अच्छी चर्चा हुई।
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