वाहनों के लिए टोल टैक्स माफ करने का फैसला किया है और अब एमपी में सिर्फ कमर्शियल वाहनों से ही टोल वसूला जाएगा. इस फैसले के बाद अब निजी वाहन चालक बिना टोल चुकाए बूथ से आगे बढ़ सकेंगे. राज्य सरकार ने टेल टैक्स से जुड़ी पॉलिसी में बदलाव के बाद ये फैसला सुनाया है. माना जा रहा है कि बीजेपी सरकार ने राज्य में आगामी चुनावों को देखते हुए जनता को ये फायदा पहुंचाया है.
ऐसे सभी वाहन जिनका इस्तेमाल बतौर कमर्शियल वाहन नहीं होता है, वो टोल टैक्स में रिवायत के दायरे में आते हैं. राज्य के सड़क विकास निगम द्वारा हाल में इस नीति में बदलाव किया है और ऑपरेट एंड ट्रांसफर के तहत बनाई गई सभी सड़कों पर अब टोल नहीं लगेगा. बिल्ड ऑपरेट एंड ट्रांसपोर्ट नीति के तहत एजेंसियां सड़क बनाती हैं और इसके लिए टोल वसूलती हैं. इसके अलावा प्रदेश सरकार इन एजेंसियों को आसान किश्तों में सड़क निर्माण की रकम चुकाती है. सरकार इन दोनों तरहों की सड़कों पर निजी वाहन चालकों से टैक्स नहीं वसूलेगी.
मध्य प्रदेश सरकार ने इस पॉलिसी में बदलाव से पहले राज्य की 200 सड़कों का सर्वे PWD यानी लोक निर्माण विभाग द्वारा कराया था. सर्वे में सामने आया है कि कुल टोल टैक्सा का 80 प्रतिशत सिर्फ कमर्शियल वाहनों से आता है, ऐसे में निजी वाहनों का योगदान सिर्फ 20 फीसदी ही है. इस राशि और इसे माफ करने पर जनता को होने वाले लाभ को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ये फैसला सुनाया है. इस फैसले से पहले PWD ने एक प्रस्ताव तैयार किया था जिसमें निजी वाहनों का टोल टैक्स माफ करने की पूरी जानकारी मुख्यमंत्री के सामने पेश की गई.